May 24, 2014

राजा की मर्जी


(नमो चाय,नमो रोटी, फिर चेन्नई में नमो मछली और अब लखनऊ के एक आम उत्पादक ने अपने द्वारा विकसित एक किस्म का नाम 'नमो आम' रखा -२३ मई २०१४ )

रोम-रोम में रम रहे मोदी बनकर राम |
कभी चाय, रोटी कभी और कभी बन आम |
और कभी बन आम, कभी बन जाते मछली |
वे ही उपवन, फूल वही औ' वे ही तितली |
कह जोशी कविराय यही ताकत का फंडा |
राजा की मर्ज़ी बच्चा दे अथवा अंडा |

२४ मई २०१४

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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