ताऊ चेकिंग कराले
हम तोताराम से उम्र में छः महिने बड़े हैं, एम.ए. में उसके सेकण्ड डिवीज़न है और हमारे फर्स्ट लेकिन यह सब माथे पर थोड़े ही लिखा रहता है |महत्त्व तो जो दिखता है उसका होता है जैसे तोताराम को साइकल चलाना आता है, हमें नहीं | वैसे यदि सड़क खाली हो और कोई हमें बैठाकर धक्का दे दे तो हम भी थोड़ा बहुत चला लेते हैं लेकिन उतरने में कभी-कभी गिर जाते हैं |
आज तो ऐरे-गैरे के पास बी.एम. डब्लू. मिल जाएगी लेकिन हमारी किशोरावस्था में तो गाँव में साइकल की ही अपनी शान हुआ करती थी | किसी किसी दूल्हे को ही दहेज़ में साइकल मिला करती थी | आज तोताराम अपने पोते की साइकल लेकर आया और बोला- आजा मास्टर, आज साइकल से हनुमान जी के दर्शन करने चलते हैं |
हमने कहा- तोताराम, केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने केवल दिल्ली के ही कुछ बड़े अफसरों को सी.जी.एच.एस. की सुविधा दी है | अपने पास भामाशाह कार्ड भी नहीं है |साइकल से तू भी गिरेगा और हमें भी गिराएगा |हड्डी टूट गई तो कम से कम दो महिने की पेंशन में माचिस लग जाएगी |हाँ, तेरा ज्यादा ही मन है तो साइकल का रौब जमाने के लिए साथ ले चल |हम तो बिलकुल नहीं बैठेंगे |मुलायम सिंह जी की तो मज़बूरी है |चुनाव चिह्न होने के कारण, और नहीं तो चुनावों में तो एक दो बार साइकल पर बैठना ही पड़ता है |हमारी कोई मज़बूरी नहीं है |
खैर, तोताराम साइकल का हैंडिल पकड़े-पकड़े चला और हम उसके साथ-साथ |
जैसे ही जयपुर रोड़ पर चढ़े, चार-पाँच युवाओं ने रोक लिया, बोले- ताऊ, चेकिंग करवाले |
तोताराम ने कहा- क्या चेकिंग करवालें ? दिन है इसलिए लाईट की ज़रूरत नहीं है, घंटी बजती है, साइकल सवार को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं होता |
युवक बोले- चेकिंग तो करवानी है |
अब हमने कहा- क्यों भाई, साइकल की भी प्रदूषण चेकिंग होती है क्या ? तुझे ये ईंट भट्टे की तरह धुआँ उगलते, रोड़ टेक्स न देने वाले पत्थर ढोते ट्रेक्टर नहीं दिखते |
अब तक जो युवक हमारी आशा के विपरीत शालीन बने हुए थे, अपने असली रूप में आगए, बोले- ज्यादा चीं-चीं करोगे तो तुम्हारे थैले से गौमांस बरामद कर लेंगे |
इस ब्रह्मास्त्र के सामने तोताराम ढीला पड़ गया, बोला- भैया , साफ़-साफ़ बताओ क्या चेक करना चाहते हो ?हम तो आज बीस बरस में पहली बार साइकल लेकर हाई वे पर आए हैं |
अब तो युवक भी कुछ सामान्य हुए, बोले- देशभक्ति की चेकिंग कर रहे हैं | हमने पूछा - इसका क्या कोई शुगर या ब्लड प्रेशर नापने जैसा यंत्र होता है ?
बोले- जो पूरा बन्दे मातरम गा देता है, भारत माता की जय तीन बार जोर-जोर से बोल देता है उसे हम क्लीन चिट दे देते हैं |फिर चाहे वह देश को बहुराष्ट्रीय या देशी कंपनियों को सारे जंगल और नदियाँ ही क्यों न बेच दे |
हमने कहा- हमने तो ज़िन्दगी भर स्कूल में गाया और बच्चों से वन्देमातरम और जन गण मन गवाया है लेकिन जो दो तिहाई सांसद जन गण मन तक नहीं गा सकते उनको कौन सर्टिफिकेट देता है ?
बोले- हमारी उन तक पहुँच नहीं है | हम तो सड़क छाप छुटभैये हैं |जो ऐसे ही शाम की दारू के पैसे जुटाते हैं |
खैर, आप जाओ लेकिन देशभक्ति जाँच कर्ताओं से बहस न करोगे तो सुख पाओगे | सबमें हम जितना धीरज नहीं होता |
हम दोनों हनुमान जी के दर्शन किए बिना ही लौट आए |
ठीक भी है जान है तो पेंशन है | जिसे भी देश भक्ति, विकास और सेवा का नशा चढ़ जाता है वह कुछ भी कर गुजरता है |पगलाए कुत्ते और हरियाए ऊँट किसी के कंट्रोल में नहीं आते |
हम तोताराम से उम्र में छः महिने बड़े हैं, एम.ए. में उसके सेकण्ड डिवीज़न है और हमारे फर्स्ट लेकिन यह सब माथे पर थोड़े ही लिखा रहता है |महत्त्व तो जो दिखता है उसका होता है जैसे तोताराम को साइकल चलाना आता है, हमें नहीं | वैसे यदि सड़क खाली हो और कोई हमें बैठाकर धक्का दे दे तो हम भी थोड़ा बहुत चला लेते हैं लेकिन उतरने में कभी-कभी गिर जाते हैं |
आज तो ऐरे-गैरे के पास बी.एम. डब्लू. मिल जाएगी लेकिन हमारी किशोरावस्था में तो गाँव में साइकल की ही अपनी शान हुआ करती थी | किसी किसी दूल्हे को ही दहेज़ में साइकल मिला करती थी | आज तोताराम अपने पोते की साइकल लेकर आया और बोला- आजा मास्टर, आज साइकल से हनुमान जी के दर्शन करने चलते हैं |
हमने कहा- तोताराम, केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने केवल दिल्ली के ही कुछ बड़े अफसरों को सी.जी.एच.एस. की सुविधा दी है | अपने पास भामाशाह कार्ड भी नहीं है |साइकल से तू भी गिरेगा और हमें भी गिराएगा |हड्डी टूट गई तो कम से कम दो महिने की पेंशन में माचिस लग जाएगी |हाँ, तेरा ज्यादा ही मन है तो साइकल का रौब जमाने के लिए साथ ले चल |हम तो बिलकुल नहीं बैठेंगे |मुलायम सिंह जी की तो मज़बूरी है |चुनाव चिह्न होने के कारण, और नहीं तो चुनावों में तो एक दो बार साइकल पर बैठना ही पड़ता है |हमारी कोई मज़बूरी नहीं है |
खैर, तोताराम साइकल का हैंडिल पकड़े-पकड़े चला और हम उसके साथ-साथ |
जैसे ही जयपुर रोड़ पर चढ़े, चार-पाँच युवाओं ने रोक लिया, बोले- ताऊ, चेकिंग करवाले |
तोताराम ने कहा- क्या चेकिंग करवालें ? दिन है इसलिए लाईट की ज़रूरत नहीं है, घंटी बजती है, साइकल सवार को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं होता |
युवक बोले- चेकिंग तो करवानी है |
अब हमने कहा- क्यों भाई, साइकल की भी प्रदूषण चेकिंग होती है क्या ? तुझे ये ईंट भट्टे की तरह धुआँ उगलते, रोड़ टेक्स न देने वाले पत्थर ढोते ट्रेक्टर नहीं दिखते |
अब तक जो युवक हमारी आशा के विपरीत शालीन बने हुए थे, अपने असली रूप में आगए, बोले- ज्यादा चीं-चीं करोगे तो तुम्हारे थैले से गौमांस बरामद कर लेंगे |
इस ब्रह्मास्त्र के सामने तोताराम ढीला पड़ गया, बोला- भैया , साफ़-साफ़ बताओ क्या चेक करना चाहते हो ?हम तो आज बीस बरस में पहली बार साइकल लेकर हाई वे पर आए हैं |
अब तो युवक भी कुछ सामान्य हुए, बोले- देशभक्ति की चेकिंग कर रहे हैं | हमने पूछा - इसका क्या कोई शुगर या ब्लड प्रेशर नापने जैसा यंत्र होता है ?
बोले- जो पूरा बन्दे मातरम गा देता है, भारत माता की जय तीन बार जोर-जोर से बोल देता है उसे हम क्लीन चिट दे देते हैं |फिर चाहे वह देश को बहुराष्ट्रीय या देशी कंपनियों को सारे जंगल और नदियाँ ही क्यों न बेच दे |
हमने कहा- हमने तो ज़िन्दगी भर स्कूल में गाया और बच्चों से वन्देमातरम और जन गण मन गवाया है लेकिन जो दो तिहाई सांसद जन गण मन तक नहीं गा सकते उनको कौन सर्टिफिकेट देता है ?
बोले- हमारी उन तक पहुँच नहीं है | हम तो सड़क छाप छुटभैये हैं |जो ऐसे ही शाम की दारू के पैसे जुटाते हैं |
खैर, आप जाओ लेकिन देशभक्ति जाँच कर्ताओं से बहस न करोगे तो सुख पाओगे | सबमें हम जितना धीरज नहीं होता |
हम दोनों हनुमान जी के दर्शन किए बिना ही लौट आए |
ठीक भी है जान है तो पेंशन है | जिसे भी देश भक्ति, विकास और सेवा का नशा चढ़ जाता है वह कुछ भी कर गुजरता है |पगलाए कुत्ते और हरियाए ऊँट किसी के कंट्रोल में नहीं आते |
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