Jan 19, 2013

तोताराम को भारत रत्न


तोताराम को भारत रत्न

वैसे तो तोताराम को भारत रत्न बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था लेकिन न तो लोगों ने सोचा और न सरकार ने ध्यान दिया । और तोताराम तो खैर मान-अपमान से सर्वथा असम्पृक्त रहता है । पर आज कई दिनों के बाद सवेरे-सवेरे एक लँगोटी धारण किए हमारे घर के आगे से गुजरा ।

यह आज पहली बार हो रहा है कि वह हमारे घर के आगे से बिना चाय पिए जा रहा था । जनवरी के इस पहले सप्ताह में पारा जमाव बिंदु से नीचे ही चल रहा है । हम अमरीका से भयंकर ठण्ड से जान बचाकर भारत आए और यहाँ भी कुछ वैसी ही ठण्ड पाई, जैसे कि कहावत है - जहाँ जाए भूखा, वहीं पड़े सूखा । किसी तरह रजाई में लिपटे दिन गिन रहे थे । इन दिनों में तोताराम नहीं आया और न ही हमने उसे एक्सपेक्ट किया । दोस्ती अपनी जगह और जान-पहचान और बैठकबाजी अपनी जगह ।

हमने घर के आगे से गुजर रहे तोताराम को भाग कर पकड़ा । पूछा- क्यों आत्महत्या करने का विचार है क्या ?

उसने कहा- आत्महत्या तो मैं कभी नहीं कर सकता क्योंकि महँगाई जीने नहीं देती और महँगाई भत्ते की घोषणा मरने नहीं देती । मैं तो आजीवन दोनों के बीच झूलता रहा हूँ जैसे कि जनता नागनाथ और साँपनाथ के बीच भटकती रहती है । फिर अब तो अपने जयपुर में चिंतन-मनन-मंथन शिविर चल रहा है । वैसे तो बहुत से शिविर लगते हैं और प्रशासन हमारे द्वार पर आकर जम जाता है लेकिन होता-हवाता कुछ नहीं । फिर भी यह चुनावी वर्ष है, क्या पता कुछ निकल ही आए । कीचड़ में से कमल भी तो निकलता है ।

हमने उसे टोका और कहा- बात मत बदल । यह भारत रत्न और तेरे कपड़े उतारने का क्या संबंध है ?

बोला- पहले की बात छोड़, आजकल पंचायत सदस्य का टिकट तक कपड़े उतारे बिना नहीं मिलता तो यह तो भारत रत्न है । मुझे पता चला है कि शर्लिन चोपड़ा ने अमरीका जाकर किसी 'प्ले बॉय' पत्रिका के लिए कपड़े उतारे हैं और अब वह भारतरत्न के लिए दावेदारी करने वाली है । सोचता हूँ, महिलाओं का बड़ी तेज़ी से सशक्तीकरण हो रहा है । क्या पता उनके कल्याण के लिए कोई 'प्ले गर्ल' नामक पत्रिका भी निकलने लगी हो । उसके लिए मुझ से बेहतर कौन हो सकता है । ये तो कपड़े उतार रखे हैं वैसे अपना तो कपड़े उतारे बिना भी सब कुछ पारदर्शितापूर्ण है ।

हमने उसे पकडकर अंदर लिया और उसके न चाहते हुए भी रजाई में घुसेड़ दिया । जीवित तो नहीं, मरणोपरांत भी भारतरत्न, पता नहीं मिलेगा या नहीं लेकिन कल के अखबार में ज़रूर आ जाएगा कि सीकर की भयंकर ठण्ड से पीड़ित, केवल पट्टेदार जाँघिया पहने मंडी के पास सत्तर वर्षीय एक वृद्ध का शव मिला ।

१८ जनवरी २०१३

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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