Apr 22, 2024

अमरीका हमारा था और हमारा रहेगा


अमरीका हमारा था और हमारा रहेगा 


जैसे ही हमने तोताराम को चाय का गिलास पकड़ाया, वह जोर से उछलकर चिल्लाया- अमरीका हमारा था और हमारा रहेगा । 

हमने कहा- हमने कहा- ध्यान से, नहीं तो चाय तेरे कुर्ते पर गिर जाएगी ।  अमरीका, लेकिन कौनसा अमरीका ?  

बोला- अमरीका भी कोई दस-बीस हैं क्या ? एक ही तो है । अबकी बार ट्रम्प सरकार । 'नमस्ते ट्रम्प' वाला अमरीका ।वही अमरीका जहाँ की जनता ने बड़े विनम्र और संकोची मोदी जी के मना करते करते भी अरबों रुपए खर्च करके बड़े दिल से मोदी जी के लिए 'हाऊ डी मोडी' कार्यक्रम किया था ।  जानता नहीं क्या मैं ? वही अमरीका जिसके राष्ट्रपति को मोदी जी तू-तड़ाक से 'बराक' बुलाते हैं । 

हमने कहा- उस कार्यक्रम में न तो अमरीका का कोई पैसा खर्च हुआ था और न ही उसमें अमरीकी आए थे ।वह शुद्ध रूप से भारत मूल के कुछ धनिकों और मोदी जी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा थी । लेकिन केवल अमरीका कहने से बात स्पष्ट नहीं होती । अंधभक्तों की तरह बात मत कर । अगर भूगोल नहीं पढ़ी है तो पढ़ और सुधार कर ले । अमरीका दो हैं- उत्तरी अमरीका और दक्षिणी अमरीका । और ये दोनों भी कोई दो देश नहीं हैं । दक्षिणी अमरीका में अनेक देश हैं । इसी तरह उत्तरी अमरीका में भी कई देश हैं । और तो और दोनों अमरीका के संधि-स्थल पनामा नहर के आसपास भी कई छोटे छोटे द्वीपीय देश हैं ।कुल मिलाकर दोनों अमरीकाओं में 35 देश हैं ।  तू जिस देश की बात कर रहा है उसे 'संयुक्त राज्य अमरीका' कहते हैं । 

बोला- मैंने तो रामचारितमानस में पढ़ा है कि हनुमान जी का बेटा मकरध्वज पाताल मतलब अमरीका के राजा महिरावण के महल का सेक्योरिटी इंचार्ज था । महिरावण को मारकर हनुमान जी ने पाताल का राज्य मकरध्वज को दे दिया था । इस हिसाब से सारा अमरीका हमारा हुआ कि नहीं । फिर भी अधिक नहीं तो कम से कम वाशिंगटन डी सी तो हमारा है ही क्योंकि महिरावण वहीं रहता था । 

हमने कहा- तो फिर जा और बैठ जा बिना वीजा के अमरीका के प्लेन में । अरे अंधभक्त, अगर ऐसा ही होता तो एक गुजराती परिवार अमरीका में घुसने के लिए अपने बीवी, बच्चे के साथ मेक्सिको की दीवार पर चढ़कर न कूदता और न मरता । 

बोला- तो फिर राजनाथ जी ने क्यों कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा था और हमारा रहेगा । 

हमने कहा- यह नेताओं की भाषा है । वे चाहे जो बोलें । वे अर्द्ध झूठ, सम्पूर्ण झूठ, सफेद झूठ, काला झूठ कुछ भी बोलें । उन्हें सब छूट है । और अगर कोई ज्यादा ही चूँ चूँ करेगा तो वे उसका अर्थ, भावार्थ, व्याख्या समझाने लगेंगे ।

 राजनाथ जी के शब्द समझ । कहा है- पाक अधिकृत कश्मीर हमारा था और हमारा रहेगा । यह थोड़े कहा है- पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है । नेता और धर्म सब केवल भूतकाल और भविष्यतकाल की बात करते हैं । भूतकाल को तुम बदल नहीं सकते और न ही उसका कोई प्रमाण । भविष्य अभी दूर है । उसके बारे में न कुछ कहा जा सकता है और न कोई तर्क वितर्क किया जा सकता है । मतलब कोई जिम्मेदारी नहीं । पाँच साल होने को आ रहे हैं, पहले अपने वाले कश्मीर में तो विधान सभा के चुनाव करवा दें । 

बोला- यह भी तो कहते हैं, हम घर में घुसकर मारते हैं । 

हमने कहा- हाँ, उसका भी उदाहरण सुन ले । विदेश मंत्री कहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था हम से बड़ी है इसलिए हम उससे पंगा नहीं ले सकते । मतलब चुपचाप जूते खाते रहेंगे । और राजनाथ जी ने यह थोड़े कहा है कि हम पाकिस्तानियों में घर में घुसकर उन्हें मारेंगे । वे घर में घुसकर मारने का अर्थ यह भी तो बताया सकते हैं कि हम अपने घर में घुसकर मक्खियाँ मारेंगे । 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

Apr 13, 2024

डबल इंजन की शक्ति


डबल इंजन की शक्ति 


तोताराम यथासमय उपस्थित । चाय शुरु ।चर्चा हमने ही प्रारंभ की, कहा- तोताराम, आजकल डबल इंजन की सरकार और मोदी जी की गारंटी के  प्रतिदन पहले पेज पर आने वाले विज्ञापन नहीं दिखते । क्या बात है ? 

बोला- हमारी पार्टी तो वैसे ही आदर्शों से बंधी हुई है । हम व्यर्थ की, आत्मप्रशंसा वाली बातें कभी नहीं करते लेकिन क्या किया जाए अब आचार संहिता लागू हो गई है । चुनाव खत्म होते ही फिर देख लेना आकाशी उपलब्धियों के सचित्र विज्ञापन । क्या करें । ये उपलब्धियां होती ही बहुत बदमाश हैं । पता नहीं, फ़ाइलों से निकलकर कहाँ गायब हो जाती हैं ।इसलिए अपनी गांठ की और खून पसीने की कमाई से विज्ञापन देकर जनता को बताना पड़ता है कि तुम्हारा अमुक-अमुक भला हो गया है । अब खुश हो जाओ, गर्व करो ।  

हमने कहा- लेकिन तोताराम, अब तो हम भी कह सकते हैं कि अपने राजस्थान में जो काम कांग्रेस की सरकार में नहीं हुआ वह इस डबल इंजन की सरकार के आते ही हो गया । 

बोला- बहुत सकारात्मक हो रहा है । कहीं तेरे यहाँ शाम को कोई ई डी वाले तो नहीं आए थे जो रात रात में ही गौरव वल्लभ की तरह  ट्रिलियन के जीरो भूल गया और बिजेंदर की तरह सारी पहलवानी निकल गई ।

हमने कहा- ई डी वालों को विपक्षी नेताओं को निबटाने से ही फुरसत नहीं है । ऐसे में हमारे जैसों के यहाँ क्या लेने आएंगे । वैसे स्टेट बैंक वाले पूनिया जी ने बेकार ही डरा दिया ।जब घाटे में चलने वाली कंपनियां भी 100-200 करोड़ के बॉन्ड खरीद कर दे सकती हैं तो हमें तो हर महिने पेंशन मिलती है । हजार-हजार के ही सही दो-चार बॉन्ड खरीद लेते हो आज किस्मत सँवर जाती । देखा नहीं, चन्दा देने पर लोगों को जमानत मिल गई, केस वापिस हो गए, और तो और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट भी मिल गया । न सही कर्नाटक के बेल्लारी से लोकसभा का टिकट, अगर वार्ड मेम्बर का टिकट भी मिल जाता तो बुढ़ापा शान से कट जाता ।  घर के सामने की सड़क सीमेंटेड होती,  जिस नाली की महीनों सफाई नहीं होती वह रोज साफ होती । नल के अनेक कनेक्शन लगवाते और खंभे पर तार डालकर मुफ़्त की बिजली का मज़ा लेते । 

बोला- वह तो कल्पना का हेतुहेतुमद्भूत है लेकिन यह तो बता कि डबल इंजन की सरकार आने से ऐसा क्या हो गया जो कांग्रेस की पिछली सरकार में नहीं हुआ ?

हमने कहा- नवंबर 2023 में हम अस्सी से ऊपर थे और कांग्रेस सरकार के अनुसार हम इतने अक्षम थे कि विधान सभा चुनाव में बूथ पर जाकर वोट भी नहीं डाल सकते थे सो राज्य सरकार ने चुनाव वालों को घर भेजा और वोट डलवाया  । अब भाजपा की केंद्र सरकार ने राज्य की भाजपा सरकार के सहयोग से हमें दो-तीन महिने में ही इतना सक्षम बना दिया कि हम दो किलोमीटर जाकर, लाइन में लगाकर वोट डाल सकते हैं । 

बोला-  इस गरमी में यदि तू इस मतदान-यात्रा में शहीद हो गया तो हो सकता है तुझे इमरजेंसी में जेल गए लोगों की ‘लोकतंत्र प्रहरी-पेंशन’ और मस्जिद विध्वंस के लिए अयोध्या गए वीरों की ‘कार सेवक पेंशन’ की तरह कोई ‘मतदान शहीद पेंशन’ ही मिल जाए ।

हमने कहा- ये सब तो वैसे ही चंडूखाने की चर्चाएं हैं लेकिन इस बारे में एक बात बताएं- कल मतदान वाले तेरी भाभी का घर से वोट डलवाने आए थे तो हमने देखा कि मत पेटी के सील नहीं लगी थी । अगर ऊपर कोई चंडीगढ़ वाला मसीही मसीहा बैठा हुआ तो कुछ गड़बड़ भी हो सकती है । 

बोला- जब चुनावों में जीतने के लिए लोगों को जेल में डाला जा सकता है, गला दबाकर चन्दा लिया जा सकता है, विपक्षी पार्टी का बैंक खाता सील किया जा सकता है, जीते हुए नेता खरीदे जा सकते हैं तो हमारे एक वोट का क्या रोना । 

  


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