सबसे बड़ा नशा
२३ दिसंबर २०१५, पत्नी का जन्म दिन है |बहत्तर वर्ष की हो जाएगी कल |ठण्ड भी कुछ अधिक ही है |पास के कस्बे फतेहपुर में तापमान -०.४ है | हमारे यहाँ का पता नहीं | फिर भी जैसे यमुना के जल में खड़े ब्राह्मण को अकबर के महल के दीये की रोशनी से गरमी मिलती है वैसे ही हम फतेहपर की ठण्ड से ठिठुर रहे हैं | लेकिन इतनी भी कम नहीं कि बरामदे में बैठ सकें सो कमरे में अँगीठी के पास बैठे बिना दूध की चाय पी रहे थे कि तोताराम का अवतरण हुआ |पत्नी से बोला- भाभी, चौबीस घंटे एडवांस में जन्म दिन मुबारक हो | और यह क्या ? यह सूफी इस बुढ़ापे में आज तुम्हारे जन्म-दिन को रम से सेलेब्रेट कर रहा है ?
हमने कहा- ऐसा कुछ नहीं है |रात का दूध बचा नहीं और अभी तक दूध वाला आया नहीं सो बिना दूध की, नींबू वाली चाय पी रहे हैं |
कहने लगा- हमें ज़िन्दगी ने इतना अवकाश ही नहीं दिया कि किसी और नशे की सोचते |वैसे यदि तू वास्तव में रम पीता तो भी नशा होने वाला नहीं था |
हमने कहा- यह नया ज्ञान तुझे कहाँ से मिला ?
बोला- पहले तो मैं भी यही समझता था लेकिन जब से पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत सिंह ज्ञानी जी का स्टेटमेंट पढ़ा है कि शराब में नशा नहीं होता , मेरा विचार बदल गया है |
हमने कहा- उनके कहने से क्या होता है ?
बोला- होता क्यों नहीं ? वे कोई साधारण आदमी हैं ? उनका तो सरनेम ही ज्ञानी है | और नाम शुरू होता है 'सुर' से |अब बता, सुरों से अधिक शराब या सोमरस के बारे में और कौन बता सकता है ? ऊपर से स्वास्थ्य मंत्री अलग | उनके स्टेटमेंट में शंका की गुंजाइश कहाँ रह जाती है ?
हमने पूछा- तो फिर नशा किसमें होता है ?
कहने लगा- वैसे तो लोग कहते हैं कि रूप का नशा होता है, जवानी का होता है, ओफिसरी का होता है लेकिन ये नशे समय के साथ ख़त्म हो जाते हैं |देखा नहीं, मेकअप की हुई बूढ़ी सुंदरी, बूढ़ा पहलवान और रिटायर्ड अफसर कितने दयनीय लगते हैं ?यदि शराब में नशा होता तो हर एक को गाली निकालने वाला शराबी थानेदार को देखते ही नमस्ते क्यों करने लग जाता है ?
एक नशा होता है सत्ता का ? यह सबसे पक्का नशा होता है |एक बार चढ़ गया तो ज़िन्दगी भर नहीं उतरता | बूढ़ा और भूतपूर्व नेता भी अपने को सामान्य नहीं मान पाता | वह भी लोगों पर अकड़ जमाता रहता है |यदि सत्ताधारी हुआ तो फिर कहना ही क्या ? किसी भी पुलिसये या कर्मचारी तो क्या एस.पी. तक पर हाथ छोड़ देता है |निधड़क सब तरह के भ्रष्टाचार और चोरियाँ करता है सो अलग |हारा हुआ नेता तक जब जेल में आता है तो जेल का अधीक्षक, चरण-स्पर्श करता है कि पता नहीं, कब यह पिशाच फिर चुन कर आ जाए | जीते हुए नेता को तो हमने मंच पर चीफ सेक्रेटरी से खैनी बनवाते देखा है |
अब बता, सबसे बड़ा नशा शराब है कि सत्ता ?
२३ दिसंबर २०१५, पत्नी का जन्म दिन है |बहत्तर वर्ष की हो जाएगी कल |ठण्ड भी कुछ अधिक ही है |पास के कस्बे फतेहपुर में तापमान -०.४ है | हमारे यहाँ का पता नहीं | फिर भी जैसे यमुना के जल में खड़े ब्राह्मण को अकबर के महल के दीये की रोशनी से गरमी मिलती है वैसे ही हम फतेहपर की ठण्ड से ठिठुर रहे हैं | लेकिन इतनी भी कम नहीं कि बरामदे में बैठ सकें सो कमरे में अँगीठी के पास बैठे बिना दूध की चाय पी रहे थे कि तोताराम का अवतरण हुआ |पत्नी से बोला- भाभी, चौबीस घंटे एडवांस में जन्म दिन मुबारक हो | और यह क्या ? यह सूफी इस बुढ़ापे में आज तुम्हारे जन्म-दिन को रम से सेलेब्रेट कर रहा है ?
हमने कहा- ऐसा कुछ नहीं है |रात का दूध बचा नहीं और अभी तक दूध वाला आया नहीं सो बिना दूध की, नींबू वाली चाय पी रहे हैं |
कहने लगा- हमें ज़िन्दगी ने इतना अवकाश ही नहीं दिया कि किसी और नशे की सोचते |वैसे यदि तू वास्तव में रम पीता तो भी नशा होने वाला नहीं था |
हमने कहा- यह नया ज्ञान तुझे कहाँ से मिला ?
बोला- पहले तो मैं भी यही समझता था लेकिन जब से पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत सिंह ज्ञानी जी का स्टेटमेंट पढ़ा है कि शराब में नशा नहीं होता , मेरा विचार बदल गया है |
हमने कहा- उनके कहने से क्या होता है ?
बोला- होता क्यों नहीं ? वे कोई साधारण आदमी हैं ? उनका तो सरनेम ही ज्ञानी है | और नाम शुरू होता है 'सुर' से |अब बता, सुरों से अधिक शराब या सोमरस के बारे में और कौन बता सकता है ? ऊपर से स्वास्थ्य मंत्री अलग | उनके स्टेटमेंट में शंका की गुंजाइश कहाँ रह जाती है ?
हमने पूछा- तो फिर नशा किसमें होता है ?
कहने लगा- वैसे तो लोग कहते हैं कि रूप का नशा होता है, जवानी का होता है, ओफिसरी का होता है लेकिन ये नशे समय के साथ ख़त्म हो जाते हैं |देखा नहीं, मेकअप की हुई बूढ़ी सुंदरी, बूढ़ा पहलवान और रिटायर्ड अफसर कितने दयनीय लगते हैं ?यदि शराब में नशा होता तो हर एक को गाली निकालने वाला शराबी थानेदार को देखते ही नमस्ते क्यों करने लग जाता है ?
एक नशा होता है सत्ता का ? यह सबसे पक्का नशा होता है |एक बार चढ़ गया तो ज़िन्दगी भर नहीं उतरता | बूढ़ा और भूतपूर्व नेता भी अपने को सामान्य नहीं मान पाता | वह भी लोगों पर अकड़ जमाता रहता है |यदि सत्ताधारी हुआ तो फिर कहना ही क्या ? किसी भी पुलिसये या कर्मचारी तो क्या एस.पी. तक पर हाथ छोड़ देता है |निधड़क सब तरह के भ्रष्टाचार और चोरियाँ करता है सो अलग |हारा हुआ नेता तक जब जेल में आता है तो जेल का अधीक्षक, चरण-स्पर्श करता है कि पता नहीं, कब यह पिशाच फिर चुन कर आ जाए | जीते हुए नेता को तो हमने मंच पर चीफ सेक्रेटरी से खैनी बनवाते देखा है |
अब बता, सबसे बड़ा नशा शराब है कि सत्ता ?
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