Jul 9, 2017

  तोताराम का ताड़ासन 

आज चाय बनने में कुछ देर हो गई |चाय के बिना इस देश में लोकतंत्र नहीं आ सकता, स्पष्ट बहुमत की सरकार नहीं बन सकती, भारत स्वच्छ और स्वस्थ नहीं हो सकता, सब का साथ, सबका विकास नहीं हो सकता तो यह कैसे हो सकता है कि हमारे और तोताराम के संसद के प्रातः कालीन सत्र का समापन हो  सके | 

हमने तोताराम से कहा- जा, अन्दर जाकर देख कि चाय में क्या देर-दार है ?

तोताराम अपनी जगह से टस से मस भी नहीं हुआ |बस, गर्दन की ताड़ासन जैसी मुद्रा बनाई |पाठकों ने यदि पिंजरे में बैठे तोते को कभी ध्यान से देखा हो तो वे समझ सकते हैं कि कभी-कभी तोता बैठे-बैठे ही अपनी गर्दन को बड़ी शिद्दत से ऊपर की ओर खींचता है मानों आसमान के तारे तोड़ लाएगा |

हमने कहा- तोताराम, ऐसे बैठे-बैठे गर्दन को ऊपर की तरफ तानने से काम नहीं चलने वाला |यह ठीक है कि वैज्ञानिकों के अनुसार रेगिस्तानी इलाकों में गर्दन ऊँची करके पेड़ों की पत्तियाँ खाते रहने से हजारों वर्षों में ऊँट की गर्दन लम्बी हो गई लेकिन यह संभव नहीं है कि तू अपनी गर्दन को तानकर यहाँ से बैठे-बैठे ही देख लेगा कि रसोई में चाय बनी या नहीं ?

बोला- हो क्यों नहीं सकता ? इस समय देश जोश में है |कुछ भी हो सकता है | देखा नहीं, मोदी जी इजराइल गए तो वहाँ के प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने क्या कहा ? बोले- जब मैं ताड़ासन करता हूँ और दाहिनी ओर देखता हूँ तो मुझे पहली डेमोक्रेसी के रूप में भारत दिखाई देता है | 

हमने कहा- तोताराम, इस बात में तो दम है |मध्य एशिया के रेगिस्तानी इलाके में गिद्ध बहुत होते हैं और कहते हैं उनकी दृष्टि बहुत तेज़ होती है |रामचरित मानस में भी सीता की खोज करने के लिए गए हनुमान, अंगद, जाम्बवान और बन्दर-भालू जब समुद्र के किनारे जटायु के भाई सम्पाती से मिलते हैं तो वह कहता है- 

मैं देखउँ तुम नाहीं गीधहि दृष्टि अपार |

तेरी तरह ताड़ासन कर-करके शायद गिद्ध की गर्दन भी लम्बी हो गई है | इसलिए यह भी मात्र संयोग नहीं बल्कि वैज्ञानिक सचाई है कि रेगिस्तान में गिद्ध की तरह लोग बहुत दूर-दूर तक देख सकते हैं |और फिर 'हमारे' योग का चमत्कार और ऊपर से नेतान्याहू जी सिखाने को वाले मोदी जी जैसे योगविद |अच्छे-अच्छों को ताड़ासन करवा दिया है, भाई ने  |

बोला- और खुद मोदी जी जब 'वाशिष्ठासन' करते हैं तो उन्हें भी पश्चिम की तरफ मुँह घुमाने पर सबसे पहले डेमोक्रेसी के रूप में इजराइल ही दिखाई देता है |

हमने कहा- तोताराम, जब दो आदमी सब कुछ भुलाकर एकाकार हो जाते हैं तो इसी तरह की केमिस्ट्री पैदा हो जाती है |जैसे एक को दूसरा योग-ऋषि दिखाई देता है तो दूसरे को पहले में  राष्ट्र-ऋषि नज़र आता  है |वैसे भारत के किसी प्रधान मंत्री की इस पहली इजराइल यात्रा से इजराइल की तो दुनिया में ग्राह्यता बढ़ जाएगी लेकिन भारत को क्या मिलेगा ?

बोला- इजराइल हमें आतंकवाद से लड़ने की तकनीक देगा |

हमने कहा- ये लड़ाइयाँ तकनीक से नहीं; एकता और दृढ-संकल्प से लड़ी जाती हैं |हाँ, इस उत्सवी माहौल में इजराइल कुछ अरब के हथियार हमें ज़रूर भिड़ा देगा |इज़राइल में खजूर के पेड़ भी बहुत होते हैं | खजूर के फल दूर और छाया दुर्लभ होती है |

वैसे तू तो एक किस्सा सुन-

किसी ट्रेन में रात को नीचे की बर्थ पर एक बूढ़ा सोने की कोशिश कर रहा था और ऊपर की बर्थ पर एक लड़का और एक लड़की मन की बातें कर रहे थे |लड़का बोला- जब मैं तुम्हारी आँखों में देखता हूँ तो मुझे सारी दुनिया दिखाई देती है |
बूढा बोला- बेटा, दो दिन से मेरी भैंस नहीं मिल रही है |अगर निगाह में आ जाए तो देख कर बता देना |

सो अगर तुझे अपने ताड़ासन के दौरान दिखाई दे जाए तो देख कर बताना कि केंद्र सरकार की ओटोनोमस बोडीज वालों को सातवाँ वेतन आयोग मिलने की कोई संभावनाएँ दिखाई दे रही हैं या नहीं ?






  



 

2 comments:

  1. ऐसे ही चलता रहा तो केंद्र सरकार के लोग ही कहाँ रह जायेंगे भत्ता लेने को.

    ReplyDelete