प्रधानमंत्री वय वंदन योजना
आते ही तोताराम तनिक झुका और बोला- हे वयः प्राप्त, वरिष्ठ ! वंदन |
तोताराम जब कभी मूड में होता है तो हमें अपना राम कहता है और स्वयं को हनुमान |आज उसके स्वर में वही भाव अनुभव हुआ | सो हमने भी कहा- कहो मारुतिनंदन ?
बोला- यह वंदन और अभिनन्दन अपनी तरफ से नहीं बल्कि प्रधान सेवक जी की तरफ से कह रहा हूँ |
हमने कहा- प्रधान सेवक कौन ? मोदी जी ?
बोला- आज के इस बदतमीज़ और कृतघ्न संसार में मोदी जी जितना विनम्र और कौन हो सकता है ? क्या कभी किसी प्रधानमंत्री ने स्वयं को प्रधान सेवक कहा ?बैठे बिठाए हम जैसे सरकार के आजीवन नौकर रहे लोगों को स्वामी का दर्ज़ा दे दिया |और आज !
आज तो सीधे-सीधे हम वयः वृद्ध लोगों को सम्मानित करते हुए एक योजना भी शुरू कर दी है |और हमारे सामने अखबर पटकते हुए कहा-ले, पढ़ ले |
'प्रधानमंत्री वय वंदन योजना' जिसका आज जेतली जी विधिवत लोकार्पण करेंगे |
हमने कहा- बन्धु, हमें तो तब से ही वंदन और अभिनन्दन से डर लगता है जब एक अभिन्दन समारोह में किसी ने हमारी नई चप्पलें पार कर दी थीं और एक बार एक शिष्य ने अचानक इस अदा से हमारे चरण-स्पर्श किए कि हम गिर पड़े थे |और फिर मोदी जी ने जब वंदन करते-करते अडवाणी जी को ही बर्फ में लगा दिया तो यह वंदन हमारा क्या हाल करेगा पता नहीं ?
बोला- तू कभी तो सकारात्मक सोचा कर |अडवाणी जी वाली तो राजनीतिक बात है |हमें उससे क्या लेना ? उनका 'पारिवार' का मामला है |
हमने कहा- बन्धु, हमें तो जेतली जी और मोदी जी की नीयत पर शक है |यदि वरिष्ठ जनों के प्रति इतनी ही श्रद्धा है तो हमारा सातवाँ वेतन आयोग क्यों दबाए बैठे हैं ? किसी का पैसा देना है तो समय से दे दो | हिज्र की रात लेकिन इतनी भी लम्बी क्या कि दुलहन इंतज़ार में ही बूढ़ी हो जाए |
बोला- अपना ही रोना रोएगा या आगे भी कुछ सुनेगा ?
हमने कहा- ठीक है सुना दे |
बोला- मोदी जी और उनके जनहितकारी वित्त मंत्री जेतली जी ने वृद्धों का विशेष ध्यान रखते हुए जीवन बीमा के माध्यम से एक योजना शुरु की है जिसमें दस वर्ष के लिए अधिक से अधिक साढ़े सात लाख रुपए की राशि स्वीकार की जाएगी और उस पर आठ प्रतिशत की दर से प्रतिमाह पाँच हजार रुपए ब्याज दिया जाएगा |दस वर्ष बाद राशि वापिस कर दी जाएगी |यदि बीच में कोई मर गया तो पूरी राशि वापिस कर दी जाएगी |यदि किसी संकट के समय आप अपनी राशि निकालना चाहें तो मूल का २ प्रतिशत कटेगा |ब्याज पर टेक्स लगेगा |
हमने कहा- तोताराम, इसमें नया क्या है ? इसके पहले से ही पोस्ट ऑफिस में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक आय योजना है |इसमें तो पैसा दस वर्ष के लिए जमा करवाना पड़ेगा जबकि उसमें तो पाँच साल के लिए ही जमा करवाना पड़ता है |पहले एक बार मनमोहन सिंह जी ने कहा था- मैं तो सेल्समैन हूँ |मुझे लगता है इस समय मोदी जी से बड़ा सेल्समैन भारत क्या, दुनिया में नहीं है |जो योजना पहले से है उसीका इस तरह से विज्ञापन मानों पता नहीं जनहित का कौन-सा बड़ा काम कर दिया |अधिकतर काम जैसे मनरेगा, जी.एस.टी., जन कल्याण औषधि भण्डार आदि सब नई पेकिंग में पुराना माल है |वैसे बन्दे की सबसे बड़ी खासियत है अंदाज़ |जैसे कि ग़ालिब का अंदाज़े बयाँ |
बोला- तो इसी पर दाद दे मगर दे तो सही |कवि भी तो कहता -
साक़ी ! शराब न दे, न सही
पर शराब की बात तो कर |
और एक बात ध्यान से सुन ले |ज्यादा चूँ चपड़ मत किया कर |बन्दे के पास स्पष्ट बहुमत है |अगर पोस्ट ऑफिस में जमा तेरे पैसों पर ब्याज देने की बजाय रखवाली करने के नाम पर आठ प्रतिशत वार्षिक काट लेगा तो भी कोई हाथ पकड़ने वाला नहीं है | तुझे पता होना चाहिए कि नोटबंदी वाले कदम से देश-विदेश से सारा काला धन बैंकों में लौट आया है | अब सरकार के पास वैसे ही नोट रखने तक की जगह नहीं है |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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