धोनी का विष्णु अवतार
कल हम ७३ वर्ष के हो गए | यदि ज्यादा रुआब जमाना चाहें तो कह सकते हैं कि ७४वाँ जन्म दिन था | आज तोताराम से आते ही हमारे सामने अखबार रखते हुए कहा- हो गया अवतार |
हमने शरमाते हुए कहा- बन्धु, इतना मक्खन मत लगाओ | अभी तो कल्कि अवतार होना बाकी है | कुछ भक्तों ने मोदी जी में कृष्ण का स्वरुप देख लिया पर यह सच है कि कोई भी अवतार धूम एक और धूम दो की तरह दो बार नहीं हुआ | उमा भारती की दृष्टि दिव्य है जो त्रिदेवों (ब्रह्मा,विष्णु, महेश )को अटल जी, अडवानी जी, वेंकैया जी , अमित शाह, अरुण जेतली और मोदी जी किसी भी रूप में छुपे होने पर भी पहचान लेती है |यह तो बता हमारा किस रूप में अवतार हुआ है और तुमने कैसे पहचाना ?
बोला- यह मुँह और अरहर की दाल |
हमने कहा- मुहावरा सुधार |
बोला- अब अरहर की दाल सबसे महँगी है इस लिए मुहावरे में संशोधन हो गया है |और साफ़ सुन ले, मैं तेरे अवतार की बात नहीं कर रहा हूँ |तेरा तो अब पुनर्जन्म होगा और वह भी किस योनि में पता नहीं | बात पूरी होने से पहले ही कूद पड़ा |मैं धोनी की बात का रहा हूँ- धोनी का विष्णु-अवतार हो गया |
हमने कहा- विष्णु का अवतार होता है जैसे वराह अवतार, वामन अवतार, राम अवतार, कृष्ण अवतार और दसवाँ कल्कि अवतार जो अभी ड्यू है |राम का विष्णु अवतार कहना तो सारा सिस्टम बदलना है |
बोला- पहले संसार में पाप बढ़ने पर विष्णु अवतार लिया करते थे लेकिन जब से लोगों ने चमचागीरी के लिए जहाँ-तहाँ अवतार देखने शुरू कर दिए तो विष्णु जी ने भी अवतार लेना बंद कर दिया है | अब तो नेताओं,अभिनेताओं और क्रिकेटरों के अवतार होते हैं |यदि विश्वास नहीं होता तो फोटो देख ले |
हमने फोटो देखा तो वास्तव में चार हाथ थे लेकिन यह क्या चार हाथों में दस वस्तुएँ ?दुर्गा को आठ हथियार धारण करने थे तो आठ हाथों का प्रोवीजन रखा गया | विष्णु के चार हथियार हैं- शंख, चक्र,गदा, पद्म तो विष्णु का चार हाथों से काम चल गया |इसमें तो चार हाथों में दस वस्तुएँ और वे भी कोई हथियार नहीं | इन दस वस्तुओं में एक जूता भी दिखा जिसे अखबार वाले ने लाल गोले में दिखाया था |
हमने कहा- इसमें विष्णु का हथियार तो एक भी नहीं और फिर जूते को हाई लाईट क्यों किया गया ?
तो बोला- ज्यादा हथियारों की ज़रूरत ही नहीं है |आजकल तो एक की हथियार काफी है जूता, जिसमें संसार के सभी हथियारों की शक्ति समाहित है | इसमें शंख, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, तलवार, पाश सब शामिल हैं | हो सकता है यह जूता चाँदी का हो | चाँदी का जूता तो सुदर्शन चक्र से भी अधिक शक्तिशाली है | अच्छे से अच्छा तुर्रम खां चित्त हो जाता है |तुम्हें यह जूता दिखता है लेकिन यह वास्तव में पद है, नोट है, वोट है, सबसे बड़ी चोट है |जिस पर पड़ता है उसकी खोपड़ी ही नहीं, मन तक चकनाचूर हो जाता है | जिस पर पड़ता है खोपड़ी घूम जाती है, ज़िन्दगी भर सँभल नहीं पाता |इसके लिए कोई संजीवनी बूटी नहीं बनी |
बेचारे धोनी को तो लोग वैसे ही घसीट रहे हैं |यह तो उसका एक साइड बिजनेस है लेकिन आलोचना करने वाले तो पता नहीं, दिन में कितने उचित-अनुचित वेश बदलते हैं |
यह धोनी का नहीं, लोकतंत्र का विज्ञापन है जिसे लोग खुले रूप में भले ही स्वीकार न करें लेकिन सब खोपड़ी उघाड़कर इसी चाँदी के जूते की कामना कर रहे हैं |
कल हम ७३ वर्ष के हो गए | यदि ज्यादा रुआब जमाना चाहें तो कह सकते हैं कि ७४वाँ जन्म दिन था | आज तोताराम से आते ही हमारे सामने अखबार रखते हुए कहा- हो गया अवतार |
हमने शरमाते हुए कहा- बन्धु, इतना मक्खन मत लगाओ | अभी तो कल्कि अवतार होना बाकी है | कुछ भक्तों ने मोदी जी में कृष्ण का स्वरुप देख लिया पर यह सच है कि कोई भी अवतार धूम एक और धूम दो की तरह दो बार नहीं हुआ | उमा भारती की दृष्टि दिव्य है जो त्रिदेवों (ब्रह्मा,विष्णु, महेश )को अटल जी, अडवानी जी, वेंकैया जी , अमित शाह, अरुण जेतली और मोदी जी किसी भी रूप में छुपे होने पर भी पहचान लेती है |यह तो बता हमारा किस रूप में अवतार हुआ है और तुमने कैसे पहचाना ?
बोला- यह मुँह और अरहर की दाल |
हमने कहा- मुहावरा सुधार |
बोला- अब अरहर की दाल सबसे महँगी है इस लिए मुहावरे में संशोधन हो गया है |और साफ़ सुन ले, मैं तेरे अवतार की बात नहीं कर रहा हूँ |तेरा तो अब पुनर्जन्म होगा और वह भी किस योनि में पता नहीं | बात पूरी होने से पहले ही कूद पड़ा |मैं धोनी की बात का रहा हूँ- धोनी का विष्णु-अवतार हो गया |
हमने कहा- विष्णु का अवतार होता है जैसे वराह अवतार, वामन अवतार, राम अवतार, कृष्ण अवतार और दसवाँ कल्कि अवतार जो अभी ड्यू है |राम का विष्णु अवतार कहना तो सारा सिस्टम बदलना है |
बोला- पहले संसार में पाप बढ़ने पर विष्णु अवतार लिया करते थे लेकिन जब से लोगों ने चमचागीरी के लिए जहाँ-तहाँ अवतार देखने शुरू कर दिए तो विष्णु जी ने भी अवतार लेना बंद कर दिया है | अब तो नेताओं,अभिनेताओं और क्रिकेटरों के अवतार होते हैं |यदि विश्वास नहीं होता तो फोटो देख ले |
हमने फोटो देखा तो वास्तव में चार हाथ थे लेकिन यह क्या चार हाथों में दस वस्तुएँ ?दुर्गा को आठ हथियार धारण करने थे तो आठ हाथों का प्रोवीजन रखा गया | विष्णु के चार हथियार हैं- शंख, चक्र,गदा, पद्म तो विष्णु का चार हाथों से काम चल गया |इसमें तो चार हाथों में दस वस्तुएँ और वे भी कोई हथियार नहीं | इन दस वस्तुओं में एक जूता भी दिखा जिसे अखबार वाले ने लाल गोले में दिखाया था |
हमने कहा- इसमें विष्णु का हथियार तो एक भी नहीं और फिर जूते को हाई लाईट क्यों किया गया ?
तो बोला- ज्यादा हथियारों की ज़रूरत ही नहीं है |आजकल तो एक की हथियार काफी है जूता, जिसमें संसार के सभी हथियारों की शक्ति समाहित है | इसमें शंख, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, तलवार, पाश सब शामिल हैं | हो सकता है यह जूता चाँदी का हो | चाँदी का जूता तो सुदर्शन चक्र से भी अधिक शक्तिशाली है | अच्छे से अच्छा तुर्रम खां चित्त हो जाता है |तुम्हें यह जूता दिखता है लेकिन यह वास्तव में पद है, नोट है, वोट है, सबसे बड़ी चोट है |जिस पर पड़ता है उसकी खोपड़ी ही नहीं, मन तक चकनाचूर हो जाता है | जिस पर पड़ता है खोपड़ी घूम जाती है, ज़िन्दगी भर सँभल नहीं पाता |इसके लिए कोई संजीवनी बूटी नहीं बनी |
बेचारे धोनी को तो लोग वैसे ही घसीट रहे हैं |यह तो उसका एक साइड बिजनेस है लेकिन आलोचना करने वाले तो पता नहीं, दिन में कितने उचित-अनुचित वेश बदलते हैं |
यह धोनी का नहीं, लोकतंत्र का विज्ञापन है जिसे लोग खुले रूप में भले ही स्वीकार न करें लेकिन सब खोपड़ी उघाड़कर इसी चाँदी के जूते की कामना कर रहे हैं |
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