May 27, 2018

नीरव मोदी कहाँ है



 नीरव मोदी कहाँ है 

आते ही तोताराम ने प्रश्न उछाला- नीरव मोदी कहाँ है ?

हमने कहा- हमें तो अपने वार्ड मेंबर तक का पता नहीं कि वह यहीं है या दिल्ली या फिर कहीं अनौपचारिक दौरे पर विश्व के किसी बड़े नेता से मिलने चला गया है |फोन करो तो उठाता नहीं |वैसे कहता है मास्टर जी, मैं तो आपकी जेब में हूँ |जब फोन करो तब हाजिर |लेकिन तू हमें नीरव मोदी के बारे में क्यों पूछ रहा है ? हम कोई पंजाब नॅशनल बैंक के मैनेजर हैं जिन्होंने उसे लेटर ऑफ़ अंडरस्टेंडिंग लिखने का अधिकार दे दिया था |क्या हम वित्त मंत्री हैं ? या फिर हम कोई बड़े सेवक हैं जिसके साथ उसने फोटो खिंचवाया था |

बोला- मैनें तो वैसे ही पूछ लिया |अखबार में पढ़ा था कि नीरव मोदी फरार चल रहा है |इन्डियन ब्रिटिश हाई कमिश्नर के अनुसार लन्दन में है |कोई कहता है हांगकांग में है, कोई कहता है न्यूयार्क में |  कोई स्विटज़रलैंड में बताता है |उसका भारत का पासपोर्ट रद्द हो चुका है |लगता है वह फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा है |

हमने कहा- यह मत भूल कि फर्जी काम ज्यादा सही होता है क्योंकि उसमें अतिरिक्त सावधानी बरती जाती है |सही काम करने वाला तो अपने 'सही के नशे' में रहता है और नुकसान उठाता है |तुझे याद नहीं अपने साथ जो वर्क एक्सपीरिएंस का मास्टर था वह अपनी तनख्वाह जितना मेडिकल बिल उठा लेता था |उसका बिल संबंधित क्लर्क ही बनाता था बीस परसेंट के कमीशन पर |  वैसे ही नीरव मोदी जिस भी देश में गया होगा वहीं के आव्रजन अधिकारियों से ही सब कागजात बनवाए होंगे |फर्जी काम में ही सबको कुछ न कुछ मलाई मिलती है |सही काम में तो  सूखी तनख्वाह है | जमा खातिर रह |दोनों देशों की सरकारों को पता है कि बन्दा कहाँ है ? 

बोला- तो फिर क्यों यह नाटक चल रहा है ?जाओ उस देश में और ले आओ पकड़कर |लटका दो उल्टा |निकल आएगा सब कुछ |और फिर अमरीका तो इनका बड़ा चहेता मित्र है |

हमने कहा- कोई किसी का मित्र नहीं है | यदि ऐसा ही प्रेम था तो खालिस्तान के समर्थकों को क्यों ब्रिटेन और अमरीका में शरण दी गई |आज भी खालिस्तान समर्थक कनाडा में मंत्री बने हुए हैं |सबके अपने-अपने हिडन एजेंडा हैं | करने के लिए एक  एजेंडा और दिखाने के लिए दूसरा एजेंडा |लेकिन तू नीरव मोदी के लिए क्यों चिंतित है जब कि कर्नाटक में सत्ता हथियाने के चक्कर में नेताओं को तो राम तक भुला गए हैं |

बोला- मैं उसके लिए चिंतित नहीं हूँ |मैं तो यह याद दिला रहा हूँ कि कल तक सभी अखबार नीरव मोदी से भरे रहते थे और आजकल सब उसके मामले में नीरव कैसे हो गए ?

हमने कहा- इस समय तो नीरव से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण कर्नाटक में लोकतंत्र को बचाना ज़रूरी हो गया है |दस एम.एल.ए. की आत्मा को जगाने का मामला है और वह भी जल्दी से जल्दी |इसके लिए सुना है एक हजार करोड़ का बजट भी रखा गया है |

बोला- तो फिर नीरव मोदी कहीं नहीं गया |यहीं कहीं बंगलुरु में ही है |गधा-घोड़ा बाज़ार में सक्रिय होगा |




  

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May 26, 2018

लेने के देने



लेने के देने 

पचास रुपए का चारा खाकर पचास का ही दूध दे तो केवल गोबर और गौमूत्र के लिए तो कोई गाय पालने से रहा |ऐसे में गायों के थनों में दूध और तन पर मांस नहीं रहा तो सड़क के अलावा और कहाँ ठौर | गौशालाओं में गायें हैं लेकिन कागजों में | इसलिए  गायों की नियति केवल धक्के खाने से अधिक नहीं रह गई है |किसी और इलाके में कोई किसान क्या पता इन गायों को दो तिनके डालकर काम चला ले ? लेकिन उसे भी रास्ते में पता नहीं कौन गौतस्कर बताकर नाप दे |ऐसे में गायों की स्थिति बीमार, बेकार, बूढ़ी और निर्धन माँ जैसी हो रही है |

हाँ, बकरों और मुर्गों की अब भी पूछ है क्योंकि इन्हें लाते, ले जाते कोई  गाय सिद्ध नहीं कर सकता |राजस्थान से रोज दिल्ली के लिए सैंकड़ों ट्रक बकरे जाते हैं |इसलिए जिन घरों में भी बकरे होने की संभावना होती है, कसाई चक्कर लगा जाते हैं | 

आज हम और तोताराम जैसे ही बरामदे में बैठे थे एक सज्जन आगे से निकलते हुए हम दोनों की चर्चा सुनकर ठहर गए | हमारी चर्चा जैसा कि पाठक जानते हैं कौनसी 'राम-रहीम' की होती है |हमें तो 'राम' से भी 'आसा' नहीं रही |वही सरकार और सेवकों को लेकर रोना-धोना | वही चोर-उचक्कों की लम्पट लीलाएँ | 

हम इन्हें जानते हैं |पहले बकरे खरीद कर दिल्ली भिजवाया करते थे |आजकल  व्यापारी, समाजसेवक और  पोलिटीशियन तीनों का मुरब्बा हैं | हमने कहा- भैया, तुम्हें पता हैं, हम बकरी नहीं रखते इसलिए बकरे होने का सवाल ही नहीं है |जाओ, क्यों आपकी टाइम खोटी कर रहे हो ?

 बोला- आजकल हम बकरे नहीं खरीदते | हाँ, कोई छोटी-मोटी सरकार बिकाऊ हो तो बताना |चुनाव लड़ने की झंझट कौन करे |बड़ी माथाकूट है |हम तो जब जैसी ज़रूरत होती है, बनी बनाई सरकार ही खरीद लेते हैं | क्या करें, साला छोटा-मोटा धंधा भी सरकार जेब में हुए बिना नहीं चलता |

हमें बड़ा अजीब लगा | हमने कहा- तुम्हें शर्म नहीं आती |देश के लोकतंत्र का इस प्रकार मज़ाक उड़ाते |सरकारें छोटी हों या बड़ी,  सरकार होती हैं |वे बिकाऊ नहीं होतीं | जैसे कि प्रेमिका और प्रेमी बिकाऊ नहीं होते |सेवा की तरह प्रेम भी अमूल्य होता है |यह बात और है कि कुछ टुच्चे लोग, भले ही पचास करोड़ रुपए लगाएँ, लेकिन प्रेमिका की कीमत लगाने की हिमाकत करते हैं | 

बोला- मास्टर जी, लोकतंत्र के बारे में हमें मत समझाओ |आप तो पढ़े लिखे आदमी हो इसलिए कोई आपसे ऐसे मामलों में मगजपच्च्ची नहीं करता लेकिन हम तो बाज़ार में  बैठते हैं |सब चीजों के भाव जानते हैं |ये जो करोड़ों रुपए खर्च करके चुनाव लड़ते हैं तो क्या सेवा के लिए ? अरे सेवा ही करनी है तो कौन से हाथी-घोड़े जुतवाने हैं | लग जाओ, हर जगह सेवा का स्कोप है |और नहीं तो घर के आगे दो मटके पानी ही रख लो और पिलाओ आते-जाते लोगों को |असीस देंगे |लेकिन उसमें माल कहाँ ? 

आज हमारी औकात छोटी हैं इसलिए आपसे बात कर रहे हैं |नहीं तो इस समय कर्नाटक में होते |जहाँ सरकार की बोली लग रही है |सेवकों की आस्थाएँ नीलम हो रही हैं |काणे-खोड़ेे, लंगड़े-लूले, चोर-उचक्के, आरोपी-सज़ायाफ्ता सब निकल पड़े हैं भुवन मोहिनी के स्वयंवर में भाग्य आजमाने | और उचक रहे हैं बन्दर बने नारद जी की तरह | जो आम्बेडकर और गाँधी की कसमें खाते नहीं थकते थे उनकी करतूतें देखकर वे बेचारे, कहीं होंगे तो, सिर धुन रहे होंगे |

जनता की सेवा का ऐसा जुनून तो सतयुग में भी नहीं देखा गया होगा | अभक्ष्य खाने को तैयार हैं, अकरणीय करने को तैयार हैं, कैसे भी हो सेवा का अवसर चाहिए |सेवा मतलब कुर्सी | एक दिन का भी उपवास या एक रात का वियोग भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है |

तोताराम ने कहा-भैय्या, तू कहीं और जा |इस प्रकार की बातें यहाँ मत कर |हम पेंशनर लोग हैं |किसी ने सुन लिया और बात ऊपर तक पहुँच गई तो मुश्किल हो जाएगी | सुना नहीं, दो-चार दिन पहले ही चेलेंज दिया गया है- 'लेने के देने पड़ जाएँगे' | और कुछ नहीं तो गैस वाली सब्सीडी और रेल में २५% वाली छूट ही छीन लेंगे |














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May 17, 2018

भावी जनसेवक जी के साथ सेल्फी



भावी जनसेवक जी के साथ सेल्फी  


तोताराम ने आते ही हमारे चरण छुए और कहा- भाई साहब, उठिए, वार्म अप कीजिए और कूद पड़िए अखाड़े में |

हमने कहा- तोताराम, तुम्हें पता नहीं कैसे-कैसे बचकाने मजाक सूझते हैं | कूदने की उम्र में ही अखाड़े में नहीं कूदे तो अब इस चौथेपन में क्या ख़ाक मुसलमां होंगे |

बोला- क्यों, मलयेशिया में ९२ वर्ष के महातिर ने घुमा दिया कि नहीं लंगोट |

हमने कहा- हमारे यहाँ अब युवाओं का ज़माना है |फिर भी यदि बताना है तो अडवानी जी को बता जिनकी चिरसंचित अभिलाषा अभी तक निदेशक मंडल के पिंजरे में तड़फड़ा रही है |

बोला- कोई बात नहीं |बड़े होने के कारण पहला चांस आपका बनता था इसलिए पूछ लिया |वैसे मैं तो जा ही रहा हूँ २०१९ के चुनावों की तैयारी के बतौर डिज़ाईनर कुरता और जैकेट सिलवाने के लिए |इसके बाद 'राष्ट्रीय वाट्स अप ग्रुप यूनिवर्सिटी' का सदस्य बनकर इतिहास का ज्ञान बढा लूँगा | फिर तो जिस किसी को भी लतियाने और धकियाने लायक बन जाऊँगा |इसके बाद जब विचारों का अजीर्ण हो जाएगा तब वक्तृत्व कला तो अपने आप आ ही जाएगी |कहीं भी चार लोग दिखाई देते ही- भाइयों, बहनों कहने का मन करने लग जाएगा |

हमने कहा- लेकिन यदि तेरा मन चुनाव लड़ने का हो  रहा है तो पहले एक अनिवार्य योग्यता तो हासिल कर ले |

बोला- क्या ?

हमने कहा- जेल हो आ |

बोला- जेल जाने के लिए कोई कुकर्म करने का मौका तो होना चाहिए |कुकर्म का मौका कोई राजनीतिक पद प्राप्त किए बिना नहीं मिल सकता क्योंकि बिना राजनीतिक पद के कुकर्म करने का साहस ही नहीं होता |

हमने कहा- हमारा मतलब वह नहीं था |हमारा मतलब तो यह था कि जैसे आजकल कर्नाटक के चुनावों में नेहरू जी एक श्रेष्ठ, महान और देशभक्त प्रधान मंत्री तो दूर, बल्कि एक विश्वसनीय प्रधानमंत्री तक नहीं माने जा सकते क्योंकि वे भगत सिंह से मिलने जेल में नहीं गए थे | 

तोताराम ने उत्तर दिया- नहीं, ऐसी बात नहीं है |नेहरू जी भगत सिंह से मिलने जेल गए थे | वैसे अब भगत सिंह और सावरकर तो हैं नहीं |नीरव मोदी और माल्या विदेश में हैं |लालू जी इलाज के लिए जमानत पर हैं |आसाराम, रामरहीम और सेंगर अपनी पहुँच से दूर हैं |कहे तो अपने सीकर की जेल में किसी चोर-उचक्के से मिल आऊँ ?

हमने कहा- कोई बुराई नहीं है |हर अपराधी में एक महान सेवक की क्षमताएँ छुपी होती हैं |भाग्य और संयोग की बात है |क्या पता तू आज जिससे मिलकर आए वह कल राष्ट्रीय स्तर का अपराधी बन जाए | उससे मिलने के कारण हो सकता है तुझे किसी देश भक्त पार्टी का टिकट मिल जाए |लेकिन प्रमाण के बतौर सेल्फी ज़रूर ले लेना अन्यथा राजनीतिक इतिहासवेत्ता तुझे भी नेहरू जी तरह फफेड़ने लग जाएँगे |

बोला- तो फिर कुरता-पायजामा अगली पेंशन पर |अभी तो सेल्फी लेने के लिए स्मार्ट फोन खरीद लाता हूँ |वाट्सअप यूनिवर्सिटी की पढाई के लिए भी तो चाहिएगा |

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