(नमो चाय,नमो रोटी, फिर चेन्नई में नमो मछली और अब लखनऊ के एक आम उत्पादक ने अपने द्वारा विकसित एक किस्म का नाम 'नमो आम' रखा -२३ मई २०१४ )
रोम-रोम में रम रहे मोदी बनकर राम |
कभी चाय, रोटी कभी और कभी बन आम |
और कभी बन आम, कभी बन जाते मछली |
वे ही उपवन, फूल वही औ' वे ही तितली |
कह जोशी कविराय यही ताकत का फंडा |
राजा की मर्ज़ी बच्चा दे अथवा अंडा |
२४ मई २०१४
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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