सीने का नाप
आज तोताराम एक नई ही सजधज में था- नाक की नोक पर नज़दीक की नज़र का चश्मा जो अब गिरूँ तब गिरूँ की मुद्रा में रखा था, कान पर टँगी पेन्सिल, कंधे पर कपड़े का सिलकर बनाया गया इंचीटेप |हमारे बचपन के साथी बशीर से मिलता-जुलता अंदाज़ जो आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़कर सिलाई का काम करने लगा था और आज से कोई तीस-बत्तीस साल पहले अल्लाह को प्यारा हो गया था |एक बार तो हम पहचान ही नहीं पाए |आते ही बोला- मियाँ, ज़रा खड़े तो होइए |आपके सीने का नाप लेना है |
हमने भी उसी के अंदाज़ में कहा- उस्ताद, अब क्या नाप लेना है ? कफ़न की न तो सिलाई होती है और न ही नाप | दो गज का सफ़ेद कपड़ा होता है जिसमें लपेट कर ले जाते हैं और वह भी साथ में नहीं ले जाने देते |वह भी डोम राजा उतरवा लेते हैं |जहाँ तक और कपड़ों की बात है तो अब जो हैं वे भी जीते जी शायद ही फटें |
और अब हमारा क्या तो सीना और उसका क्या नाप |हम जानते हैं- कभी ३६ इंच का रहा हमारा सीना लगता है उम्र के साथ प्रतिवर्ष दो-तीन मिलीमीटर की दर से कम होता जा रहा है | इस उम्र में सारा शरीर थोड़ा घटता ही है, बढ़ता थोड़े ही है |हाँ, जब डी.ए. बढ़ता है तो सीना एक इंच बढ़ जाता है और फिर जब दवा और दूध लेने बाज़ार जाते हैं तो दाम सुनकर फिर एक इंच सिकुड़ जाता है मतलब मूषकः मूषकः पुनः | और यही स्वाभाविक है |इस उम्र में वज़न और नाप घटना-बढ़ना ठीक नहीं |ज्यादा घटे तो कैंसर और ज्यादा बढ़े तो दिल की बीमारी या मधुमेह |
बोला-एक बार मोदी जी ने कहा था- उत्तर प्रदेश का विकास करने के लिए ५६ इंच का सीना चाहिए जिसका लोग आज तक मज़ाक उड़ा रहे हैं |वैसे मैं ऐसे लोगों से सहमत नहीं क्योंकि इतने बड़े देश का प्रधान मंत्री बनने के बाद गर्व और ख़ुशी से इतना फर्क पड़ना कोई बड़ी बात नहीं है |अब सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी ने कहा- मोदी जी सीना ५६ इंच का नहीं, १०० इंच का है |
अब भाई साहब, मुझे तो चिंता हो रही है लेकिन उन तक मेरी पहुँच नहीं है और फिर लिए उनके लिए तो बहुत से विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं | वैसे इतना चढ़ाव भी स्वाभाविक नहीं है |
वैसे तू भी तो देशभक्त है, सो सोचा तेरा सीना भी ऊपर नीचे हो रहा होगा |इसलिए परहेज की दृष्टि से सोचा- नाप ही ले आऊँ और कोई खतरे की बात हो तो किसी अच्छे डाक्टर को दिखा दें |
हमने कहा-पाकिस्तान हमारे देश को लगी हुई त्वचा की ऐसी बीमारी है जो न तो ठीक होगी और प्राणघातक |बस, इस बीमारी के नाम से चतुर डाक्टर पीढ़ी दर पीढ़ी पलते रहेंगे |इसलिए सावधानी ही उपाय है |सावधानी हटी और दुर्घटना घटी |देश की सभी सीमाओं पर निरंतर चौकसी रखें | ये सर्जिकल स्ट्राइक तो चलते ही रहेंगे |कभी इधर से, कभी उधर से | ये ढोल पीटने के विषय नहीं हैं और न ही कोई बहुत स्तर की कूटनीति | यह तो रोज का खुजलाना है | बिना बात झेंपने और बिना बात मूँछ ऐंठने से कोई फायदा नहीं | बातें बनाने वालों और धंधा करने वाले, बिकाऊ और सनसनी खोजी मीडिया को भी ऐसे कामों में ज्यादा मुँह नहीं लगाना चाहिए |बस, गोलमोल ब्रीफिंग फेंकते रहो |
तू तो उत्तर प्रदेश में गन्ने के खरीद सेंटर का ५० साल पुराना एक सच्ची घटना सुन |एक दिन संयोग से एक बहुत ही साइस्ता मिजाज़ के भूतपूर्व नवाब साहब अपनी गन्ने की गाड़ियों के साथ आ गए |वहाँ एक लफंगा उनसे टकरा गया, गाली दी और बदसलूकी की |नवाब साहब बोले- मियाँ, इस ज़माने कौन किसी को क्या देता है ?शुक्रिया कि आपने गाली ही दी मगर दी तो सही |दूसरे दिन उस लफंगे की लाश रेल की पटरियों पर पाई गई |
आज तोताराम एक नई ही सजधज में था- नाक की नोक पर नज़दीक की नज़र का चश्मा जो अब गिरूँ तब गिरूँ की मुद्रा में रखा था, कान पर टँगी पेन्सिल, कंधे पर कपड़े का सिलकर बनाया गया इंचीटेप |हमारे बचपन के साथी बशीर से मिलता-जुलता अंदाज़ जो आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़कर सिलाई का काम करने लगा था और आज से कोई तीस-बत्तीस साल पहले अल्लाह को प्यारा हो गया था |एक बार तो हम पहचान ही नहीं पाए |आते ही बोला- मियाँ, ज़रा खड़े तो होइए |आपके सीने का नाप लेना है |
हमने भी उसी के अंदाज़ में कहा- उस्ताद, अब क्या नाप लेना है ? कफ़न की न तो सिलाई होती है और न ही नाप | दो गज का सफ़ेद कपड़ा होता है जिसमें लपेट कर ले जाते हैं और वह भी साथ में नहीं ले जाने देते |वह भी डोम राजा उतरवा लेते हैं |जहाँ तक और कपड़ों की बात है तो अब जो हैं वे भी जीते जी शायद ही फटें |
और अब हमारा क्या तो सीना और उसका क्या नाप |हम जानते हैं- कभी ३६ इंच का रहा हमारा सीना लगता है उम्र के साथ प्रतिवर्ष दो-तीन मिलीमीटर की दर से कम होता जा रहा है | इस उम्र में सारा शरीर थोड़ा घटता ही है, बढ़ता थोड़े ही है |हाँ, जब डी.ए. बढ़ता है तो सीना एक इंच बढ़ जाता है और फिर जब दवा और दूध लेने बाज़ार जाते हैं तो दाम सुनकर फिर एक इंच सिकुड़ जाता है मतलब मूषकः मूषकः पुनः | और यही स्वाभाविक है |इस उम्र में वज़न और नाप घटना-बढ़ना ठीक नहीं |ज्यादा घटे तो कैंसर और ज्यादा बढ़े तो दिल की बीमारी या मधुमेह |
बोला-एक बार मोदी जी ने कहा था- उत्तर प्रदेश का विकास करने के लिए ५६ इंच का सीना चाहिए जिसका लोग आज तक मज़ाक उड़ा रहे हैं |वैसे मैं ऐसे लोगों से सहमत नहीं क्योंकि इतने बड़े देश का प्रधान मंत्री बनने के बाद गर्व और ख़ुशी से इतना फर्क पड़ना कोई बड़ी बात नहीं है |अब सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी ने कहा- मोदी जी सीना ५६ इंच का नहीं, १०० इंच का है |
अब भाई साहब, मुझे तो चिंता हो रही है लेकिन उन तक मेरी पहुँच नहीं है और फिर लिए उनके लिए तो बहुत से विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं | वैसे इतना चढ़ाव भी स्वाभाविक नहीं है |
वैसे तू भी तो देशभक्त है, सो सोचा तेरा सीना भी ऊपर नीचे हो रहा होगा |इसलिए परहेज की दृष्टि से सोचा- नाप ही ले आऊँ और कोई खतरे की बात हो तो किसी अच्छे डाक्टर को दिखा दें |
हमने कहा-पाकिस्तान हमारे देश को लगी हुई त्वचा की ऐसी बीमारी है जो न तो ठीक होगी और प्राणघातक |बस, इस बीमारी के नाम से चतुर डाक्टर पीढ़ी दर पीढ़ी पलते रहेंगे |इसलिए सावधानी ही उपाय है |सावधानी हटी और दुर्घटना घटी |देश की सभी सीमाओं पर निरंतर चौकसी रखें | ये सर्जिकल स्ट्राइक तो चलते ही रहेंगे |कभी इधर से, कभी उधर से | ये ढोल पीटने के विषय नहीं हैं और न ही कोई बहुत स्तर की कूटनीति | यह तो रोज का खुजलाना है | बिना बात झेंपने और बिना बात मूँछ ऐंठने से कोई फायदा नहीं | बातें बनाने वालों और धंधा करने वाले, बिकाऊ और सनसनी खोजी मीडिया को भी ऐसे कामों में ज्यादा मुँह नहीं लगाना चाहिए |बस, गोलमोल ब्रीफिंग फेंकते रहो |
तू तो उत्तर प्रदेश में गन्ने के खरीद सेंटर का ५० साल पुराना एक सच्ची घटना सुन |एक दिन संयोग से एक बहुत ही साइस्ता मिजाज़ के भूतपूर्व नवाब साहब अपनी गन्ने की गाड़ियों के साथ आ गए |वहाँ एक लफंगा उनसे टकरा गया, गाली दी और बदसलूकी की |नवाब साहब बोले- मियाँ, इस ज़माने कौन किसी को क्या देता है ?शुक्रिया कि आपने गाली ही दी मगर दी तो सही |दूसरे दिन उस लफंगे की लाश रेल की पटरियों पर पाई गई |
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