Mar 5, 2018

बनना और बनाना



 बनना और बनाना 

हमने कहा- तोताराम, मोदी जी बड़े दिल वाले हैं |समझ ले कि उन्होंने तुम्हें क्षमा कर दिया | अब तू मोदी जी को कंजूस और निर्दय मानने के इस पापबोध से मुक्त हो जा |

वास्तव में मोदी जी का यह आस्था चेनल अब विस्तृत होता जा रहा है |हमें लगता है कि अब उन्हें रोज रेडियो और टी.वी. पर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी भक्तों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए |जिसे आस्था है उसे फायदा भी अवश्य होगा | आस्था के बल पर मीरा विष पीकर भी नहीं मरी तो ये नौकरी, बीमारी, परीक्षा का तनाव, लड़कियों घर से बाहर असुरक्षा की अनुभूति आदि तो नितांत मामूली बातें हैं |
वैसे हमने तो पूरा कार्यक्रम सुना नहीं |तूने सुना है तो बताऔर क्या कहा मोदी जी ने ?

बोला- मोदी जी ने भी कहा था कि जब आप कुछ बनना चाहते हैं और बन नहीं पाते तो तनाव में आ जाते हैं |हर समय आप उससे तुलना करते रहते हैं जिसके जैसा आप बनाना चाहते थे |इसलिए कुछ बनने का चक्कर छोड़कर कुछ करिए |जब आप कुछ करेंगे तो जितना करेंगे उतना संतुष्टि का भाव आएगा | और संतुष्टि का यह भाव आपको और अधिक करने की प्रेरणा देता रहेगा |तनाव का तो प्रश्न ही नहीं उठेगा |उन्होंने अपना उदाहरण दिया कि मैं तो संघ का एक सामान्य प्रचारक था |अपना काम करता रहा और जो होता गया, सो हो गया |

हमने कहा- तोताराम, ऐसी स्थिति दो प्रकार के लोगों की हो सकती है एक तो सर्व साधन संपन्न परिवार में जन्मा और दूसरा वह जिसके सामने अपना छोटा-मोटा कुछ भी काम है |न तो किसी बड़े सेठ की संतान को कोई समस्या नहीं है और न ही किसी कारीगर, छोटे व्यवसायी या किसान के सामने दुविधा नहीं है |ये दोनों तनाव मुक्त रहते हैं |एक वर्ग और भी है जो इन दोनों का बाप है, वह है स्वयंसेवक, प्रधान से लेकर सामान्य तक |इसके पास कोई काम नहीं होता |होता है तो बस, सेवा का जूनून होता है |जो भी सामने पड़ जाता है उसी की सेवा कर देता है |

इस श्रेणी के सभी तीनों बने बनाए होते हैं |इनका काम शेष बचे भले, डरपोक, पढ़े-लिखे और नौकरी पेशा लोगों को बनाना होता है |इस प्रकार समाज को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है एक बने बनाए लोग और एक वे जिन्हें ये लोग बनाते हैं |

बनाने के कई तरीके हो सकते हैं |स्कूल, कोचिंग, कैरियर, नौकरी, ट्रांसफर, लोन, बीमा, टेक्स, बचत, सुरक्षा, पर्यावरण, देश-समाज की सेवा, धर्म, आश्वासन, विश्वास, धैर्य, पुनर्जन्म, जाति, धर्म आदि सब के नाम पर इसी वर्ग को लूटा, सताया या बनाया जाता है | टेक्स भी यही वर्ग देता है |संस्कृति और सभ्यता को धोना भी इसका कर्तव्य  होता है | 

बोला- तेरे कहने का क्या मतलब है ? क्या तू यह कहना चाहता है कि मोदी जी हमें बना रहे हैं ? 

हमने कहा- बन्धु, यह तो हम अभी से नहीं कह सकते |इसके लिए तो २०३२ तक इंतज़ार करना पड़ेगा क्योंकि मोदी जी की योजनाएँ बहुत दूरदर्शी और दूरगामी होती हैं |वे आज-कल नहीं बल्कि अगले जन्म तक की सोचते हैं |सच्ची श्रद्धा के बिना न तो उन्हें समझा जा सकता है और न ही उनका अनुसरण किया जा सकता |  यदि २०३२ तक तू जिंदा रहा तो हिसाब लगाना कि कितना तुझे बनाया गया और कितना तू अपनी  योग्यता से बना |यदि मोदी जी ने पेंशन बंद नहीं की, पेंशन पर २८% जी.एस.टी. नहीं लगाया और पुराने नियमों को नहीं बदला तो नब्बे वर्ष का हो जाने के कारण डेढ़ गुना हो जाएगी |वैसे यदि सच्ची श्रद्धा से उनके आस्था चेनल को सुनता रहा तो यह नहीं तो अगला जन्म अवश्य सुधर जाएगा बशर्ते कि अगल जन्म हुआ तो |

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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