तोताराम का महाभिनिष्क्रमण
गली में पानी की बेहतर सप्लाई के लिए नए पाइप जोड़ने के चक्कर में जगह-जगह पाइप टूटे पड़े हैं,गड्ढों में पानी भरा पड़ा है जब कि घरों में शाम को थोड़ा-सा मिट् टी मिला पानी आता है |ऐसी स्थिति में सुबह न पानी भरने का झंझट और न ही नहाने का नैतिक दबाव, सो नींद का मज़ा ले रहे थे कि पोती ने नींद में बाधा डालते हुए कहा-बाबा, उठें, बरामदे में कोई भगवाधारी साधु बैठे हैं और बार-बार अलख निरंजन, अलख निरंजन जपे जा रहे हैं और कह रहे हैं- उस मछंदर से कह दे कि तुझे गोरख जगाने आया है |
हम तो यही समझते आ रहे थे कि ये साधु मुफ्त का माल खा-खाकर मुटा जाते हैं और कभी-कभी तो चिलम के पैसों के लिए भक्तों को अपमानित और लज्जित करने तक से नहीं चूकते |इसलिए हमें ऐसे साधुओं से कभी कोई सहानुभूति नहीं रही, हाँ,थोड़ा डर ज़रूर लगता रहा है |बरामदे में जाकर देखा- भगवा चद्दर ओढ़े एक मरियल सा आदमी बैठा है |
हमने एक जोर की हाँक लगाई- अलख निरंजन | क्या बाबा, चिलम का इंतज़ाम किया जाए ? आज तो यही हो जाए बम तड़ाक |
उत्तर में तोताराम हमारे सामने खड़ा हो गया |बोला- यदि तूने मुझे समय पर आगाह किया होता तो आज मैं भी पता नहीं कहाँ होता |तब तो कहता था- सरकार नौकरी में भटकेगा और अपने हाथ से टिक्कड़ सेकेगा |शादी कर ले, रोटी का इन्तजाम हो जाएगा |अगर शादी न करता तो आज मैं भी मुख्यमंत्री नहीं तो कहीं राज्यपाल या राज्य की साहित्य अकादमी का अध्यक्ष तो अवश्य ही हो जाता | देखा नहीं, आज के ज़माने में जब लोग साधु भीख भी नहीं देते, मोदी जी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश दे दिया |
हमने कहा- तोताराम, यदि हमें ऐसे सुखद भविष्य की कल्पना होती क्या हम तुम्हें विवाह के बंधन में फँसाते और सोच, हम ही क्यों फँसते |यह ठीक है कि सिद्धार्थ और महावीर ने अपनी विवाहिता पत्नियों को छोड़कर सन्यास ले लिया, महात्मा गाँधी ने भी छोटी उम्र में ही पत्नी-सुख को तिलांजलि दे दी, मोदी जी ने भी दीन-दुनिया और आत्मज्ञान के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया |लेकिन भारत में देश और समाज की सेवा का ऐसा सतयुग आएगा- हमने कभी कल्पना नहीं की थी |हालाँकि आज़ादी के बाद ऐसे ही पत्नी विहीन, रंडवे,और बल ब्रह्मचारियों का जलवा रहा जैसे नेहरू, गाँधी, पटेल, सुभाष, लोहिया,अटल, कलाम आदि |लेकिन नई शताब्दी में तो लाइन लगी हुई है -मोदी, ममता,माया,नवीन पटनायक,जय ललिता,खट्टर,आदित्यनाथ आदि |राहुल भी शायद इसीलिए शादी नहीं कर रहे हैं |
बोला-अब वैसे भी हमारी संन्यास की उम्र हो गई है |यदि घर छोड़ भी देते हैं तो कोई खास बात नहीं |पेंशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा |साल में एक बार कहीं से भी 'जीवन-प्रमाण-पत्र' भेज दिया करेंगे |प्रचारित कर देंगे कि तोताराम और मास्टर ने विक्रम नव संवत्सर को देश और समाज की सेवा के लिए महाभिनिष्क्रमण कर लिया है |मैंने स्थानीय रिपोर्टर से बात कर ली है | वह बढ़िया सा कवरेज दे देगा |उसकी एक प्रति अपन फ्रेम करवाकर अपने साथ रख लेंगे और एक मोदी जी को भेज देंगे |
हमने कहा- तोताराम, क्या तुझे वास्तव में लगता है कि ऐसे नाटकों से कुछ होगा ?
बोला- कुछ हो या नहीं लेकिन आज देश में नाटक के अलावा और कुछ हो भी तो नहीं रहा है |आजकल राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू से लेकर अडवाणी जी और भागवत जी तक के नामों की चर्चा चल रही है ? क्या पता,मोदी जी योगी जी की तरह धमाके और चौंकाने के नाम पर कुछ कर ही गुजरें |
वैसे हम दोनों अपने महाभिनिष्क्रमण के समाचार के साथ भागवत जी की तरह राष्ट्रपति पद के प्रति अपनी अनिच्छा भी जता देंगे |और मजाकों और जुमलों के साथ यह भी क्या बुरा है ?
गली में पानी की बेहतर सप्लाई के लिए नए पाइप जोड़ने के चक्कर में जगह-जगह पाइप टूटे पड़े हैं,गड्ढों में पानी भरा पड़ा है जब कि घरों में शाम को थोड़ा-सा मिट् टी मिला पानी आता है |ऐसी स्थिति में सुबह न पानी भरने का झंझट और न ही नहाने का नैतिक दबाव, सो नींद का मज़ा ले रहे थे कि पोती ने नींद में बाधा डालते हुए कहा-बाबा, उठें, बरामदे में कोई भगवाधारी साधु बैठे हैं और बार-बार अलख निरंजन, अलख निरंजन जपे जा रहे हैं और कह रहे हैं- उस मछंदर से कह दे कि तुझे गोरख जगाने आया है |
हम तो यही समझते आ रहे थे कि ये साधु मुफ्त का माल खा-खाकर मुटा जाते हैं और कभी-कभी तो चिलम के पैसों के लिए भक्तों को अपमानित और लज्जित करने तक से नहीं चूकते |इसलिए हमें ऐसे साधुओं से कभी कोई सहानुभूति नहीं रही, हाँ,थोड़ा डर ज़रूर लगता रहा है |बरामदे में जाकर देखा- भगवा चद्दर ओढ़े एक मरियल सा आदमी बैठा है |
हमने एक जोर की हाँक लगाई- अलख निरंजन | क्या बाबा, चिलम का इंतज़ाम किया जाए ? आज तो यही हो जाए बम तड़ाक |
उत्तर में तोताराम हमारे सामने खड़ा हो गया |बोला- यदि तूने मुझे समय पर आगाह किया होता तो आज मैं भी पता नहीं कहाँ होता |तब तो कहता था- सरकार नौकरी में भटकेगा और अपने हाथ से टिक्कड़ सेकेगा |शादी कर ले, रोटी का इन्तजाम हो जाएगा |अगर शादी न करता तो आज मैं भी मुख्यमंत्री नहीं तो कहीं राज्यपाल या राज्य की साहित्य अकादमी का अध्यक्ष तो अवश्य ही हो जाता | देखा नहीं, आज के ज़माने में जब लोग साधु भीख भी नहीं देते, मोदी जी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश दे दिया |
हमने कहा- तोताराम, यदि हमें ऐसे सुखद भविष्य की कल्पना होती क्या हम तुम्हें विवाह के बंधन में फँसाते और सोच, हम ही क्यों फँसते |यह ठीक है कि सिद्धार्थ और महावीर ने अपनी विवाहिता पत्नियों को छोड़कर सन्यास ले लिया, महात्मा गाँधी ने भी छोटी उम्र में ही पत्नी-सुख को तिलांजलि दे दी, मोदी जी ने भी दीन-दुनिया और आत्मज्ञान के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया |लेकिन भारत में देश और समाज की सेवा का ऐसा सतयुग आएगा- हमने कभी कल्पना नहीं की थी |हालाँकि आज़ादी के बाद ऐसे ही पत्नी विहीन, रंडवे,और बल ब्रह्मचारियों का जलवा रहा जैसे नेहरू, गाँधी, पटेल, सुभाष, लोहिया,अटल, कलाम आदि |लेकिन नई शताब्दी में तो लाइन लगी हुई है -मोदी, ममता,माया,नवीन पटनायक,जय ललिता,खट्टर,आदित्यनाथ आदि |राहुल भी शायद इसीलिए शादी नहीं कर रहे हैं |
बोला-अब वैसे भी हमारी संन्यास की उम्र हो गई है |यदि घर छोड़ भी देते हैं तो कोई खास बात नहीं |पेंशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा |साल में एक बार कहीं से भी 'जीवन-प्रमाण-पत्र' भेज दिया करेंगे |प्रचारित कर देंगे कि तोताराम और मास्टर ने विक्रम नव संवत्सर को देश और समाज की सेवा के लिए महाभिनिष्क्रमण कर लिया है |मैंने स्थानीय रिपोर्टर से बात कर ली है | वह बढ़िया सा कवरेज दे देगा |उसकी एक प्रति अपन फ्रेम करवाकर अपने साथ रख लेंगे और एक मोदी जी को भेज देंगे |
हमने कहा- तोताराम, क्या तुझे वास्तव में लगता है कि ऐसे नाटकों से कुछ होगा ?
बोला- कुछ हो या नहीं लेकिन आज देश में नाटक के अलावा और कुछ हो भी तो नहीं रहा है |आजकल राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू से लेकर अडवाणी जी और भागवत जी तक के नामों की चर्चा चल रही है ? क्या पता,मोदी जी योगी जी की तरह धमाके और चौंकाने के नाम पर कुछ कर ही गुजरें |
वैसे हम दोनों अपने महाभिनिष्क्रमण के समाचार के साथ भागवत जी की तरह राष्ट्रपति पद के प्रति अपनी अनिच्छा भी जता देंगे |और मजाकों और जुमलों के साथ यह भी क्या बुरा है ?
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