Jan 14, 2014

उम्र घटाने का फार्मूला


सारी दुनिया उम्र घटाने के फार्मूले के चक्कर में बावली हो रही है । कोई बाल ट्रांसप्लांट करवा रहा है, तो कोई विग लगवा रहा है और बाल रँगना तो एक सामान्य दैनिक काम हो गया है । कोई च्यवनप्राश खा रहा है तो कोई वियाग्रा आज़मा रहा है । कोई यह कह कर ही धोखा दे रहा है कि उम्र नहीं मेरा दिल देखो जो बुढ़ापे में भी उतना ही लम्पट है जितना कि किसी जवान का होता है । कोई अपने चेहरे की खाल खिंचवाकर झुर्रियाँ निकलवा रहा है । कोई सत्तर पार करके भी चेलियों पर पराक्रम दिखा रहा है । कई लेखक और लेखिकाएँ रचना के साथ अपने ज़वानी के फोटो भेज कर भ्रम फैला रहे हैं । बहुत से तो जन्म की तिथि लिखते हैं, वर्ष नहीं ।

इसका एक और विचित्र पहलू भी है । जब आप किसी तरह भी अपनी उम्र को छुपा नहीं सकते तो अपनी उम्र इतनी अधिक बताते हैं कि लोग फिर भ्रम में पड़ जाएँ कि बुड्ढा नब्बे साल की उम्र में भी साठ जितना कड़क लगता है । तभी उम्र के बारे में कहा गया है-
साधू कहे बढ़ाय कर, रंडी कहे घटाय ।

आज आते ही तोताराम ने पूछा- तेरे पास लेडी गा-गा का पता है क्या ? आज ही एक समाचार पढ़ा है कि कोई गाने वाली है- नाम है लेडी गा-गा । उम्र है २७ वर्ष । कहती है- नशा करने के बाद मैं अपने आप को १७ वर्ष की अनुभव करती हूँ । मतलब कि एक ही डोज़ में बालिग से नाबालिग । अच्छा हुआ, एक और डोज़ नहीं ली अन्यथा ७ वर्ष की हो जाती हालाँकि बलात्कार से तो उस शिशु अवस्था में भी बच पाने की गारंटी नहीं होती । दस वर्ष का डिफरेंस । इतना तो रामदेव का भस्त्रिका प्राणायाम भी असर नहीं करता । फेयरनेस क्रीम भी गोरा बनाने में एक हफ़्ता लेती है ।


हमने कहा- तोताराम, हमें अब उम्र घटाने नहीं, ज़ल्दी से ज़ल्दी बढाने के बारे में सोचना चाहिए । अस्सी के होते ही पेंशन सवाई हो जाएगी । फिर भी यदि तू चाहे तो हम लेडी गा-गा से भी बढ़िया नुस्खा बता सकते हैं जो एक खुराक में ही ज़िंदगी भर काम करता है । यदि किसी को सेवन करने को मिल जाए तो एक क्षण में ही मरणासन्न बुड्ढा भी ईलू-ईलू करने लग जाता है । फिर चाहे यह नशा सरपंच, एम.एल.ए., एम.पी., मंत्री, महामहिम के पद का हो या आश्रमों के किसी गुरु-घंटाल का हो या किसी समाचारपत्र के मालिक का हो । किसी दवा-दारू का नशा इसके सामने क्या चीज़ है ? सामान्य नशा तो शाम को चढ़ा और सुबह होते ही 'वह पानी' मुलतान चला जाता है । पद का नशा तो भूतपूर्व होने पर भी कायम रहता है । देखा नहीं, एक महामहिम राजभवन से निकाले जाने के तीन वर्ष बाद भी एक पार्टी में एक रिपोर्टर से चिपकने लगे थे और कल ही एक भूतपूर्व एम.एल.ए. ने टिकट माँगने पर बस कंडक्टर की पिटाई कर दी ।

१० दिसंबर २०१३

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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