Oct 6, 2025

दिल्ली का ठग, मोहब्बत और नेहरू

दिल्ली का ठग, मोहब्बत और नेहरू  

 

हमारे एक कोई तीस-पैंतीस साल पुराने परिचित कनिष्ठ मित्र हैंमुसलमान हैं , शायरी करते हैंहिन्दू होते तो कविता करतेआजकल हिन्दू शायरी नहीं कर सकताग़ज़ल नहीं, सजल लिखता हैअन्यथा हिन्दुत्व जो 11 साल से खतरे में हैं और अधिक खतरे में पड़ सकता हैलेकिन ये महाशय नवरात्र भी करते हैंपहले तो हमने ध्यान नहीं दिया लेकिन अब समझ मेंरहा है कि शायद यह उसकावरात्र िहाद हा मारा हपाठी ंटर ें 1959 ें, ाम ीलाधर ेकिन र्म ुसलमान मय मझ हीं या ेकिन गता हीं सका रादा ाम िहाद रने हीं िन ायर ज्जन ेसेज या िसमें नके ाम ाथ ें िखा ुआ ुहम्मद में मझ या ि सके ंस्कार ीक हीं न्यथा हाँ ोग ेवा ंस्कृति िए िशोरावस्था ें ्याहता त्नी ोड़ ेते ैं हाशय िटायर ोने ाद क्कर ें ड़े ैं ोहम्मद ाथ ।  गर िंदुओं ैसे ंस्कारी सके माज ें ोते ीरा ेवर नबीर रह ृष्ण रणामृत ाम हर िला ेते मारे ंस्कारी ार्टी दस्य ैं ुनसान ाई कांत ें हे ोई िखावा हीं, ोई ोर्ड हीं, च्चे र्मवीर िसी िन्दुत्व िरोधी ुपकर ोटो तार ुष्कर्म हकर ्रचारित िया ेकिन में ्याय िश्वास मानत त्काल िल में न्हें ्याय िश्वास िसी िन ुपचाप िहा ाएंगे गर ुर्भाग्य जा ्या ैरोल ाहर ने हेंगे िसी िन ोकतंत्र मृत होत्सव ंस्कारी ्राह्मण ताकर सम्मान िहा िए ाएंगे  

 

 

 

 

आज तोताराम ने आते ही प्रश्न किया- तू किसे प्यार करता है ? 

हमने कहा- वैसे तो प्यार हर व्यक्ति का निजी मामला होता है और वह उसे बताने के लिए बाध्य नहीं होता लेकिन जैसे पारदर्शी नेता जनहित में अपने आम खाने के तरीके जैसे नितांत निजी तथ्य तक को बताा देते हैं वैसे हम भी तुझे बता देते हैं कि हम अपनी पेंशन से प्यार करते हैंइससे पहले अपनी तनख्वाह और नौकरी से करते थे 

बोला- मास्टर, बहुत तुच्छ और स्वार्थी व्यक्ति है तूदेख आज दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन को देख जिसके सदस्य खुद से पहले राष्ट्र को प्यार करते हैंसिक्के तक पर लिखवा दिया है - राष्ट्राय स्वाहाराष्ट्र के लिए सब कुछ स्वाहा किए जा रहे हैंभाईचारा, सद्भाव, एकता, सब कुछ और एक तू है जो पेंशन से चिपका हुआ है 

अब इनआई लव मोहम्मदवालों से राष्ट्र को बचाने के लिए राष्ट्रप्रेमियों को इस लव के चक्कर में पड़ना पड़ रहा हैहमेशा सेजय लक्ष्मी रमणा’  गाने वालों को राख रमाने वाले दिगम्बर महादेव से प्रेम करना पड़ रहा है - आई लव महादेव वाली टी शर्ट पहननी पड़ रही हैहालाँकि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार यह गलत हैउनके अनुसार केवल गिरिजा पार्वती ही महादेव से प्रेम कर सकती हैऔर पार्वती ने भी तपस्या की थी टीशर्ट तो नहीं ही छपवाई थीबरेली की तरह बैनर तो नहीं लगाया था 

हमने पूछा- तोताराम इस षड्यन्त्र के पीछे कौन हो सकता है ? पाकिस्तान, चीन, ट्रम्प या कोई और ?  

बोला- ऐसे षड्यंत्रों के पीछे नेहरू गांधी परिवार के अतिरिक्त और कौन हो सकता हैतुझे पता होना चाहिए कि 1958 में एक फिल्म बनी थी- ‘दिल्ली का ठग’  जिसमें किशोर कुमार नूतन के लिए एक गाना गाता है- हम तो मोहब्बत करेगा, दुनिया से नहीं डरेगा, जूता पालिश करेगा, ठंडी आहें भरेगा, लैला लैला करेगाएक ठग 1958 में दिल्ली में रहकर मोहब्बत कर रहा है और नेहरू उसे नहीं रोक रहा हैअगर वह उसी समय बुलडोज़र चलवा देता तो यह नौबत ही नहीं आतीऔर अब उसका पड़पोता ाहुल गह गह ोहब्बत ुकान ोलता िर हा से ें ्या ोगा ? ोग ोहम्मद ोहब्बत हे ैं िसी रने गेंगे ाष्ट्र ोहब्बत हीं लता ठोर ानून लता ुलडोज़र ुधार हे ैं ेकिन 70 ाल िगड़ा ुआ िस्टम िन ें ोड़े ीक ोगा ाइम गेगा  

हमने कहा- लेकिन मोहम्मद के जवाब में महादेवऐसे तो यह बीमारी दोनों तरफ ही बढ़ती चली जाएगी । जब शोर और नकल का जोर बढ़ता है तो उसका कोई अंत नहीं होताबिना बात समाज-देश की ताकतसमय और संसाधन व्यर्थ खर्च होते हैं 

बोला- लेकिन उत्तरदेने से तो लोगों की हिम्मत बढ़ जाएगीकल किसी और को मोहब्बत करने लेगेंगेसरकार तो अपना काम करेगी ही लेकिन हमें भी कम से कम टी शर्टें तो छपवानी पड़ेंगी 

हमने कहा- इसका एक मितव्ययी तरीका हो सकता हैएक संक्षिप्त टी शर्ट छपवा लेनी चाहिएजिसमें आई, उसके बाद दिल और अंत में एम । हो गया काम । कुछ भी अर्थ हो सकता है- आई लव मोहम्मद, आई लव महादेव, आई लव महावीर, आई लव महाकाल, आई लव मोदी, आई लव मनी, आई लव मिठाई, आई लव माइसेल्फ़ कुछ भी 

 

बोला- यह हुई ना राष्ट्रीयआर्टिफिसियलल इंटेलीजेंस’ । मैनी इन वन ।  इससे टीशर्ट और टैटू के घरेलू उद्योग में उछाल आने से अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी ।   

 



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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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