Apr 2, 2023

ढाई आखर उर्फ मोदी जी की डिग्री


ढाई आखर उर्फ मोदी जी की डिग्री 


आज जैसे ही तोताराम बैठने को हुआ, हमने कहा- तोताराम, मोदी जी अपनी डिग्री दिखा क्यों नहीं देते ?

बोला- पेंशन आ गई ? 

हमने कहा- यह क्या तरीका है ? हम पूछ रहे हैं मोदी जी की डिग्री के बारे में और तू ले बैठा पेंशन ? आ जाएगी पेंशन भी, कहाँ भागी जा रही है ? घर में अभी तो राशन-पानी है । 

बोला- बात राशन-पानी की नहीं है । ऐसे प्रश्न पूछने पर अगर किसी कोर्ट ने २५ हजार का जुर्माना लगा दिया तो ? बचे हैं क्या फरवरी की पेंशन में से २५ हजार ?

हमने कहा- बैंक में तो उतने ही हैं जितने सरकार ने मिनिमम बेलेन्स के नाम पर अटकाना जरूरी कर रखा है । 

और फिर यहाँ कौन कोई बरामदे पर मोदी का ड्रोन उड़ रहा है जो वीडियो बना लेगा । और अगर वीडियो बन भी  गया तो कौन सी अभी कार्यवाही हुई जा रही है ?

बोला- इस भ्रम में मत रहना । राष्ट्रीय महत्त्व के मामले में मोदी जी एक दिन भी नहीं लगाते । देखा नहीं, किस तरह ओ बी सी वर्ग का अपमान करने पर २४ घंटे में फैसला गुजरात से दिल्ली आ गया । अध्यक्ष के पास गुजराती से हिन्दी में अनुवाद होकर तामील भी हो गया और उसी दिन राहुल गांधी की सदस्यता भी रद्द  करवा दी ।मकान खाली करने का नोटिस भी लगे हाथ थम दिया गया । कैसे केजरीवल के डिग्री देखने की अर्जी पर यूनिवर्सिटी ने ही सूचना देने की बजाय कोर्ट से दंडित करा दिया । तेरे लिए तो छह महीने पेंशन बंद आकर देना ही काफी है । आँतें सूख जाएंगी, आँखें बाहर निकल आएंगी । अगर किसी मोदी भक्त अधिकारी ने अतिक्रमण बताकर बुलडोज़र भेज दिया तो तेरी 'बरामद संसद' को 'सेंट्रल विष्ठा' होते देर नहीं लगेगी ।

हमने कहा- बुलडोजर तो उन के घरों पर चलता है जिन्हें उनकी टोपी और ऊंचे पायजामे से पहचाना जाता है । हम तो ब्राह्मण है । 

बोला- राजनीति में जो विपक्ष में है वह अपना शत्रु है, और अपना शत्रु मतलब देश का शत्रु । आत्मा सो परमात्मा । आप मरे जग परलय । खुद ही देश, खुद ही दुनिया । अगर ऐसा होता तो विकास दुबे की गाड़ी क्यों पलटती ? क्या राहुल हिन्दू नहीं है ? क्या केजरीवाल हनुमान भक्त नहीं है ? 

हमने कहा- लेकिन डिग्री दिखाने में ऐसी क्या परेशानी है ? तू चाहे तो हमारी डिग्री ले जा और जो भी देखना चाहे उसे दिखा ? वैसे अपने पास ही रख ले तो भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता ? अब हमें कौन सी नौकरी करनी है ?

बोला- तो फिर मोदी जी को ही कौन सी नौकरी करनी है जो डिग्री दिखाते फिरें । और फिर केजरीवाल ने क्या कोई डिग्री आज तक देखी नहीं क्या ?  

हमने कहा- देखी तो बहुत होगी लेकिन 'एन्टायर पॉलिटिकल साइंस' की डिग्री तो देखी क्या, सुनी भी नहीं होगी । 

बोला- केजरीवाल ने आई आई टी क्या कर ली अपने को खुदा समझने लगा । मोदी जी की इस डिग्री में  एन्टायर साइंस आ गई और एन्टायर  पॉलिटिक्स भी आ गई । कुछ नहीं बचा । इसीलिए मोदी जी विश्वगुरु माने जाते । ट्रम्प  के अलावा दुनिया में इस स्तर की वैज्ञानिक बातें मोदी जी के अलावा और कोई नहीं कर सकता । वैज्ञानिकों में वैज्ञानिक और पॉलिटीशियनों में पॉलिटीशियन । बाँसुरी बजा लें, नगाड़ा कूट लें, झांझ बजा लें, मंजीरे झनझना दें ।  कौन सा गुण और स्किल नहीं है मोदी जी में ? 

केजरीवाल के पास ले देकर एक डिग्री है आई आई टी । न साइंस, न पॉलिटिक्स । और उसमें कहीं भी  साइंस नहीं है । भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित । है कहीं साइंस ? 

हमने कहा- तो अच्छी बात है । एक बार दिखा दें तो विद्यार्थी प्रेरित होंगे और केजरीवाल जैसी एकांगी शिक्षा की बजाय मोदी जी की तरह एन्टायर ज्ञान प्राप्त करके अपना और देश का सर्वांगीण विकास कर सकेंगे । 

बोला- वैसे ही मोदी जी को सोने का समय तक मिलता नहीं । अब यह एक और फालतू का काम आ गया । इस देश की जनता बहुत लीचड़ है । यह इस डिग्री देखने को ही एक तमाशा बना लेगी । कल को जो भी दिल्ली आएगा मुंह उठाकर चल पड़ेगा 'लोक कल्याण मार्ग' पर मोदी जी की डिग्री देखने के लिए । अब मोदी जी देश का विकास करेंगे या घर के बरामदे में बैठे सुबह से शाम तक लोगों को अपनी डिग्री दिखाते रहेंगे । 

हमने कहा- तो फिर इसका तो एक ही उपाय है कि उसे सेंट्रल विष्ठा के शीर्ष पर बने चार सिंहों के बाजू में लटका दिया जाए । जो भी आए देखे, उसके साथ सेल्फ़ी ले । या फिर उस डिग्री का दिल्ली में एक स्थान बना दिया जाए जहां एक सौ रुपया टिकट लगाकर डिग्री के दर्शन कराए जाएँ । एक पंथ दो काज । 

बोला- यह केजरीवाल बहुत चतुर है ।किस फालतू काम में मोदी जी को उलझाना चाहता है । मोदी जी पहले भक्ति और अध्यात्म की खोज में हिमालय और तीर्थों में भटकते रहे, उसके बाद पहले गुजरात के विकास में , फिर भारत के विकास में और अब जी-२० के मार्ग दर्शन में लगे हुए हैं । ऐसे में पता नहीं कहाँ रखी होगी डिग्री ?समाज सेवा के चक्कर में घर-गृहस्थी भी नहीं बसाई कि कोई कागज-पत्तर संभाल कर रखता । 

हमने कहा- आजकल एक वीडियो चल रहा है जिसमें मोदी जी कह रहे हैं कि मैं कोई स्कूल-विसकूल नहीं गया । बस, ऐसे ही थोड़ा बहुत पढ़ा हूँ । 

बोला- और ये  छोटे लोग इसे सच मान रहे हैं । अरे, यह मोदी जी की विनम्रता है जो एन्टायर पॉलिटिक्स में एम ए होकर भी कहते हैं कि मैं कुछ खास पढ़ लिखा नहीं हूँ ।महान लोग अपनी प्रशंसा खुद नहीं करते । 

बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोलें बोल 

हीरा मुख से ना कहे लाख हमारो मोल 

 कबीर जब कहते हैं-

'मसि कागद छूयो नहीं, कलम गही नहिं हाथ' 

तो लोग समझते हैं कबीर निरक्षर थे । वे कहते हैं-

पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय 

ढाई  आखर  प्रेम  का  पढ़े  सो  पंडित  होय 

सो मोदी जी ने समस्त जीव मात्र से प्रेम के ढाई अक्षर पढ़े हैं । फिर और कौन सी डिग्री चाहिए । 

 हमने कहा- हाँ, उनके सबके प्रति प्रेम की भावना का तो उनके नेहरू ही नहीं अपने विपक्षियों तक के प्रति जो सम्मान का भाव है उनके शब्द शब्द से टपकता रहता है । वैसे तोताराम, प्रेम की तरह घृणा, निंदा और तृष्णा में भी  'ढाई अक्षर' ही होते हैं । 




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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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