May 1, 2017

रोम-रोम में लाल बत्ती

   रोम-रोम में लालबत्ती 

हमने पूछा-तोताराम, मोदी जी को प्रधान सेवकाई करते कितने दिन हो गए ?
बोला- वेरी सिंपल, कल जितने नंबर का 'मन की बात' कार्यक्रम सुना, उतने ही महिने हो गए उन्हें प्रधान मंत्री अर्थात प्रधान सेवक बने हुए |

हमने कहा- और कभी यह कार्यक्रम मिस होगया तो फिर कैसे कैलकुलेट करेंगे ?

बोला- बिजली, पानी, नकदी, पेंशन, डी.ए. का एरियर, सातवें वेतन आयोग का फिक्सेशन कुछ भी मिस हो जाए लेकिन 'मन की बात' कार्यक्रम मिस नहीं हो सकता |आजकल तकनीकी इतनी विकसित हो गई है कि यदि वे विदेश में होंगे तो भी यह कार्यक्रम समय पर प्रसारित होगा |और फिर यह कोई लाइव थोड़े ही होता है |बाकायदा इसकी रिहर्सल और सलीके से रिकार्डिंग होती और एडिटिंग होती है | 

हमने कहा- लेकिन कुछ भी हो तोताराम, बंदा बोलता बहुत बढ़िया है |लगता है किसी संत-महात्मा के सद्विचारों का एक पावन झरना झर रहा है और उसमें भीगकर समस्त सृष्टि के तन-मन का कल्मष धुल रहा है |लगता है कोई बुद्ध, महावीर, शंकराचार्य, ईसा बोल रहा है | कल देखा, कितनी गूढ़ बात कही- मन से भी लाल बत्ती निकलनी चाहिए |

तोताराम ने उत्तर दिया- बात तो मोदी जी की ठीक है | वे खुद जन से जुड़े हैं |भारत के गाँव-गाँव सामान्य आदमी की तरह घूमे हैं, बौद्धिक किए हैं | अपनी संस्कृति में विनम्रता ही महानता की पहचान मानी गई है | अभिमान को पाप का मूल कहा गया है | लोकोक्ति भी है- थोथा चना बाजे घना |पहले तो राजा लोग भी जब किसी ऋषि के आश्रम में जाते थे तो अपना मुकुट, सेना, रथ सब आश्रम से बाहर छोड़ देते थे |

 हमने कहा- तोताराम, सच है |आजकल के ये तथाकथित बदजुबान वी.आई.पी. होते ही बड़े टुच्चे हैं |सड़क पर गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं दिखेगी तो क्या |इनके साथ छोटी-छोटी दाढ़ी वाले दारू पिए हुए,  बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं की आँखों में जो लाल बत्तियाँ जलती रहती हैं उनका भी इलाज़ होना चाहिए | पिछले दिनों पंजाब के एक मंत्री जी किसी  स्कूल के उद्घाटन के एक कार्यक्रम में गए |वहाँ जब उन्होंने देखा कि उद्घाटन-पट्ट पर उनका नाम तीसरे नंबर पर लिखा हुआ है तो हो गए पाजामे से बाहर और लगे प्रधानाध्यापिका को डाँटने |जब कि उस स्कूल को बनाने में उनका कोई योगदान नहीं था | अपने राजस्थान के एक विधायिका-पति ने पुलिस वाले की पिटाई कर दी |शिव सेना के एक कुख्यात माननीय जी के साथ प्लेन में लाल बत्ती थोड़े थी ? उनके मन में जो लाल बत्ती थी उसीने विमान कंपनी के कर्मचारी पर चप्पलें बरसवा दीं |यही दिमागी लाल बत्ती उत्तर प्रदेश की एक नवनिर्वाचित संसद-सदस्या को पुलिस अधिकारी को उसकी खाल उतरवाने की धमकी दिलवाती है और उत्तर प्रदेश के खादी-ग्रामोद्योग विभाग के मंत्री से एक विकलांग और मोदी जी के अनुसार दिव्यांग संविदा कर्मचारी का सबके सामने अपमान करवाती है |

बोला- इसमें तो मोदी जी क्या करें ? उन्हें भी तो सरकार बनानी-चलानी है |और फिर आजकल देश में ७५० भले आदमी टिकट देने के लिए नहीं मिलते |एक तिहाई घोषित अपराधियों से काम चलाना पड़ता है |यह मानसिकता तो जाते-जाते जाएगी |

हमने कहा- तोताराम, यह मानसिकता, दिमाग की यह लाल बत्ती एक मिनट में निकल जाए यदि जनता एक बार इनकी भाषा में इन्हें ज़वाब दे दे तो उस व्यक्ति पर कठोर कार्यवाही करवाने के लिए इन वीआईपियों  के पक्ष में सारे पक्षी और विपक्षी नेता एक साथ पिल पड़ेंगे  क्योंकि सबके मन से जीतने तो जीतने, हारने के बाद भी लाल बत्ती नहीं निकली है | 

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