Mar 20, 2022

कौन सी चाय पत्ती है ?


कौन सी चाय पत्ती है ? 


तोताराम से जैसे ही चाय का घूँट लिया, अजीब सा मुंह बनाकर बोला- कौनसी चाय पत्ती है ? 

हमने कहा- क्या मतलब, वही जो तो पिछले साठ साल से पी रहा है. 

बोला- मेरा मतलब है किस कंपनी की ? 

हमने कहा- एम.जी.टी. है.

बोला- क्या 'मोदी जी टी' ?

हमने कहा- हमें क्या पता कि मोदी जी ने चाय पत्ती बेचने का काम भी शुरू कर दिया है. हमें तो उनके कथनानुसार यही पता है कि बडगांव के रेलवे स्टेशन पर तैयार चाय बेचा करते थे. एम.जी.टी. से हमारा मतलब है 'मूल जी टी'.  

बोला- यह कौनसी कंपनी है ?

हमने कहा- चाय, गुटखा, बीड़ी, साबुन, पापड़ आदि के नामों का कोई नियम नहीं होता. क्या बाघ-बकरी, काला- घोडा,लाल घोड़ा का चाय से कोई संबध है ? क्या 'ताजमहल' में चाय उगाई जाती है ? क्या तानसेन गुटखा खाते थे, या गणेश जी और तुलसीदास जी खैनी दबाते थे ?  मोदी जी के काशी में बिकने वाली 'शिव-पार्वती' बीड़ी का बाबा विश्वनाथ से क्या रिश्ता है ?  पान मसाले का नाम मानिकचंद हो सकता है तो गली के कोने वाली मूलचंद की दुकान की खुली चाय का नाम एम.जी.टी. (मूल जी चाय ) क्यों नहीं हो सकता है ?   

बोआ- तभी कुछ अजीब सी गंध आ रही है. 

हमने कहा- तू कोई मंत्री नहीं बना है जो इतने नखरे कर रहा है. कभी रेलवे प्लेट फॉर्म पर चाय पीता है तो पत्ती की कंपनी पूछता है ?  क्या मोदी जी ने कभी बताया कि वे किस कंपनी की चाय पत्ती बापरते थे ? 

बोला- गुजरात की बात अलग है. वहाँ तो इतना चाय मसाला डाल देते हैं कि कुछ पता ही नहीं चलता कि उसमें चाय पत्ती है या लकड़ी का बुरादा. 

हमने कहा- और क्या ? चाय एक विचार है, परंपरा है, संस्कृति है, चर्चा का बहाना है. क्या मोदी जी ने ओबामा को चाय पिलाई उसका ब्रांड किसी को पता है ? क्या अमरीका का राष्ट्रपति कुछ विशिष्ट लोगों को सम्मान देने के लिए वाइट हाउस में चाय के लिए बुलाता तो कोई खास ब्रांड की चाय पीने के लिए बुलाता है ? नहीं, वह तो एक सम्मान है. सो तू इसे अपने लिए एक सम्मान समझ, हमारी उदारता समझ. 

बोला- मैंने तो जब से समाचार पढ़ा है कि डिब्रूगढ़ में मनोहारी गोल्ड नाम की चाय ९९९९९ रु. किलोग्राम के भाव से नीलाम हुई है तब से हर चाय में बदबू आने लगी है. 

हमने कहा- इसीलिए कहा है कि गरीब आदमी को सपने भी अपनी औकात के अनुसार ही देखने चाहियें नहीं तो जीना मुश्किल हो जाता है. सब इतने भाग्यशाली नहीं होते कि बिना ब्रांड की चाय से ९९९९९ रु. किलो की चाय तक छलांग लगा सकें. 

बोला-  बिलकुल. थैंक गॉड इट इज स्टिल लेस देन वन लैक. 

       


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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