May 23, 2016

मुँह में कैंची

  मुँह में कैंची 

अब हमारे यहाँ पारा ४५ डिग्री पहुँचने के कगार पर है |इसके बावजूद तोताराम थोड़ा देर से आया | गरमी से लड़ने के पूरे अस्त्र-शस्त्रों के साथ |आँखों पर धूप का चश्मा, छाता, सिर पर गीला गमछा | हमने पूछा- तोताराम, तू राजस्थान का रहने वाला है |धूप के प्रति इतनी भी असहिष्णुता क्या ?

बोला- अब असहिष्णुता कोई मुद्दा नहीं रहा |

हमने पूछा- कैसे ?

बोला- यदि अब भी यह मुद्दा होता तो अनुपम खेर को राज्य सभा की सदस्यता न मिल जाती |अब तो हजामत मुद्दा है |सब एक दूसरे की हजामत बना रहे हैं | 

हमने कहा- बन्धु, यह तो तुम नई बात बता रहे हो |हमने तो इस मुद्दे पर कुछ पढ़ा नहीं |हाँ, बनारस में कोई अंसार अहमद है जिसने मुँह में कैंची फँसा कर लगातार २५ घंटे तक हजामत बनाई | हो सकता है उसका यह करिश्मा गिनीज बुक में भी आ जाए |अब बेचारे के पास श्री श्री जी की तरह हजारों नर्तक और वादक  जुटाने की हैसियत तो है नहीं जो पहुँच जाता नाच-गाने से यमुना की सफाई करने और रिकार्ड बनाने | ले देकर यही हुनर है तो यही सही |

बोला- शब्दों का फर्क है और तू साहित्यकार की दुम होकर भी मेरे शब्दों का निहितार्थ नहीं समझता |रिकार्ड बनाने के लिए मुँह में कैंची फँसाने की क्या ज़रूरत है ? कहा भी है- फलाँ की जुबान कैंची की तरह चलती है |जुबान से आप किसी का दिल जीत सकते हैं और जुबान से दिल छलनी भी कर सकते हैं | अपनी बात अच्छे शब्दों में भी कह सकते हैं |तभी कबीर ने कहा है-
बोली एक अमोल है जो कोई बोले जानि |
हिये तराजू तौल कर तब मुख बाहर आनि ||

शब्दों में ताकत हो और राजनीति में घुसपैठ हो तो यह काम शब्दों के द्वारा बखूबी किया जा सकता है |किसी की भी शब्दों से हजामत बनाई जा सकती है | इसी काम के लिए तो सुब्रह्मण्यम स्वामी जी को राज्य सभा में लिया गया है | भारत माता, तिरंगा और असहिष्णुता जैसे शब्दों से कब तक हजामत बनती |अभी तो तीन साल और निकालने हैं तो कोई तगड़ा हजामत बनाने वाला होना चाहिए |ऐसे में स्वामी जी से बेहतर और कौन हो सकता है ?

हमने कहा- बन्धु, हमने तो पढ़ा है कि १९९९ में इन्हीं ने जयललिता और सोनिया से मिलकर अटल जी सरकार गिराई थी | और अब बीजेपी इन्हीं को गले लगा रही है |बड़ी अजीब बात नहीं ?

बोला- इसमें अजीब क्या है ? सब को कोई न कोई ऐसा चाहिए जो विपक्ष हो अपनी जुबान की कैंची से डराता रहे |यदि अटल जी की सरकार गिराने के बदले इन्हें प्रधान मंत्री बना दिया जाता तो ये शांत रहते लेकिन अब तो इनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य ही जयललिता और सोनिया को परेशान करना और इनके पीछे पड़े रहना है तब तक जब तक कांग्रेस-मुक्त भारत की तरह जयललिता और सोनिया-मुक्त भारत नहीं बन जाता |यदि कुछ और दिनों तक राज्य सभा में नहीं लिया जाता तो ये बीजेपी को कोसने लगते |अब कह रहे हैं रघुराम राजन को हटाओ |और आगे भी देख लेना यदि किसी महत्त्वपूर्ण विभाग का मंत्री नहीं बनाया गया तो फिर अपने वाली पर आ जाएँगे | पलटते क्या देर लगती है ?

हमने कहा- बन्धु, कुछ भी हो लेकिन बंदा है जीनियस | २४ साल की उम्र में हार्वर्ड से पीएचडी और २७ की उम्र में वहीं गणित का प्राध्यापक बनना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है |हम तो किसी तरह स्वयंपाठी के तौर पर २७ में मात्र एम.ए. ही कर पाए और पीएचडी तो आज तक नहीं हुई |

बोला- ठीक है,जीनियस है लेकिन खुराफाती जीनियस |

हमने कहा- तोताराम, क्यों मौत को मौसी कहता है |खबर हो गई तो तेरी पेंशन बंद करवाने में लग जाएगा |मेरा ख़याल है मोदी जी को चाहिए इन्हें प्रधान मंत्री के अतिरिक्त कोई भी पद लेने और कोई भी पद किसी को भी देने के समस्त अधिकार इन्हें दे दें |साँपों के देवता गोगा जी राम से भी बड़े होते हैं |

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