Mar 17, 2025

2025-03-16 तिरपाल में होली


2025-03-16  

 

तिरपाल में होली  

 

 


 

 

12 मार्च के बाद तोताराम आज आयाहमने पूछा- लगता है चार दिन से तिरपाल में होली मना रहा था 

बोला- क्यों ? क्या किसी औरंगजेब का राज हैं क्या ?  अब हिन्दुत्व के मसीहा संत शिरोमणि मोदी जी और महापराक्रमी योगी आदित्यनाथ जी बिष्ट का राज हैहोली में बाधा डालना तो बहुत दूर की बात हैकोई चूँ करके तो दिखाएअरे, तिरपाल में तो नमाज पढ़ेंगे अब्दुलइनके जुमे तो साल में 52 बार आते हैंहमारी होली तो साल मे एक बार आती हैहमारा तो जब, जहाँ,जैसे मन करेगा होली मनाएंगे 

हमने पूछा- तो फिर क्या चाय पीना छोड़ दिया जो 12 मार्च के बाद आज आया है ?  

बोला- क्या आतादिन में दस-दस बार शौचालय जाने से फुरसत मिलती तो आता ना 

हमने कहा- मोदी जी ने क्या शौचालय बनवाए हैं कि तेरे जैसे कामचोर सब काम छोड़-छाड़कर शौचालय में ही बैठे रहें 

बोला- क्या शौचालय केदारनाथ की गुफा है जो कोई वहाँ बैठकर ध्यान करेगा ?  मजबूरी है 

हमने कहा- कहीं अपने भजन-कीर्तन जी ने योगी जी की तरह लोगों का परलोक सुधारने के लिए 67 करोड़ लोगों के मल-मूत्र त्याग के बावजूद पीने योग्य पाया गया गंगाजल तो अपने सीकर में नहीं बँटवा दिया ? सुना है महाकुंभ से लौटे हुए लाखों लोग पतले दस्त से परेशान हैं 

बोला- नहीं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ 

हमने कहा- तो फिर जरूर 11 मार्च को मारीशस जाता हुआ मोदी जी का प्लेन तेरे घर के ऊपर से गुजरा होगा 

बोला- प्लेन का क्याकई गुजरते हैंउससे क्या होता हैइसका मेरे पतले दस्तों से क्या संब ? 

हमने कहा- तोताराम, मारीशस जाते समय मोदी जी अपने साथ महाकुंभ का पवित्र गंगाजल ले गए है वहाँ के गंगा तालाब में मिलाकर उसके जल को भी कुम्भ के जल की तरह पीने योग्य बनाने के लिएहो सकता है जैसे इन्द्र के पुत्र के अमृत कलश की तरह मोदी जी के कलश से कोई एक बूँद तेरी छत पर रखी पानी की टंकी में गिर गई होऔर तेरा पानी इतना पवित्र हो गया हो कि तुझसे झिला नहीं हो और पतले दस्त शुरू हो गए हों 

बोला- ऐसे कैसे हो सकता है ? छलकता भी तो प्लेन में गिरताऔर फिर टंकी पर तो ढक्कन लगा रहता है 

हमने कहा- तो फिर सच सच बता कहीं तिरुपति के चर्बी मिले लड्डू की तरह कुछ अखाद्य तो नहीं खा लिया 

बोला- नहींलेकिन अब तुझसे क्या छुपानामैंने अमेजॉन वालों से 40 हजार रुपए किलो वाला 200 ग्राम मशरूम और 100 ग्राम मखाना मँगवा लिया था । 11 मार्च को खाया और 12 को सुबह 4 बजे ही नेताजी के धारा प्रवाह भाषण की तरह विकीलीक्स शुरू हो गया 

हमने कहा- तोताराम, नाल घोड़े को ठुकती है मेंढकी को नहींपेट फुलाने से मेंढकी हाथी नहीं बन जातीये खाद्य पदार्थ खाना और पचाना 56 इंची छाती वालों के बस का काम हैहम खाएंगे तो यही होगा 

हमारे लिए तो  

आधी और रूखी भली सारी तो संताप  

जो चाहेगा चूपड़ी बहुत करेगा पाप 

इसलिए दा रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ 

प्रभु तो समझता है ना ?  

 

-रमेश जोशी  

 


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