2025-09-22
जीएसटी का उत्सव
आज नवरात्र स्थापन है । पता नहीं, किस शक्ति की आराधना करें ? 83 साल बीत गए नवरात्र स्थापना और देवी के आगे नौ नौ दिन दीये जलाते और नवें दिन कन्याओं को खाना खिलाते लेकिन न तो हमें कोई शक्ति प्राप्त हुई और न ही देश में कन्याओं का कुछ भला हुआ । आज भी हर सीता को हर भगवाधारी से डर लगता है । विद्यालय, धार्मिक स्थान, आश्रम, अस्पताल कहीं भी लड़कियां सुरक्षित नहीं । जहाँ हमें शक्ति प्राप्त होने ही बात है तो आँख, नाक, कान, पाचन और गरमी सर्दी सहन करने की सब शक्तियां क्षीण होती जा रही हैं । रुपए की क्रय शक्ति भी क्षीण होती जा रही है । और दवाओं का खर्च बढ़ता जा रहा है ।
खैर, जो भी है परंपरा है सो तैयारी के बतौर एक पटरे पर कपड़ा बिछाया, कागज पर रोली से दुर्गा का त्रिशूल बनाया, पीतल का दिया साफ करके बत्ती लगाकर रख दिया । अब जब जैसा शास्त्रों का आदेश होगा कर लिया जाएगा लेकिन चाय के लिए कहीं कोई विधि-निषेध नहीं है इसलिए वह यथासमय तोताराम के साथ हाजिर ।
चाय का गिलास देखकर तोताराम ने सड़ी सी शक्ल बनाई जैसे पहली बार नेता विपक्ष के रूप में राहुल गांधी से हाथ मिलाते हुए ओम बिरला ने बनाई थी । मातृ संस्था के प्रति भक्ति प्रदर्शन के लिए यह जरूरी भी था ।
हमने पूछा- क्या बात है पेट में ऐंठन हो रही है क्या ?
बोला- ऐंठन नहीं, मैं तो तेरी कृतघ्नता और कृपणता पर एक्सप्रेशन दे रहा हूँ । लगता है तूने कल शाम का मोदी जी का भाषण नहीं सुना ।
हमने कहा- हम क्यों सुनें मोदी जी का भाषण ? एक दो बार सुना तो कभी जीएसटी लगा दी, कभी नोटबंदी कर दी । सारे काम पनौती वाले हैं । और फिर हम कौन मुख्यमंत्री हैं जिसे अपनी भक्ति का प्रदर्शन करके अपनी कुर्सी बचाने के लिए मोदी के मन की बात सुनते हुए अखबार में फ़ोटो छपवाना जरूरी होता है ।
बोला- अब सबको मुख्यमंत्री बनाना तो संभव नहीं है लेकिन तेरा खयाल भी तो रखते ही हैं ।
हमने कहा- कोरोना के नाम से 18 महीने का एरियार खा तो गए । इससे बड़ा और क्या खयाल रखेंगे ?
बोला- अब इस तुच्छता से बाहर निकल ।अब आज से जीएसटी घटा तो दिया । सारा देश उत्सव मना रहा है । त्योहारों पर मोदी जी का उपहार । अंबानी तक ने इसके लिए उन्हें भगवान का अवतार बताया है ।
हमने कहा- उनके लिए होंगे भगवान के अवतार । हम तो मोदी जी के जन्म से पहले ही इस दुनिया में आ गए थे और जब वे आठवीं में पहुंचे थे तब हम आठवीं क्लास को पढ़ा रहे थे । हमारे जीवन में उनका कोई योगदान नहीं है । हमें उन्होंने नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया था । हम तो नेहरू जी के काल में ही मास्टर बन गए थे ।
बोला- अच्छा हुआ जो मोदी जी के प्रधान मंत्री बनने से पहले रिटायर हो गया अन्यथा तेरी डिग्री और नियुक्ति पर भी जांच बैठा दी जाती । लेकिन मोदी जी इतने बुरे नहीं है । न दें आठवाँ पे कमीशन , न बढ़ाएं तेरी पेंशन लेकिन जितनी है उतनी तो कम से कम मिलती ही रहेगी ।
हमने कहा- तो फिर किस बात का उत्सव । उत्सव मनाएंगे अंबानी जी जिन्होंने रूस से सस्ता तेल खरीदकर योरप को बेचकर फायदा कमाया और उसका गुस्सा भारत की जनता को टेरिफ़ और एच 1 बी वीजा की फीस वृद्धि के रूप में झेलना पड़ा ।
और अब जीएसटी घटाने का उत्सव मनवा रहे हैं तो फिर जब जीएसटी बढ़ाई थी तो उसका रोना किसके नाम से रोयें ?
अब चाय पीनी है तो पी ले । तुझे उत्सव की ज्यादा ही उचंग लग रही है तो इस महीने की पेंशन पर दो बिस्किट खा लेना ।स्वदेशी, रामदेव वाले । दैट्स आल ।
-रमेश जोशी
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