2024-11-07
कुम्भ के बिछुड़े
तोताराम चहकता हुआ आया, बोला- बधाई हो मास्टर, डबल इंजन की ।
हमने कहा- दो तिहाई राज्यों में तो डबल इंजन की सरकार थी ही । अभी झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव बाकी हैं । अभी से कैसी बधाई ? क्या कहीं ऑपरेशन लोटस करके किसी और को टपका दिया ?
बोला- नहीं, अबकी बार डबल इंजन राष्ट्रीय से वैश्विक हो गया है । अब इसमें अमेरिका को भी शामिल कर लिया है ।
हमने पूछा- मतलब ?
बोला- मतलब यही कि अब दुनिया डबल इंजन की सरकार हो गई है । पश्चिम की तरफ दिल्ली से न्यूयॉर्क कोई 20 हजार किलोमीटर और पूर्व में दिल्ली से कैलीफोर्निया भी कोई 20 हजार किलोमीटर मतलब दुनिया की 40 हजार किलोमीटर की परिधि कवर हो गई । एक तरफ ट्रम्प और एक तरफ मोदी जी । डबल इंजन । एक तरफ सबसे बड़ी डेमोक्रेसी और दूसरी तरफ सबसे पुरानी डेमोक्रेसी ।इधर विश्वगुरु और ग्रेट अमेरिका ।
हमने कहा- और संयोग देख, इधर नेहरू ने विश्वगुरु को अंगूठा छाप बना दिया उधर ओबामा और बाईडेन ने अच्छे भले ग्रेट अमेरिका को चूहा बना दिया । अब भगवान की दया से अमेरिका और भारत के साथ साथ दुनिया का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा । अब भारत अपनी गुरुता से विश्व का नेतृत्व करेगा, उसका चाल चरित्र और चेहरा सुधारेगा तो अमेरिका फिर से ग्रेट बनकर दुनिया को ग्रेट बना देगा । ऐसा सुंदर संयोग पहली बार बना है कि दुनिया के दो सिरों पर दो शक्तिशाली इंजन फिट हुए हैं । लगता है कुम्भ के मेले में बिछुड़े जुड़वां भाई मिल गए हों ।
बोला- अब देखना दुनिया कितनी तीव्र गति से दौड़ेगी ।
हमने कहा- लेकिन ज्यादा तेज गति भी ठीक नहीं । कहा है कि - स्पीड थ्रिल्स बट किल्स ।
बोला- स्पीड तो कम नहीं कर सकते क्योंकि मोदी जी ठहरे फकीर । उन्हें सत्ता से कोई मोह नहीं है । पता नहीं, कब झोला उठाकर चल दें । और उधर ट्रम्प ! अब एक ही तो टर्म शेष है । अगर दो चार टर्म मिल जाते तो अमेरिका को पूरी तरह से पक्का ग्रेट बना देते ।
हमने कहा- तो क्यों न टैम्प को भी नारा देना चाहिए 'अबकी बार 400 पार' । हमारा तो 400 पार हुआ नहीं, बैशाखी पर और आ गए । क्या पता ट्रम्प 400 पार कर जाएँ तो दो टर्म वाला नियम ही बदल दें । अरे, लोकतंत्र है, क्या दो टर्म ? जनता चाहे तो आजीवन राष्ट्रपति बना सकती है ।
बोला- मोदी जी को चाहिए कि इस बार 26 जनवरी पर मुख्य अतिथि ट्रम्प को ही बनाएं । अच्छा हो ट्रम्प कुछ पहले आ जाएँ तो कुम्भ के मेले में शामिल हो जाएँ । क्या पता बचपन की याद आ जाए और अपने जुड़वाँ भी को पहचान लें ।
हमने कहा- शायद तुझे पता नहीं, मोदी जी ने माई फ्रेंड ट्रम्प को बधाई के साथ ही निमंत्रण दे दिया है और ट्रम्प ने स्वीकार भी कर लिया है ।
बोला- मास्टर, एक बात तो बता । इंडिया तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी है लेकिन डेमोक्रेसी के बाप का अभी पता नहीं चला ।
हमने कहा- ट्रम्प के चुने जाने के बाद और क्या बाकी रह गया । कमला के पिताजी के नाम में डोनाल्ड और इनके नाम में भी डोनाल्ड । अब भी समझ नहीं आता तो 6 जनवरी 2021 का कैपिटोल हिल का दृश्य याद कर ले ।
बोला- लेकिन मास्टर,
इस पार ट्रम्प मोदी जी हैं
उस पार न जाने क्या होगा
हमने कहा- उस पार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । उस पार के लिए तो सभी धर्मों ने पक्की व्यवस्था कर रखी है । भले ही यहाँ रोटी, पानी, घर, कपड़े, अमन-चैन कुछ न हों लेकिन वहाँ अप्सराएं, हूरें, वस्त्राभूषण सब और न भूख-प्यास, न बीमारी, न बुढ़ापा ।
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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