Mar 28, 2025

2025-03-25 मागा की तरह भागा






2025-03-25     मागा की तरह भागा 

मागा की तरह भागा 


हमारे दो प्लॉट हैं कोई साढ़े-तीन सौ, साढ़े तीन सौ गज केएक में घर, एक में बाड़ावैसा बाड़ा नहीं जिसमें लालच और भय से दल बदलवाकर किसी की सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाने के लिए विधायकों की बाड़ाबंदी की जाएयह तो हमारावंताराहैवह वंतारा नहीं जहाँ दुष्यंत पुत्र भरत की तरह मोदी जी सिंह शावकों को दूध पिलाते हैं या उनके दाँत गिनते हैं । न ही इस में पशु-पक्षियों को वंतारा की तरह किसी बहाने या योजना के तहत मनमाने नियमों के अनुसार लाया जाता है 

यहाँ तो एक नीम का, एक जामुन का और एक अमरूद कुल तीन पेड़ हैंनी पर गिलोय है लेकिन कोई करेला नहीं । जिनके जामुन और अमरूद तोतों, चिड़ियों और गिलहरियों के खाने के बाद बचते हैं तो हमें उपलब्ध होते हैं जो कि अँगुलियों पर गिनने जितने ही होते हैं 

हाँ, दीवाली पर इन पेड़ों की बड़ी शाखाओं को छोड़कर छोटी-छोटी शाखाएँ काट देते हैंइस क्रिया को अंग्रेजी में प्रूनिंग कहते हैं  और मारवाड़ी मेंछाँगना’ । यह जरूरी हैशाखाएँ अधिक होने से उनमें बंदर अधिक पनपते हैंराम रावण युद्ध में उनका कोई रोल रहा होगा लेकिन आज जलाने या लूटने के लिए कोई सोने की लंका नहीं है तो क्याबाहर सूखते कपड़े ही उठा ले जाते हैंऐसे ही संस्कृति, धर्म और कर्मकांड की भी समय-समय पर छँटाई करते रहना चाहिए । हर साल कुएँ-तालाब तर 







आजकल सर्दी कम हो गई है इसलिए हम पेड़ों की छँटाई के पत्तों-शाखाओं को निबटाने में लगे हैंसर्दी के कपड़े गरम पानी में से निकालकर रख देंगेबाड़े में चूल्हा जलाकर बरामदे में बैठे थे कि तोताराम ने आते ही कहा- मास्टर, तेरे बाड़े में कहीं कोई नोट तो नहीं जा रहा ? धुआँ-धुआँ हो रहा है 

हमने कहा- नोट कौन जलाता है ? यह तो मोदी जी ने 15-15 लाख सबके खाते में नहीं डाले । न ही 18 महिने का डीए का एरियर दिया औरही जनवरी 2025 से ड्यू डीए का एरियर दियालेकिन नोट जलाने जितनी समृद्धि तो तब भी नहीं आती 

बोला- वैष्णव जन मुकेश अंबानी ने भी तो अपने बेटे की शादी में 5 हजार करोड़ रुपए फूँक दिए कि नहीं ? 

हमने कहा- इसे फूँकना नहीं कहतेयह तो वेल्थ का डाउन वर्ड फिल्ट्रैशन कहते हैंजैसे किसी नेता की रैली में लाखों लोगों को अच्छी दिहाड़ी मिल जाती हैदेसी दारू का एक पव्वा, गुटखा, खाने का पैकेट और तीन सौ रुपए नकदया जैसे कुम्भ में नाव वाला या दातुन बेचने वाला करोड़पति बन जाता है या कोई मोनालिजा हीरोइनमंदिर बनाकर क्या योगी-मोदी जी ही चुनाव में लाभान्वित थोड़े होते हैंअर्थव्यवस्था में भी तो बूम आता हैऐसे ही पाँचवे स्थान पर थोड़ेगई है अर्थव्यवस्था। बड़ी शादियों में कोई सिर पर ट्यूब लाइट रखकर चलता है, तो गधा जेनेरेटर वाली गाड़ी खींचता हैकई तरह के रोजगार हैं 

बोला- फिर भी एक बार बाड़े में जाकर देख तो लेदिल्ली ने तो पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए दंडित कर दियातेरे यहाँ नोट जल रहे हैं तो और कुछ नहीं तो प्रदूषण का चार्ज तो बनता ही है 

हमने कहा- जलाने को और बहुत कुछ हैशायर के पास और कुछ नहीं तो भी- 

दिल को जलाके दी है जमाने को रोशनी  

जुगनू पकड़के हमने उजाले नहीं किए    

हमने कहा- अब दिल जलाने की जरूरत नहीं हैपीएम सूर्यघर फ्री बिजली योजना के तहत सरकार ने 75,000 करोड़ के निवेश ऐला िया था  इसमे अपन रो की पर सोलर पै गवने लों 300 ूनिट फ्री बिजली के साथ सब्िड दे व्यवसथा गई, जो से लोप्रि नात है 

बोला- बिना बात की बकवास में टाइम खोटी मत करजितने सौ-पचास नोट साबुत बचे हों उन्हें निकाल लेतेरे नहीं तो क्या, नोट तो हैंलोग तो सीधा नाले या चूल्हे में हाथ डाल देते हैंतू चिमटे से ही निकाल लेपर्यो अपावन ठौर में कंचन तजेकोय 

हमने कहा- आजकल इस देश में रामराज्य हैपहले भारत में इतनी ईमानदारी थी कि लोग घरों के ताले नहीं लगाते थे 

बोला- हो सकता है उस जमाने में तालों का आविष्कार नहीं हुआ हो या सरकार की चौकीदारी ऐसी रही होगी कि तालों के बावजूद धन सुरक्षित नहीं था 

हमने कहा- लेकिन आज इस देश में धर्म के प्रभाव से लोग इतने निस्पृह, निष्काम और समृद्ध हो गए हैं कि तापने के लिए नोट जला देते हैंकांग्रेस के जमाने में भी एक मंत्री थे सुखराम जिनके घर में कोई ऐसे ही बोरियाँ भरकर नोट रख गया थायह उसी का अगला कदम है कि आज कोई वैसे ही रास्ते जाता जज साहब अनुपस्थिति में उनके गैराज में नोट जलाकर तापने लगाऔर लोग  कहते हैं कि कोई बहुत बड़ा घपला है 

ऐसे ही विश्व गुरु थोड़े हैं हम । समृद्धि है, समृद्धिमेक अमेरिका ग्रेट अगेन वालेमागा’  तरह  भागा है- भारत ्रेट गैन



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