May 18, 2017

नेता जी की बेइज़्ज़ती

 नेता जी की बेइज़्ज़ती 

आज तोताराम के साथ एक प्राणी आए |जनता के दुबलाने के कारण और साक्षात् प्रमाण;  खाते-पीते, हृष्ट-पुष्ट; सेवा से मेवा-वसूली से प्राप्त समृद्धि के प्रतीक |

हमने उत्सुकता ज़ाहिर की, कौन हैं ?

बोला- मनुष्य हैं ?

हमने कहा- मनुष्य तो इतना वज़नी नहीं होता |
बोला- सज्जन हैं |

हमने कहा- सज्जनों की तो आजकल हालत ख़राब है जब कि ये तो भगवान की दया के बिना ही माशा अल्लाह...
बोला- नेता जी हैं |

हमने कहा- तो फिर सच बात क्यों नहीं बताता |वैसे ये आज इतने गंभीर क्यों है ?क्या देश के विकास की चिंता में खोए हैं ?

बोला- नहीं, किसी ने इनकी बेइज़्ज़ती कर दी | 

हमने कहा- जो इनके पास है ही नहीं,  उसे कौन नुकसान पहुँचा सकता है ? 
अब तो नेता जी फट पड़े- क्या हमारी कोई इज्ज़त ही नहीं |

हमने जान छुड़ाने के लिए कहा- जब किसी ने इज्ज़त हतक कर दी तो फिर रही कहाँ ?

कहने लगे- तभी तो हमने दावा कर दिया है करोड़ों का |अब हालत देखना बच्चू की |

हमने कहा- लेकिन आपने भी तो उसकी सरे आम कुटाई की थी |

बोले- वह तो समाज को अनुशासन, सभ्यता, आज्ञाकारिता सिखाने के लिए हमारा कर्त्तव्य था |आपको पता होना चाहिए कि देश भक्ति, अनुशासन आदि सभी श्रेष्ठ गुण कूट-कूट कर ही भरे जाते हैं |

हमने कहा- अगर वह भी आपको बदले में ईमानदारी, मानवीयता सिखाने के लिए कुटाई कर दे तो ?

बोले- तो हम सौ करोड़ का दावा कर देंगे |

हमने कहा- नेताजी, अपनी इज्ज़त अपने कर्मों से होती है |कोई गाली दे या पिटाई कर दे तो वह समाप्त नहीं होती |वह पैसे से नहीं नापी जा सकती |गाँधी जी की अंग्रेजों ने पिटाई की लेकिन वे उनकी बेइज़्ज़ती नहीं कर सके | क्योंकि उनकी इज्ज़त अपने कर्मों से थी न कि किसी पद से |
अब तो मामला कोर्ट में है सो हम क्या कहें ? फिर भी एक कहानी सुनिए |किसी ने किसी के एक थप्पड़ मार दिया |केस चला |जज ने पचास रुपए का जुर्माना कर दिया |अभियुक्त ने उसी वक्त फरियादी को एक थप्पड़ मारा और जज के पास जाकर बोला- साहब, छुट्टे नहीं हैं | दो थप्पड़ों के जमा कर लीजिए |

यदि आपकी बेइज़्ज़ती करने वाला खरबपति होता और इसी तरह हिसाब करने लग जाता तो क्या होता ?
जाइए और अपने कर्मों से इज्ज़त कमाइए |धर्म का धंधा करने वालों द्वारा हल्ला मचाने की बात और है अन्यथा आपने कभी भगवान की बेइज्ज़ती देखी है ? 

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