Mar 18, 2018

भारत रत्न के लिए आमरण अनशन


भारत रत्न के लिए आमरण अनशन

आज सुबह-सुबह तोताराम के स्थान पर उसका पोता बंटी आया और हमारे हाथ में एक लिफाफा देते हुए बोला- दादाजी ने कहा है कि आप दस बजे तैयार रहें |आपको उनके जुलूस के साथ कलेक्ट्रेट जाना है |

हम लिफाफे में से निकाल कर कुछ पढ़ें उससे पहले तो बंटी छू | देखा लिफाफे पर लिखा है- भारत-रत्न के लिए मास्टर तोताराम का आमरण अनशन |

पता नहीं, इस बूढ़े बच्चे को जाने क्या-क्या सूझता रहता है |इस पर न तो गुस्सा किया जा सकता है और न ही उपेक्षित  | 

खैर, दस बजे | सोचा, जब जुलूस के नारे सुनने शुरू हो जाएँगे तो बाहर निकल लेंगे |लेकिन तभी दरवाज़ा खटका और खोला तो तोताराम हाज़िर |हमने पूछा- तेरे समर्थक कहाँ है ? 

बोला- सत्य-मार्ग के पथिक भीड़ का इंतज़ार नहीं करते और न ही भीड़ के भरोसे कुछ करते हैं |जिन्हें अपने कर्म और नीयत पर विश्वास नहीं होता वे रैलियों और जुलूस में भाड़े के समर्थक जुटाते हैं |मीडिया को पैसे देकर चर्चित होते हैं |हम तो टैगोर के 'एकला चलो, एकला चलो , एकला चलो रे, तुमी एकला चलो, वाले हैं |

हमने कहा- यदि आमरण अनशन करना ही है तो मोदी जी द्वारा सातवाँ पे कमीशन न दिए जाने के विरुद्ध करता | यह भारत-रत्न लेकर क्या चाटेगा ? इसमें केवल सम्मान ही सम्मान है और वह भी काल्पनिक |इस उम्र में सम्मान नहीं, दवा-दारू का इंतज़ाम चाहिए |

बोला- भाई साहब, आपका यह अनुज इतना तुच्छ नहीं हो सकता |
अपने लिए जिए तो क्या जिए या फिर तू जी ऐ दिल, ज़माने के लिए |
मैं तो ताऊ को भारत-रत्न दिए जाने के लिए आमरण अनशन करने जा रहा हूँ |

हमने पूछा- क्या अडवानी जी ने तुझे कोई मेसेज किया है ?

बोला- मेसेज तो नहीं किया लेकिन अगरतला में भाजपा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में उनका फोटो, माणिक सरकार द्वारा उनका मन बहलाने की कोशिश और मोदी जी द्वारा उनके सम्मान के बाद मुझे लगा कि अडवानी जी तो निष्काम और निस्पृह व्यक्ति हैं,एकल शाखा के अनुशासित स्वयंसेवक  |नियम से, समय पर संसद पहुँच जाते हैं, किसी भी सार्वजनिक काम में, जुलूस और मार्च में पार्टी के साथ खड़े नज़र आते हैं |अपने लिए कभी कुछ नहीं कहेंगे लेकिन यह तो उन लोगों को सोचना चाहिए जिन्होंने ताऊ के कंधे पर चढ़ कर दुनिया देखी है |प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति न बनाए जाने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा |लेकिन जब अटल जी को भारत-रत्न दिया गया तब उन्होंने  इस काम को सही समय पर किए जाने का संकेत दिया था |

हमने कहा- वैसे तोताराम,यह सच है कि भाजपा के लिए अडवानी जी का योगदान एक दृष्टि से किसी से भी बड़ा है |उसे देखते हुए वे सरकार द्वारा दिए जाने वाले किसी भी सम्मान से बड़े हैं जैसे भारत के लिए महात्मा गाँधी |बिना नोबल के भी वे नोबल हैं |वैसे भी हमें तो अडवानी के भाजपा-रत्न होने में कोई संदेह नहीं है |और जो भाजपा-रत्न हो गया है वह स्वाभाविक रूप से भारत-रत्न भी हो ही गया क्योंकि 'भाजपा इज भारत' |

हमने कहा- अब तो कोई भी, किसी को भी, किसी भी सम्मान के लिए नामित कर सकता है |तो फिर भारत सरकार को एक पत्र लिख दे |इस नाटक की क्या ज़रूरत है ?

बोला- बन्धु, आजकल इस देश में, भारत-रत्न तो बहुत बड़ी बात है, नाक पोंछना, हाथ धोना और शौच जाना भी मीडिया की उपस्थिति में समारोह पूर्वक होता है |

हम तोताराम के साथ हो लिए |









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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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