राम कैसे बनते हैं
आज तोताराम ने बड़ा अजीब प्रश्न किया- राम कैसे बनते हैं ?
हमने कहा- बहुत सरल है | जिसका नाम उसके माता-पिता 'राम' रख लें वह राम बन जाता है जैसे राम विलास पासवान, राम जेठमलानी, रमई राम, जीतन राम माँझी(भले ही खुद के अलावा पार्टी के सभी उम्मीदवारों की नाव डूब गई) या फिर कोई रामानंद सागर उसे अपनी रामायण में राम का रोल दे दे या और कुछ नहीं तो कोई अपना उपनाम ही राम रख ले |
बोला- तेरी सोच बहुत छोटी है |इन नश्वर मनुष्यों से ऊपर जाती ही नहीं |
हमने कहा- दूसरा तरीका है कि किसी रावण का जन्म हो तो फिर राम को जन्म लेना ही पड़ेगा |
बोला- रावण तो गली-गली हैं लेकिन राम एक नहीं दिखता |
हमने कहा- तो फिर हमारी ग़ज़ल का एक शे'र सुन, सब समझ में आ जाएगा-
बहुत कठिन धरम राम का
वन-वन पड़े भटकना भगतो |
बोला- तेरे बस का नहीं है इस प्रश्न का उत्तर देना |पता है कल डा.भीमराव अम्बेडकर महासभा के डा.लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है- यदि मोदी जी दलितों को न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण दे दें तो वे दलितों के 'राम' बन जाएंगे |कहने वाले'निर्मल' हैं इसलिए इसमें सचाई अवश्य है |सुन्दरकाण्ड में राम स्वयं कहते हैं-
निर्मल मन जन सो मोहि पावा |
हमने कहा- 'दलितों के राम' ही तो बन जाएंगे लेकिन सब के राम तो नहीं बन पाएंगे ? राम क्या एक वर्ग विशेष के होते हैं ?राम तो सबके होते हैं -हर दीन, दुखी, पीड़ित, दलित के |वे जाति-वर्ग का भेद नहीं करते |वैसे भले ही मोदी जी निर्मल जी कहे अनुसार दलितों के राम' बन सकने के पात्र हो जाएँ लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे |
पूछने लगा- क्यों ?
हमने कहा- उन्हें तो उमा भारती जी ने पहले से ही 'विष्णु' घोषित कर रखा है |
बोला- उससे क्या होता है ? वे तो मौका लगने पर किसी को भी 'त्रिदेव' बना देती हैं |इससे पहले अटल जी ,अडवाणी जी और वेंकैया जी को भी ब्रह्मा, विष्ण, महेश बनाया था कि नहीं ?फिर मोदी जी, अमिट शाह और जेतली को बना दिया |कल किसी और को नियुक्त कर देंगी |
हमने कहा- तो फिर राम और विष्णु ही क्यों ? परम पिता परमेश्वर ही क्यों नहीं बन जाते ?
अब तो तोताराम का मुँह खुला का खुला रह गया, बोला- क्या यह भी संभव हो सकता है ? क्या कोई परमेश्वर भी बन सकता है क्या ?
हमने कहा- यदि वे भारतीयों को दूसरे देशों भी आरक्षण दिलवा सकें |
तोताराम खिसक लिया |
आज तोताराम ने बड़ा अजीब प्रश्न किया- राम कैसे बनते हैं ?
हमने कहा- बहुत सरल है | जिसका नाम उसके माता-पिता 'राम' रख लें वह राम बन जाता है जैसे राम विलास पासवान, राम जेठमलानी, रमई राम, जीतन राम माँझी(भले ही खुद के अलावा पार्टी के सभी उम्मीदवारों की नाव डूब गई) या फिर कोई रामानंद सागर उसे अपनी रामायण में राम का रोल दे दे या और कुछ नहीं तो कोई अपना उपनाम ही राम रख ले |
बोला- तेरी सोच बहुत छोटी है |इन नश्वर मनुष्यों से ऊपर जाती ही नहीं |
हमने कहा- दूसरा तरीका है कि किसी रावण का जन्म हो तो फिर राम को जन्म लेना ही पड़ेगा |
बोला- रावण तो गली-गली हैं लेकिन राम एक नहीं दिखता |
हमने कहा- तो फिर हमारी ग़ज़ल का एक शे'र सुन, सब समझ में आ जाएगा-
बहुत कठिन धरम राम का
वन-वन पड़े भटकना भगतो |
बोला- तेरे बस का नहीं है इस प्रश्न का उत्तर देना |पता है कल डा.भीमराव अम्बेडकर महासभा के डा.लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है- यदि मोदी जी दलितों को न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण दे दें तो वे दलितों के 'राम' बन जाएंगे |कहने वाले'निर्मल' हैं इसलिए इसमें सचाई अवश्य है |सुन्दरकाण्ड में राम स्वयं कहते हैं-
निर्मल मन जन सो मोहि पावा |
हमने कहा- 'दलितों के राम' ही तो बन जाएंगे लेकिन सब के राम तो नहीं बन पाएंगे ? राम क्या एक वर्ग विशेष के होते हैं ?राम तो सबके होते हैं -हर दीन, दुखी, पीड़ित, दलित के |वे जाति-वर्ग का भेद नहीं करते |वैसे भले ही मोदी जी निर्मल जी कहे अनुसार दलितों के राम' बन सकने के पात्र हो जाएँ लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे |
पूछने लगा- क्यों ?
हमने कहा- उन्हें तो उमा भारती जी ने पहले से ही 'विष्णु' घोषित कर रखा है |
बोला- उससे क्या होता है ? वे तो मौका लगने पर किसी को भी 'त्रिदेव' बना देती हैं |इससे पहले अटल जी ,अडवाणी जी और वेंकैया जी को भी ब्रह्मा, विष्ण, महेश बनाया था कि नहीं ?फिर मोदी जी, अमिट शाह और जेतली को बना दिया |कल किसी और को नियुक्त कर देंगी |
हमने कहा- तो फिर राम और विष्णु ही क्यों ? परम पिता परमेश्वर ही क्यों नहीं बन जाते ?
अब तो तोताराम का मुँह खुला का खुला रह गया, बोला- क्या यह भी संभव हो सकता है ? क्या कोई परमेश्वर भी बन सकता है क्या ?
हमने कहा- यदि वे भारतीयों को दूसरे देशों भी आरक्षण दिलवा सकें |
तोताराम खिसक लिया |
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