Sep 8, 2017

गड्ढा किसने खोदा

गड्ढा किसने खोदा 

२९ अगस्त २०१७ को मोदी जी ने एहतियात के तौर पर उदयपुर आकर कुछ योजनाओं का शिलान्यास और कुछ का लोकार्पण किया |कारण आप जानते ही हैं- आजकल उपलब्धियाँ बड़ी मनचली हो गई हैं |भेजो कहीं और चली कहीं और जाती हैं |और फिर चुनाव भी तो आ रहे हैं अगले वर्ष सो उपलब्धियों की डिलीवरी देने खुद ही आना पड़ा | इसका सीधा प्रसारण सीकर के पास एक गाँव गनेडी में भी होना था लेकिन ऐन वक्त पर बारिश ने काम बिगाड़ दिया | उस दिन तोताराम ने यह कह कर चाय पीने से मना कर दिया कि मोदी ने देख लिया तो हम दोनों पर जी.एस.टी. का कोई चक्कर चला देंगे |

आज तोताराम ने आते ही फिर वही २९ अगस्त वाली घोषणा कर दी कि चाय नहीं पीनी |हमने पूछा तो बोला- आज के मेरे भविष्य में लिखा है कि स्वास्थ्य के मामले में सावधानी बरतें |घर से बाहर कहीं कुछ न खाएँ |

हमने कहा- ये सब जनता को अन्धविश्वासी बनाने वाली बातें हैं |अवैज्ञानिक हैं |इसी के चक्कर में तो इस देश का सत्यानाश हो गया |पुरुषार्थ करने की बजाय झूठे और लम्पट बाबाओं में चक्कर में फँसने लगे हैं |दवा करने की बजाय झाड़-फूँक और गंडा-ताबीज करने लगे हैं |

बोला- ऐसी बात नहीं है |कुछ देशद्रोही और भारतीय संस्कृति के विरोधी झूठी अफवाहें फैलाते हैं |यदि ज्योतिष में कुछ बात नहीं होती तो बड़े-बड़े नेता नामांकन भरने और शपथ लेने के लिए ज्योतिषियों से मुहूर्त नहीं निकलवाते |

हमने कहा- कुछ कट्टर और अन्धविश्वासी लोग ऐसा करते हैं |

बोला- मैं सब समझता हूँ |तेरा इशारा भाजपा की ओर है |

हमने कहा- हमारा मतलब सभी अंधविश्वासियों से है |नरसिंहा राव भी सब काम राहुकाल और ज्योतिष के अनुसार किया करते थे |बाबरी मस्जिद के समय राहुकाल था इसलिए उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया |  

तोताराम ने हमारी नरसिंहा राव वाली बात से कांग्रेस को पकड़ लिया, कहने लगा- मोदी जी के चुने जाने के बाद जब पेट्रोलियम के दाम कम हुए तो कांग्रेस ने कहा था- यह तो नसीब की बात है कि मोदी जी के आते ही अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के भाव कम हो गए |मतलब कि वे भी नसीब को मानते हैं |कर्म की बजाय नसीब की बात करना ही तो वह बिंदु है जहाँ से ज्योतिष प्रारंभ होता है |

और तुझे याद होना चाहिए कि बिहार के चुनावों में महागठबंधन  के विरुद्ध प्रचार करते हुए मोदी जी ने कहा था- कांग्रेस कहती है कि मोदी के नसीब से तेल के दाम कम हो गए |तो आप भी फूटे नसीब वालों की जगह अच्छे नसीब वालों को क्यों नहीं चुनते ? जनता ने नसीब वालों को नहीं चुना |लेकिन नसीब में मोदी जी लिखे थे तो कुछ महीनों बाद चुने-चुनाए नीतीश जी जदयू के राजग हो गए |पायजामे से चड्डीधारी हो गए |भाग्य का लिखा कोई नहीं टाल सकता |

हमने कहा- यदि नेता के नसीब से सब कुछ होता है तो बिहार, उत्तर प्रदेश, आसाम में बाढ़ और अब मुम्बई में वर्षा का यह कहर किसके भाग्य से है ? जब सारे देश के अच्छे-बुरे दिन मोदी जी के भाग्य से ही जुड़े हैं तो यह बाढ़ भी उनके सौभाग्य-दुर्भाग्य का ही परिणाम मानी जानी चाहिए |

बोला- भविष्य हमेशा एक जैसा नहीं रहता |वैसे तूने उनका उदयपुर वाला भाषण ध्यान से नहीं सुना |मोदी जी ने कहा था कि कांग्रेस ने सत्तर साल से देश को गड्ढे में डाल रखा था |और गड्ढे में पानी तो भरेगा ही ना |

वैसे विश्वास रख, 'संकल्प से सिद्धि' अवश्य मिलती है |२०२२ तक यह गड्ढा भी भर ही देंगे |वैसे तुझे पता होना चाहिए कि बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चन्द्र यादव ने अपने एक्सपर्ट कमेंट्स में बता दिया है कि बाढ़ मोदी जी के दुर्भाग्य के कारण नहीं बल्कि चूहों द्वारा बाँधों के तटबंध खोद डालने से आई है |

हमने कहा- लेकिन इन चूहों ने ये तटबंध जदयू से भाजपा में आने से पहले खोदे या बाद में ?  

बोला- यह तो अमित जी भी नहीं बता पाएँगे क्योंकि पहले राजनीति में घोड़ों का धंधा चलता था आजकल चूहों का बड़ी मात्रा में आयात हो रहा है |अब कैसे पता चले कि कौनसा चूहा कब, कहाँ से आया है ? 


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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