जूते में कंकड़ - सामयिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य |
Oct 22, 2011
ज़िम्मेदारी: शरद पवार उवाच
( महँगाई कम करना मेरा काम नहीं- शरद पवार, १९-१०-२०११ )
महँगाई से नहीं है मुझको कोई काम ।
जानें मोहन या प्रणव या फिर जाने राम ।
या फिर जाने राम, हमें तो अन्न उगाना ।
औ' भरकर गोदामों में फिर उसे सड़ाना ।
कह जोशी कविराय सड़े को फिर फिंकवाना ।
पड़े ज़रूरत तो फिर बाहर से मँगवाना ।
यही तो सरकारी चाल है....
ReplyDeleteजनता भले बेहाल है !1