भावी जनसेवक जी के साथ सेल्फी
तोताराम ने आते ही हमारे चरण छुए और कहा- भाई साहब, उठिए, वार्म अप कीजिए और कूद पड़िए अखाड़े में |
हमने कहा- तोताराम, तुम्हें पता नहीं कैसे-कैसे बचकाने मजाक सूझते हैं | कूदने की उम्र में ही अखाड़े में नहीं कूदे तो अब इस चौथेपन में क्या ख़ाक मुसलमां होंगे |
बोला- क्यों, मलयेशिया में ९२ वर्ष के महातिर ने घुमा दिया कि नहीं लंगोट |
हमने कहा- हमारे यहाँ अब युवाओं का ज़माना है |फिर भी यदि बताना है तो अडवानी जी को बता जिनकी चिरसंचित अभिलाषा अभी तक निदेशक मंडल के पिंजरे में तड़फड़ा रही है |
बोला- कोई बात नहीं |बड़े होने के कारण पहला चांस आपका बनता था इसलिए पूछ लिया |वैसे मैं तो जा ही रहा हूँ २०१९ के चुनावों की तैयारी के बतौर डिज़ाईनर कुरता और जैकेट सिलवाने के लिए |इसके बाद 'राष्ट्रीय वाट्स अप ग्रुप यूनिवर्सिटी' का सदस्य बनकर इतिहास का ज्ञान बढा लूँगा | फिर तो जिस किसी को भी लतियाने और धकियाने लायक बन जाऊँगा |इसके बाद जब विचारों का अजीर्ण हो जाएगा तब वक्तृत्व कला तो अपने आप आ ही जाएगी |कहीं भी चार लोग दिखाई देते ही- भाइयों, बहनों कहने का मन करने लग जाएगा |
हमने कहा- लेकिन यदि तेरा मन चुनाव लड़ने का हो रहा है तो पहले एक अनिवार्य योग्यता तो हासिल कर ले |
बोला- क्या ?
हमने कहा- जेल हो आ |
बोला- जेल जाने के लिए कोई कुकर्म करने का मौका तो होना चाहिए |कुकर्म का मौका कोई राजनीतिक पद प्राप्त किए बिना नहीं मिल सकता क्योंकि बिना राजनीतिक पद के कुकर्म करने का साहस ही नहीं होता |
हमने कहा- हमारा मतलब वह नहीं था |हमारा मतलब तो यह था कि जैसे आजकल कर्नाटक के चुनावों में नेहरू जी एक श्रेष्ठ, महान और देशभक्त प्रधान मंत्री तो दूर, बल्कि एक विश्वसनीय प्रधानमंत्री तक नहीं माने जा सकते क्योंकि वे भगत सिंह से मिलने जेल में नहीं गए थे |
तोताराम ने उत्तर दिया- नहीं, ऐसी बात नहीं है |नेहरू जी भगत सिंह से मिलने जेल गए थे | वैसे अब भगत सिंह और सावरकर तो हैं नहीं |नीरव मोदी और माल्या विदेश में हैं |लालू जी इलाज के लिए जमानत पर हैं |आसाराम, रामरहीम और सेंगर अपनी पहुँच से दूर हैं |कहे तो अपने सीकर की जेल में किसी चोर-उचक्के से मिल आऊँ ?
हमने कहा- कोई बुराई नहीं है |हर अपराधी में एक महान सेवक की क्षमताएँ छुपी होती हैं |भाग्य और संयोग की बात है |क्या पता तू आज जिससे मिलकर आए वह कल राष्ट्रीय स्तर का अपराधी बन जाए | उससे मिलने के कारण हो सकता है तुझे किसी देश भक्त पार्टी का टिकट मिल जाए |लेकिन प्रमाण के बतौर सेल्फी ज़रूर ले लेना अन्यथा राजनीतिक इतिहासवेत्ता तुझे भी नेहरू जी तरह फफेड़ने लग जाएँगे |
बोला- तो फिर कुरता-पायजामा अगली पेंशन पर |अभी तो सेल्फी लेने के लिए स्मार्ट फोन खरीद लाता हूँ |वाट्सअप यूनिवर्सिटी की पढाई के लिए भी तो चाहिएगा |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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