Sep 1, 2016

राजनीति का दाढ़ी-युग

  राजनीति का दाढ़ी-युग 



 बैंक का  कोई कर्मचारी नहीं चाहता कि उसे किसी ग्राहक की शक्ल दिखाई दे | वे तो चाहते हैं कि लोग ए.टी.एम.से पैसा निकालें, ईबैन्किंग अपनाएँ लेकिन हम जैसे पेंशनर उनका पीछा छोड़ने वाले नहीं हैं |तोताराम और हमने तय किया था कि ३१ अगस्त २०१६ को  अपने  पेंशन  खाते में आए हुए  सातवें  पे कमीशन का एरियर और नई पेंशन  राशि देखने  के लिए  बैंक में सबसे पहले पहुँचेंगे  | हालाँकि पिछले चार  दिनों  से हमारा तोताराम से संपर्क नहीं हुआ  लेकिन वादे के अनुसार तोताराम ठीक नौ बजे हाज़िर होगया |

यह क्या  ? आज का  दिन तो पेंशनरों के लिए  १५ अगस्त से कम नहीं मगर तोताराम तीन मिलीमीटर बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ प्रकट हुआ |पुरानी  फिल्मों के गम में डूबे हुए नायक जैसी छवि  हो रही थी |बस, हाथ में एक बोतल  या जाम की कमी थी |

आते  ही  बोला-  देख,  कैसा  लग  रहा हूँ ?

हमने कहा- समझ ले, लखनऊ लग रहा है ?

बोला- यह क्या उत्तर है ?

हमने कहा- पटना में नीतीश कुमार जी हैं जिनकी  दाढ़ी दो मिलीमीटर की है और दिल्ली में मोदी जी हैं जिनकी दाढ़ी पाँच मिलीमीटर लम्बी है |और तेरी दाढ़ी तीन मिलीमीटर तो पटना और दिल्ली के  बीच लखनऊ हुआ कि नहीं ? लेकिन यह बता, आज ख़ुशी के मौके पर दाढ़ी बढ़ाकर यह रोनी सूरत क्यों बना रखी है ? 

बोला- पहले की बात और थी जब कैसे भी काम चल जाता था |अब ज़माना बहुत आगे बढ़ गया है |आजकल तंत्र-मन्त्र तथा छल-छद्म ही नहीं बल्कि और भी कई तरह के नाटक करने पड़ते हैं |पहले पटेल, नेहरू,मोरारजी, चरणसिंह, राजीव गाँधी, देवे गौड़ा, अटल जी आदि  का  क्लीनशेव्ड से ही  का चल गया  | राजेंद्र बाबू, गोविन्दवल्लभ पन्त, जगजीवन राम, कामराज आदि का केवल  मूँछों से ही काम चल गया लेकिन आजकल हर काम के विशेषज्ञ हैं | वे बताएँगे कि आप दाढ़ी रखें, दाढ़ी-मूँछ दोनों रखें या क्लीन शेव्ड रहें |  पहले नरेन्द्र भाई के, फिर नीतीश कुमार के और अब राहुल गाँधी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में राहुल गाँधी को दाढ़ी में प्रोजेक्ट किया जाएगा | 

इसी शताब्दी के शुरू में दाढ़ी वाले मनमोहन सिंह जी दस साल प्रधान मंत्री रहे |उनके बाद मोदी जी आए जो लगता है कम से कम अगले बीस-तीस साल तो प्रधान मंत्री रहेंगे ही |अमित शाह भाजपा के अतुलित बलशाली अध्यक्ष हैं |नीतीश कुमार की दाढ़ी के बल पर ही बिहार में अमित शाह की दाल नहीं गली | बाल ठाकरे जी को अपने उत्तर काल में दाढ़ी के महत्त्व का अहसास हुआ और उन्होंने भी दाढ़ी रखी और एक राज्य को राष्ट्र ही नहीं, महाराष्ट्र बना दिया और आजीवन शेर की तरह दहाड़ते रहे | अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी जवानों से ज्यादा फ़िल्में कर रहे हैं, कैसे |दाढ़ी के बल पर |रामविलास पासवान दाढ़ी के बल पर ही हर मंत्रिमंडल में पाए जाते हैं |

हमने कहा- लेकिन तोताराम, कुछ भी हो दाढ़ी में आदमी कुछ उदास-सा नहीं लगता ?

बोला- उदास नहीं, बल्कि व्यक्ति अधिक गंभीर और अधिक जिम्मेदार लगता है | लगता है देश के विकास के लिए चिंतित है या देश के विकास में इतना मग्न है कि दाढ़ी बनाने तक का समय नहीं मिलता या इतना देश भक्त है कि देश का धन दाढ़ी बनाने जैसे फालतू कामों में खर्च नहीं करता |और फिर दाढ़ी रखने से आदमी का चेहरा भरा-भरा लगता है |यदि दाढ़ी को ढंग से सेट करवा लो तो एक गुठली जैसे चेहरे वाले का भी शेर जैसा लुक आ जाता है | बहुत से शानदार व्यक्तित्त्व वालों की यदि दाढ़ियाँ मुंडवा दो तो चेहरा चूसी हुई आम की गुठली जैसा निकल आएगा |

दाढ़ी का अपना रौब है | यह भारतीय राजनीति का दाढ़ी-युग है |

हमने कहा- लेकिन दुनिया में बहुत से बड़े लोग हुए हैं जिन्होंने बिना दाढ़ी के ही बड़े-बड़े काम कर दिए | वैसे तोताराम, एक बात बता, आजकल के दाढ़ी-युग के इन कलाकारों की दाढ़ियाँ बढ़ती क्यों नहीं ? हमेशा उतनी की उतनी ही रहती है |

बोला- यह सबसे कठिन दाढ़ी है |क्लीन शेव वाला बिना शीशा देखे ही आँख मीचकर दाढ़ी बना लेता है |चला दी घास काटने वाली मशीन |और पूरी दाढ़ी रखने वाले को तो कुछ सोचने की ज़रूरत वैसे ही नहीं |बारानी भूमि है, जो होता रहे सो ठीक है |सबसे कठिन है यह दो-पाँच मिलीमीटर वाली दाढ़ी | दिन भर में एक मिलीमीटर बढ़ती और उसे काटने के लिए एक विशेष नाई रखा जाता है |नेताजी सोते रहते हैं और नाई रात भर नाप-नापकर हर बाल को एक-एक मिलीमीटर छोटा करता रहता है |

तभी तुझे पता है फ़्रांस के राष्ट्रपति के बालों की सँभाल के लिए एक लाख रुपए महीने का एक विशेष नाई रखा हुआ है | इनका नाई का खर्चा कितना है,पता नहीं | 

हमने कहा- तो फिर क्यों यह राजनीतिक दाढ़ी की बला पालता है |इतने खर्च लायक पेंशन नहीं बढ़ी है सातवें पे कमीशन में |

हमने उसके हाथ में रेजर देते हुए कहा- ले, साफ कर ले, फिर ज़रा ढंग से चलते हैं पे कमीशन के एरियर की एंट्री करवाने |

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