Mar 21, 2011

जैसी दृष्टि : वैसी सृष्टि . सन्दर्भ - पुस्तक 'एटीट्यूड शिफ्ट'


किसी भी व्यक्ति की जीवन दृष्टि का निर्माण उसकी संस्कृति के द्वारा होता है | भारत की जीवन दृष्टि के निर्माण का मूल स्रोत है संस्कृत | भले ही आज पश्चिम का दुष्प्रचार और भारतीय शिक्षा की तथाकथित नवीन दृष्टि संस्कृत को कर्मकांड की वाहिका और यहाँ तक कि एक मृत भाषा मानती है मगर संस्कृत का विवेकपूर्वक अध्ययन करनेवाले जानते हैं कि संस्कृत में जीवन-अनुभवों का एक विशाल और व्यावहारिक खजाना छुपा है |


यही खोज शशिकांत जोशी ने अपनी नवीनतम पुस्तक 'एटीट्यूड शिफ्ट' (Attitude Shift - Sanskrit Maxims for Contemporary Life and Leadership) नामक पुस्तक में बखूबी की है | इस पुस्तक में लेखक ने संस्कृत साहित्य की विभिन्न 'कहावतों' का संकलन किया है जिसे संस्कृत में 'न्याय' कहा जाता है जिसमें उन्होंने बताया है कि किस प्रकार ये कहावतें जीवन के प्रबंधन (management) और सामान्य व्यावहारिक बुद्धि को अपने में छुपाए हैं | यह पुस्तक सरल अंग्रेजी में है और किशोरों से लेकर बड़े-बड़े प्रबंधकों (managers) तक की जीवन-दृष्टि में परिवर्तन लाने में सक्षम है | 

शशिकान्त जोशी आई.आई.टी. खडगपुर के कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातक, मिनिसोटा (USA) से कम्प्यूटर विज्ञान में परास्नातक हैं | सत्रह वर्ष तक अमरीका में सोफ्टवेयर कंसल्टेंट रहने के बाद इस समय बैंगलोर में रहते हैं | यदि आप थोड़ी भी अंग्रेजी जानते हैं तो इस पुस्तक को सरलता से समझ सकते हैं |

एक अवश्य पठनीय पुस्तक | यह पुस्तक बुकस्टोर में नहीं उपलब्ध है, वरन वेबसाइट से बिना डाक खर्च के मंगाई जा सकती है |

अधिक जानकारी के लिए देखें - http://thinkingheartsonline.com/attitudeshift



(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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