कौन गोत्र हो, भाई
तोताराम कल सुबह नहीं आया था |सो शाम को घर की घंटी पर अँगूठा रखकर बायोमीट्रिक हाजरी लगा दी |ठण्ड और दिनों से ज्यादा थी |वैसे भी कई दिनों से हमारे इलाके में रात को पारा शून्य से नीचे चला जाता है |और कुछ नहीं तो कम से कम देश में मैदानी इलाके में सबसे ठंडे शहर के रूप में हमारे जिले के फतेहपुर का नाम तो आ ही जाता है |
हम रजाई में घुसे हुए थे |तोताराम भी रजाई में पैर डालकर हमारे पैताने बैठ गया |
अब सेवक तो संसद में एक दूसरे को झूठा सिद्ध करने में लगे हुए हैं | किसी को पाँच विधान सभा के चुनावों में हार के कारणों की समीक्षा करने की फुर्सत नहीं है |जल्दी से संसद का अधिवेशन ख़त्म हो तो सेवा और निंदा मंडली लेकर मई २०१९ के लिए मज़मा जमाएँ |ऐसे में देश की फ़िक्र करने का काम हमारे और तोताराम के सिर आ पड़ा |विचार कर रहे थे कि पे कमीशन का एरियर मई २०१९ वाला लोकसभा चुनाव हारने के बाद मिलेगा या उससे पहले ही फरवरी २०१९ में आचार-संहिता लागू होने से पहले ही मिल जाएगा |
तभी बिजली चली गई |तोताराम ने बिजली आने पर ही घर जाने का निश्चय किया क्योंकि सीवर डालने वालों ने सड़क बीचों बीच से खोद रखी है |क्यों टांग टूटने का खतरा उठाया जाए |तभी दरवाजे पर दस्तक हुई |इस ठण्ड में कौन मरने के लिए घूम रहा है ?
हमने रजाई में घुसे-घुसे ही पूछा- कौन है ?
एक मरी सी आवाज़ ने उत्तर दिया- हम हैं सांता क्लाज |
अबकी बार तोताराम चिल्लाया- सांता क्लाज ! कौन-सा सांता क्लाज ?किस गोत्र का सांता ?
उत्तर आया- आप क्या बात करते हैं ? सांता का भी कोई गोत्र होता है क्या ?
हमने कहा- बन्धु, आजकल हमारे यहाँ धर्म-सापेक्ष समय चल रहा है इसलिए धार्मिक दृष्टि से शुद्धता पर बहुत ध्यान दे रहे हैं |हमने तो हनुमान जी की भी केटेगरी पूछना शुरू कर दिया है जैसे आदिवासी, दलित आदि |अब जब यह गहन इन्क्वायरी वाला सिस्टम चला है तो पता चला है कि हनुमान मुसलमानों में भी पाए जाते हैं |यह सोचकर दिमाग ख़राब हो रहा है कि अब तक जिस हनुमान की पूजा करते रहे वह पता नहीं कौन था ?अब तक किया-कराया पूजा पाठ पता नहीं खाते में दर्ज होगा या नहीं |सो बन्धु, धर्म और गोत्र तो बताना ही पड़ेगा |
बोला- धर्म ईसाई और गोत्र कैथोलिक बता दिया तो भी क्या आप संतुष्ट हो जाएंगे ?आपको पता होना चाहिए कि हम ईसाइयों में भी बहुत से विभाजन हैं |कई तरह के चर्च हैं जैसे मुसलमानों में कई फिरके हैं और फतवे की एजेंसियां |'एक नूर ते सब जग उपज्या' वाले सिक्खों में भी कई वर्गीकरण हैं |अब तक ये बूटा सिंह को चूड़ा कहते हैं |१९७७ में जनता पार्टी में आपके राष्ट्रवादी लोग भी थे लेकिन जब एक हरिजन नेता ने राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की तो उन्होंने उसे गंगाजल से धोया था |अब भी महिलाओं के प्रवेश से अशुद्ध हुए सबरीमाला मंदिर का शुद्धीकरण चल रहा है कि नहीं ?
तोताराम बोला- कुछ भी हो गोत्र तो बताना ही पड़ेगा |
सांता बोला- और मान लो हम कहें कि हमारा गोत्र यादव है तो क्या आपको तसल्ली हो जाएगी ?तब आप पूछेंगे कि यादव तो ठीक लेकिन अखिलेश वाले हो या शिवपाल वाले ?कहेंगे- ब्राह्मण हैं तो आप पूछेंगे- गौड़ है या खंडेलवाल | गौड़ बता दिया तो फिर पूछेंगे- गौड़ ? कहीं गुज्जर गौड़ तो नहीं ?हम कहेंगे- हम राम भक्त हैं तो आप पूछेंगे- उद्धव ठाकरे संप्रदाय के राम भक्त हैं या फिर तोगड़िया-पंथी या योगी आदित्यनाथ वाले |
एक बार सुन लीजिए,हम सांता हैं |सांता क्लाज जो गिफ्ट लाते हैं |
हमने कहा- हमें राम-मंदिर,अच्छे दिन, एकता-प्रतिमा आदि जैसी कोई गिफ्ट नहीं चाहिए |पे कमीशन के एरियर की गिफ्ट लाए हो तो बोलो |
बोला- उसके लिए तो २०१९ के चुनावों में मोदी जी हार का इंतज़ार करना पड़ेगा |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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