Jul 25, 2019

कौन ना मर जाय ऐ ख़ुदा



कौन ना मर जाय, ऐ ख़ुदा


हालांकि पाकिस्तान को हराकर भारत तो विश्व कप पर पहले ही कब्ज़ा कर चुका था |फिर भी हम दुनियादारी निभाने के लिए देर रात तक क्रिकेट मैच देखते रहे |न्यूजीलैंड ने अपना सारा दमखम लगा दिया |इससे बढ़िया कोई खेल ही ही नहीं सकता था |पहले टाई हुआ फिर सुपर ओवर |वहाँ भी बात नहीं बनी तो मत्स्य न्याय कर दिया |जिसने ज्यादा चौके छक्के लगाए वही जीता | कोई ज़रूरी है किसी के पास हजार पांच सौ के नोट होंगे तो ही जमा करोगे ? रेजगारी वाले को लौटा दोगे ? लेकिन साहब जहां राणाजी कहें वहीँ उदयपुर | और विश्व कप इंग्लैण्ड ने ही रख लिया |जब अपने यहाँ पांच-पांच उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं तो दो वर्ल्ड कप नहीं दी जा सकते ?खैर |

सुबह देर से आँख खुली फिर भी तोताराम के आने से पहले बरामदे में हाज़िर |हाँ, बरामदे में दो हाथ झाडू के मार दिया करते थे सो नहीं कर सके |रात को थोड़ी तेज़ हवा भी चली थी सो बरामदे में मिट्टी और पोलीथिन की थैलियाँ भी बिखरी हुई थीं 

आते ही तोताराम ने नाक-भौं  सिकोड़ी, बोला- पाँच साल स्वच्छ भारत गाते-गाते मोदी जी का गला बैठ गया लेकिन तुझ पर कोई असर नहीं |

हमने कहा- हमीं क्या दिल्ली वाले तक नहीं सुधरे  | देख, अखबार में बेचारी हेमामालिनी और अनुराग ठाकुर को संसद के परिसर में सफाई करनी पड़ रही है |अपने राजस्थान से नए नए गए लोकसभाध्यक्ष बिरला जी को भी सफाई करनी पड़ रही है |राज्यवर्द्धन सिंह को और कुछ नहीं मिला तो एयरपोर्ट पर सफाई करने वाली कार ही उठा लाए |

बोला- और तुझ पर फिर भी कोई असर नहीं |चुनावों में तो हेमामालिनी जी बनारसी साड़ी में कहीं जा रही थीं,  रास्ते में खेत मिल गया  तो कृषि-प्रेम जाग गया और काटने लगीं गेहूँ | अबकी बार तो बाकायदा सफाई वाली ड्रेस में थीं | 

हमने कहा- लेकिन साफ़ क्या कर रही थीं ? कूड़ा तो कहीं था ही नहीं |इतने कैमरामैन, इतने बोडी गार्ड |चलो कोई बात नहीं |बड़ों का तो झाड़ू पकड़ कर फोटो खिंचवाना ही प्रेरणा के लिए बहुत है |देख कितना सुहावना लग रहा है !इसी बात पर एक शे'र सुन-

इस सफाई पे कौन न मर जाय ऐ खुदा 
झाड़ू लगा रहे हैं पर कचरा कहीं नहीं ||

बोला- ठीक है, टूट गई ग़ालिब की टांग |अब शांति से बैठ |और अन्दर से एक झाडू ला |



...जब सांसदों ने संसद में लगाई झाड़ू

मुझसे नहीं बैठा जाता इस गन्दगी में |मार देता हूँ दो हाथ |

हमने कहा- क्या तू किसी अन्य ग्रह से आया है ? यह तो अपना वही कुरड़ी कल्चर वाला कंट्री है जहां एक तरफ बच्चा टट्टी करता रहता है और वहीं दादाजी संध्या-वंदन करते रहते हैं |जहां चाह कफ़ और पीक थूक देने में जिस स्वच्छंदता और मुक्ति की अनुभूति होती है वह क्या अमरीका में मिलेगी ?चार दिन स्वच्छता का त्यौहार-गीत क्या सुन लिया, पानी को जल कहने लगा |यहाँ तो साफ़ कर देंगे लेकिन बता, क्या अपने यहाँ कहीं अंतर दिखाई दिया है गन्दगी में ? बजट था निबट गया |अब आगे की सुध लेय |कुछ दिन में जल-संरक्षण का बजट आने वाला है |किसी ग्रांट का जुगाड़ बिठा तो  किसी रैली की, सेमीनार की, कविगोष्ठी का आयोजन करें |

बोला- अब तक तो देर हो चुकी |शाखाओं से उतर-उतर बन्दर दिल्ली पहुँच चुके हैं |साउथ दिल्ली में बंदरों के आतंक की खबर पढ़ी नहीं ? लेकिन कोई बात नहीं |अब तक वोट डालने के प्रमाण-स्वरूप सेल्फी लेकर तो मोदी जी को नहीं भेज सके, कम से कम मेरा झाड़ू लगाते हुए एक पोज़ तो ले ले | 

हमने कहा- पहले सांसदों की तरह फोटो खिंचवाने लायक कपड़े तो पहनकर आ | इस वेश में तो तू पाँच ट्रिलियन डालर इकोनोमी वाले देश की इमेज ही खराब करेगा |


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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