12-01-2015 एक ही डी.एन.ए.
सुबह ही अखबार देखा तो एक दुखद,अजीब और अच्छा समाचार पढ़ा | वजीरपुर कस्बे के एक सज्जन (!) के तीन बीवियाँ हैं और एक उन्नीस वर्षीय लड़की से इश्क चल रहा है | पत्नियों को पता चला लेकिन दो तो शायद बर्दाश्त कर गई होंगी लेकिन तीसरी ने नज़र रखी और कल अपने शौहर को शिक्षा भवन के सामने घेर लिया | पीछे बैठी लड़की और संभावित चौथी बीवी तो बचकर भाग गई लेकिन शौहर पकड़ में आगया | बीवी ने सेंडिलों से उसकी जमकर धुनाई की | इस पुण्य कार्य में राह चलते लोगों ने भी सहयोग किया |
समाचार दुखद इसलिए कि एक पुरुष की सार्वजनिक रूप से पिटाई हुई वैसे तीन बीवियों वाले की पिटाई कोई आश्चर्यजनक बात नहीं लेकिन यह बेईज्ज़ती घर तक ही सीमित रहे तो संस्कृति पर संकट नहीं आता | अजीब इसलिए कि यह शिक्षा भवन के सामने हुआ | हम तो शिक्षा का अर्थ और कुछ ही समझते थे लेकिन अब पता चला कि मराठी में शिक्षा को दंड क्यों कहते हैं |अच्छी बात इसलिए कि वास्तव में महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है |
हमने अखबार तोताराम के सामने रखते हुए कहा- तोताराम, इस समाचार में शौहर का नाम-धर्म नहीं दिया गया | तू बता इसका नाम और धर्म क्या हो सकता है ?
बोला- यह भी कोई बात हुई | यह अनुमान तो कोई पुलिस वाला भी नहीं लगा सकता |
हमने कहा- इसका नाम तो नहीं लेकिन धर्म हम बता सकते हैं | यह कोई मुसलमान है क्योंकि इसके तीन पत्नियाँ नहीं, बीवियाँ हैं और चौथी के चक्कर में है तथा यह पति नहीं, शौहर है |
कहने लगा- पता नहीं, इस देश-दुनिया को क्या हो गया है |उर्दू देखी तो मुसलमान | यह भी तो हो सकता है कि संवाददाता कोई उर्दू पृष्ठभूमि का हो | बीवी और शौहर तथा पत्नी और पति एक ही तो बात है |हिन्दू के घर का मच्छर हिन्दू और मुसलमान के घर की मक्खी मुसलमान | अजीब पहचान है |अगर हिन्दू को हैजा हो जाए तो इस्लामिक आतंकवाद और मुसलमान को मलेरिया हो जाए तो भगवा आतंकवाद |
हमने कहा- लेकिन चार बीवियाँ तो मुसलमान ही रख सकते हैं ना ?
बोला- पता नहीं, किस समय की बात है और क्यों शुरू हुई थी लेकिन आज तो सबको एक बीवी और उसके बच्चों को निभाना ही कठिन हो रहा है | रईसों और लम्पटों की छोड़, साधारण आदमी की बात कर | वैसे सुब्रमनियम स्वामी तो कहते हैं कि हिन्दू और मुसलमान दोनों का डी.एन.ए. एक ही है |
हमने शंका की- यह कैसे हो सकता है ?
कहने लगा- हो क्यों नहीं सकता ? दोनों हजारों साल से एक ही देश में एक ही रोटी-पानी से पलते रहे हैं तो कुछ तो फर्क पड़ेगा ही |सच पूछे तो मुझे तो लम्पटता के मामले में दोनों ही एक जैसे नज़र आते हैं |मुसलमान बादशाह ही क्या, हिन्दू राजा भी कई कई बीवियाँ रखते ही थे | आज भी कई चर्चित हिन्दू दूसरी शादी करने के लिए कोर्ट में मुसलमान बने ही थे |कई ऐसी ही लम्पटता के चक्कर में गिरफ्तारी से बचते फिर रहे हैं |
लम्पटता के मामले में इन दोनों का ही क्या, दुनिया भर का डी.एन.ए. एक ही है | विश्व बैंक के भूतपूर्व गवर्नर, अमरीका, इटली, फ़्रांस के कई बड़े-बड़े नेता और अपने तथा पाकिस्तान के कई नेता ऐसी ही डी.एन.ए. की रसिक समानता का परिचय दे चुके हैं |
हमने पूछा- तो फिर इस बीमारी का इलाज़ क्या है ?
-इलाज़ ? कर तो दिया मोहतरमा ने शिक्षा भवन के सामने सेंडिल से -तोताराम का उत्तर था |
सुबह ही अखबार देखा तो एक दुखद,अजीब और अच्छा समाचार पढ़ा | वजीरपुर कस्बे के एक सज्जन (!) के तीन बीवियाँ हैं और एक उन्नीस वर्षीय लड़की से इश्क चल रहा है | पत्नियों को पता चला लेकिन दो तो शायद बर्दाश्त कर गई होंगी लेकिन तीसरी ने नज़र रखी और कल अपने शौहर को शिक्षा भवन के सामने घेर लिया | पीछे बैठी लड़की और संभावित चौथी बीवी तो बचकर भाग गई लेकिन शौहर पकड़ में आगया | बीवी ने सेंडिलों से उसकी जमकर धुनाई की | इस पुण्य कार्य में राह चलते लोगों ने भी सहयोग किया |
समाचार दुखद इसलिए कि एक पुरुष की सार्वजनिक रूप से पिटाई हुई वैसे तीन बीवियों वाले की पिटाई कोई आश्चर्यजनक बात नहीं लेकिन यह बेईज्ज़ती घर तक ही सीमित रहे तो संस्कृति पर संकट नहीं आता | अजीब इसलिए कि यह शिक्षा भवन के सामने हुआ | हम तो शिक्षा का अर्थ और कुछ ही समझते थे लेकिन अब पता चला कि मराठी में शिक्षा को दंड क्यों कहते हैं |अच्छी बात इसलिए कि वास्तव में महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है |
हमने अखबार तोताराम के सामने रखते हुए कहा- तोताराम, इस समाचार में शौहर का नाम-धर्म नहीं दिया गया | तू बता इसका नाम और धर्म क्या हो सकता है ?
बोला- यह भी कोई बात हुई | यह अनुमान तो कोई पुलिस वाला भी नहीं लगा सकता |
हमने कहा- इसका नाम तो नहीं लेकिन धर्म हम बता सकते हैं | यह कोई मुसलमान है क्योंकि इसके तीन पत्नियाँ नहीं, बीवियाँ हैं और चौथी के चक्कर में है तथा यह पति नहीं, शौहर है |
कहने लगा- पता नहीं, इस देश-दुनिया को क्या हो गया है |उर्दू देखी तो मुसलमान | यह भी तो हो सकता है कि संवाददाता कोई उर्दू पृष्ठभूमि का हो | बीवी और शौहर तथा पत्नी और पति एक ही तो बात है |हिन्दू के घर का मच्छर हिन्दू और मुसलमान के घर की मक्खी मुसलमान | अजीब पहचान है |अगर हिन्दू को हैजा हो जाए तो इस्लामिक आतंकवाद और मुसलमान को मलेरिया हो जाए तो भगवा आतंकवाद |
हमने कहा- लेकिन चार बीवियाँ तो मुसलमान ही रख सकते हैं ना ?
बोला- पता नहीं, किस समय की बात है और क्यों शुरू हुई थी लेकिन आज तो सबको एक बीवी और उसके बच्चों को निभाना ही कठिन हो रहा है | रईसों और लम्पटों की छोड़, साधारण आदमी की बात कर | वैसे सुब्रमनियम स्वामी तो कहते हैं कि हिन्दू और मुसलमान दोनों का डी.एन.ए. एक ही है |
हमने शंका की- यह कैसे हो सकता है ?
कहने लगा- हो क्यों नहीं सकता ? दोनों हजारों साल से एक ही देश में एक ही रोटी-पानी से पलते रहे हैं तो कुछ तो फर्क पड़ेगा ही |सच पूछे तो मुझे तो लम्पटता के मामले में दोनों ही एक जैसे नज़र आते हैं |मुसलमान बादशाह ही क्या, हिन्दू राजा भी कई कई बीवियाँ रखते ही थे | आज भी कई चर्चित हिन्दू दूसरी शादी करने के लिए कोर्ट में मुसलमान बने ही थे |कई ऐसी ही लम्पटता के चक्कर में गिरफ्तारी से बचते फिर रहे हैं |
लम्पटता के मामले में इन दोनों का ही क्या, दुनिया भर का डी.एन.ए. एक ही है | विश्व बैंक के भूतपूर्व गवर्नर, अमरीका, इटली, फ़्रांस के कई बड़े-बड़े नेता और अपने तथा पाकिस्तान के कई नेता ऐसी ही डी.एन.ए. की रसिक समानता का परिचय दे चुके हैं |
हमने पूछा- तो फिर इस बीमारी का इलाज़ क्या है ?
-इलाज़ ? कर तो दिया मोहतरमा ने शिक्षा भवन के सामने सेंडिल से -तोताराम का उत्तर था |
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