Oct 5, 2016

बशर्ते कि......

  बशर्ते कि.....

कल जब तोताराम आया था तो उसे थोड़ा सिर-दर्द हो रहा था और बदन भी टूट रहा था |आज सूरज चढ़ आया और तोताराम अनुपस्थित |सोचा, चलो तोताराम को ही देख आएँ कहीं बुखार,जिसे समझ न पाने के कारण, कोई भी डाक्टर सरलता से वाइरल कह कर पीछा छुड़ा लेता है वैसे ही जैसे सरकार जनहित में पैरासीटामोल का विज्ञापन करके अपने कर्त्तव्य की इतिश्री समझ लेती है |पहले मच्छर रात में मौका देखकर संगीत सुनाकर काटते थे लेकिन आजकल तो चोरों, चेन झपटने वालों और लड़कियों को छेड़ने वालों की तरह दुस्साहसी हो गए हैं, दिन में ही आक्रमण कर देते हैं |

देखा तो तोताराम बरामदे में बैठा तुलसी का काढ़ा पी रहा था |पास में ही पोता बंटी बैठा था |तोताराम ने कहा- बेटा, जा दादाजी के लिए अन्दर से चाय तो ले आ | पता नहीं क्या हुआ, बंटी ने बड़ी बेअदबी से कहा- रोज कहते हैं, किसी भी काम को मन लगाकर करो, धर्म समझकर करो तो शिखर पर पहुँच जाओगे जैसे चाय पहुँचा-पहुँचाकर मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए |ला तो दूँगा चाय बशर्ते कि आप अभी चिप्स के पैकेट के लिए दस रुपए दो तो |मैं इन बातों में आने वाला नहीं |प्रधान मंत्री तो दूर,चाय पहुँचाने से कोई वार्ड मेंबर भी नहीं बनता देखा |मोदी जी चाय बेचने से नहीं बल्कि महँगे तकनीकी इवेंट मैनेजमेंट के बल पर प्रधान मंत्री बने हैं |

हमें भी बुरा तो लगा- कहा बेटा, कोई भी फल की गारंटी नहीं दे सकता |किसान खेत जोतता है , सिंचाई करता है फिर भी कोई गारंटी नहीं कि फसल सही सलामत हो ही जाए |तभी कृष्ण गीता में निष्काम कर्म करने की बात कहते हैं | 

आज तो बंटी किसी पार्टी के प्रवक्ता की तरह तर्क कर रहा था | बोला- नेताओं और व्यापारियों की तो बात छोड़िये , मदर टेरेसा को संत घोषति किए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्यन्यायाधीश काटजू जी ने क्या कहा- मैं भी मदर टेरेसा की तरह बीमारों की सेवा करने को तैयार हूँ बशर्ते कोई मुझे एक करोड़ डालर देने का वादा करे | और आप मुझसे बिना फल की आशा के चाय मँगवा रहे हैं |चाय मैं ला तो बिना किसी शर्त के भी दूँगा बस, चाय लाने से कोई प्रधान मंत्री बन जाएगा यह जुमला मुझे मत सुनाइए | 

हमने कहा-  तोताराम, कुछ भी हो बच्चा कह तो ठीक रहा है | क्या बिना किसी अगर, मगर, किन्तु, परन्तु या बशर्ते...के कुछ काम नहीं किया जा सकता ? मदर टेरेसा को क्या पहले किसी ने कोई गारंटी दी थी कि सेवा के बदले इतना दान मिलेगा ? अब काटजू साहब से कोई क्या कहे | अरे साहब,अगर हममें ही इतना सेवा भाव होता तो अच्छे भले लोग दलित और महादलित नहीं बनते, सदियों से वन-वन भटकने वाले भोले-भालेआदिवासी हथियार क्यों उठाते |

और अपने कटारिया जी को ही देख लो |कह रहे हैं-जितना पैसा सरकारी गौशाला पर खर्च किया जा रहा है उतने में तो कोई भी स्वयंसेवी सस्थान अच्छे तरीके से जिम्मेदारी सँभाल सकता है बशर्ते कि ईमानदारी से काम करे | बस, वही बशर्ते .. का चक्कर |अरे साहब, ईमानदारी से ही काम करना होता तो गौशाला में गोबर -मूत सूँघने की और झूठे-सच्चे बही-कहते बनाने की क्या ज़रूरत थी |दुकान पर बैठ कर डंडी ना मारते लालाजी  | 

जेतली जी भी कहते हैं-देश का विकास बहुत तीव्र गति से हो सकता है और हमारी ग्रोथ रेट नौ प्रतिशत हो सकती है बशर्ते कि... लोग ईमानदारी से टेक्स दें |अजी साहब, दोनों काम नहीं हो सकते, टेक्स भी ईमानदारी से दो और पार्टी को भी चंदा दो |ठीक है, पार्टी को चंदा देंगे बशर्ते कि........

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