Mar 6, 2024

कौनसी एम सील


कौनसी एम सील 

तोताराम ने आते ही कहा- मास्टर, लीकेज की बड़ी समस्या है । 

हमने कहा- बुढ़ापे में यह समस्या हो ही जाती है, कभी आगे से तो कभी पीछे से ।

तोताराम में अजीब सा मुंह बनाते हुए कहा- आगे से, पीछे से क्या मतलब ?

हमने कहा- बुढ़ापे में जब प्रोस्टेट ग्रन्थि बढ़ जाती है तो यह नश्वर शरीर आगे से और जब अतिसार हो जाता है तो पीछे लीक होने लगता है । 

बोला- संस्कारी ब्राह्मण होकर कैसी वीभत्स रस की बातें करता है ?

हमने कहा- बात भले ही वीभत्स लगे लेकिन समस्या वास्तविक, जायज और महत्वपूर्ण है । राजा को हो जाए तो उसे भी विश्व नेताओं से भरे सम्मेलन से भी उठकर शौचालय जाना ही पड़ता है । 

तुझे कहाँ लीकेज हो रहा है ?

बोला- मैं तो ठीक हूँ लेकिन —

हमने बात काटी, कहा- तो फिर कोई बात नहीं । टंकी से पानी लीक हो रहा है तो एम सील लगा ले । 

बोला- नहीं, यह पेपर लीक का मामला है ।  पुलिस भर्ती लीकेज जिसमें 50 लाख परीक्षार्थियों को लटका दिया और अब यू पी बोर्ड की 10 वीं, बारहवीं के गणित और बायोलॉजी के पेपर लीक । 

हमने - तो भी एम सील काम करेगी । एम सील मतलब ‘मोदी सील’ । 

बोला- मोदी सील, मोदी तो टायर बनाते थे क्या अब सील भी बनाने लगे ?

हमने कहा- वह मोदीनगर वाले गूजरमल मोदी नहीं, अपने विष्णु के अवतार मोदी जी । वे कई तरह की सीलें बनाते हैं जिनके द्वारा वे पेट की ही नहीं ‘मुंह’ वाली लीकेज भी निष्प्रभावी कर देते हैं । पहली एम सील मर्यादा वाली मतलब यूएपीए, इससे जेल में बंद होने वाले के सभी तरह के लीकेज बंद हो जाते हैं । दूसरी एम सील मनी वाली मतलब ईडी वाली, मनी लांड्रिन्ग वाली इससे भी मुंह तत्काल बंद हो जाता है । तीसरी सबसे शक्तिशाली होती है मौन वाली एम सील । कुछ भी हो 'मौन' लगाओ । धीरे धीरे सब अपने आप शांत हो जाएगा । हर खाते में 15 लाख, दो करोड़ नौकरी, नोटबंदी, मणिपुर, महिला पहलवान सब मुद्दे शांत हो गए कि नहीं ? 

ऐसे ही यू पी का यह पेपर लीक भी शांत हो जाएगा । 

बोला- लेकिन मौन के लिए आलोचना तो मनमोहन जी की की जाती थी । 

हमने कहा- मनमोहन जी के पास तो मौन का रेन कोट ही था इनके पास तो बहुत शक्तिशाली वाटर प्रूफ तकनीक है कि चाहे लक्ष्य द्वीप का तट हो या द्वारिका का मोरपंखी जल स्तंभनासन हो, सब जगह से सूखे निकल आते हैं । 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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