तोताराम ने मोदी जी का चेलेंज स्वीकारा
चार साल पहले अमरीका से एक चेलेंज चला था- आइस बकेट चेलेंज | इसमें चेलेंज स्वीकारने वाले को बर्फ के पानी से नहाना होता था |चेलेंज स्वीकार नहीं करो मतलब नहीं नहाओ तो कुछ राशि किसी सामाजिक काम के लिए दान देनी होती थी |खैर, इसे भारत में तो आना ही था |और जब बॉलीवुड में आगया तो चर्चा में भी आना ही था |अमिताभ,सलमान, शाहरुख, प्रियंका, सोनम आदि ने इसे नहीं स्वीकारा |चेलेंज का पैसा संबंधित संस्था को भेजा या नहीं, पता नहीं |इससे मिडिया को कोई मतलब नहीं |
हमारे देश में पहले भी चेलेंज दिया जाता था |इसे बीड़ा चबाना या बीड़ा उठाना कहते थे |जैसे सीता की खोज के लिए बीड़ा हनुमान जी ने उठाया-
दे बीरा रघुनाथ पठाए |
लंका जारि सिया सुधि लाए ||
अपराध जगत में इसे सुपारी देना कहते हैं |
तोताराम को किसी ने चेलेंज नहीं दिया लेकिन उसने दान देने से बचने के लिए आइस बकेट चेलेंज स्वीकार कर लिया और फलस्वरूप ठण्ड खाकर कई दिन बुखार में पड़ा रहा |
उस समय मोदी जी प्रधान मंत्री नहीं थे |
अब मोदी जी प्रधान मंत्री हैं तो उनकी चाय और सूट की तरह उनका चेलेंज भी चर्चा में आना ही था |
आज तोताराम ने आते ही घोषणा की- मास्टर, मैंने मोदी जी का चेलेंज स्वीकार कर लिया है |
हमें पूछा- तो आजकल तेरी मोदी जी से सीधी बात होने लग गई है |शायद तेरे कहने से ही १३ जून २०१८ को अपने जनवरी २०१६ वाले पे कमीशन पर फटाफट ऑर्डर हो गए |
बोला- तू पे कमीशन के लिए तरसाने को लेकर मोदी जी पर जो तंज कर रहा है उसे मैं समझता हूँ |यह चेलेंज मीडिया में चर्चित होने के लिए नहीं है |यह तो देश को स्वस्थ बनाने के लिए है |यह सबसे पहले राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कोहली को दिया |कोहली ने मोदी जी को दिया |फिर उसके ज़वाब में राहुल, कुमार स्वामी आदि ने तोड़-मरोड़ कर मोदी जी को दिया |लेकिन मैं तो मोदी जी के देश-हित-चिंतन, गतिशीलता और मल्टी टास्किंग से प्रभावित हूँ |कोहली के चेलेंज के उत्तर में मोदी ने अपना 'पंच तत्त्व योग' का वीडियो जारी किया |
हमने पूछा- तो क्या तू मोदी जी की तरह योग करेगा ?
बोला- मेरे पास वैसा हरा-भरा घास का मैदान कहाँ है ? वैसा 'क्षिति जल पावस गगन समीरा' जैसा वाकिंग ट्रेक थोड़े ही है , कमर मोड़ने के लिए विशेषरूप से निर्मित गोल पत्थर भी नहीं है और हाथ में झूलता वह राज-दंड जैसा डंडा भी नहीं है |और फिर इस फटे पायजामे में ...|
हमने पूछा- तो फिर कैसे ज़वाब देना है इस चेलेंज का ?
बोला- यहाँ से जयपुर रोड की तरफ चलेंगे |रास्ते में नाली बंद होने के कारण कीचड़ हो रहा है, एक मकान का काम भी चल रहा है, मोड़ पर सफाई कर्मचारी और चाय वाले कूड़ा भी जलाते हैं |कहीं कीचड़ से बचते, कहीं कीचड़ में गिरते, कहीं कूदकर जलते कूड़े को पार करते हुए, कहीं पत्थरों गिट्टियों पर चलते हुए ये सब कार्यक्रम हो जाएंगे |मैं पोते बंटी से यह स्मार्ट फोन भी लाया हूँ |तू वीडियो बना लेना |फिर किसी से, जहाँ कहीं डलवाना होगा, डलवा देंगे |और सातवें पे कमीशन के लिए मोदी जी को धन्यवाद-पत्र के साथ पोस्ट कर देंगे |
हमने कहा- कहीं तेरी फिटनेस को देखकर तेरा मेडिकल अलाउंस तो बंद नहीं कर देंगे ?
बोला- चेलेंज स्वीकार कर लिया तो कुछ तो करना पड़ेगा |
हमने कहा- यहाँ बरामदे में लेट जाना |हम तेरा वीडियो बना लेंगे और केप्शन दे देंगे -'तोताराम का पिछले १५ वर्षों से शवासन का विश्व रिकार्ड' | गिनीज बुक वालों से संपर्क किया जा रहा है |
बोला- तो फिर पहले चाय पी लेते हैं फिर शुरू करेंगे |
पोस्ट पसंद आई तो मित्र बनिए (क्लिक करें)
(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
चार साल पहले अमरीका से एक चेलेंज चला था- आइस बकेट चेलेंज | इसमें चेलेंज स्वीकारने वाले को बर्फ के पानी से नहाना होता था |चेलेंज स्वीकार नहीं करो मतलब नहीं नहाओ तो कुछ राशि किसी सामाजिक काम के लिए दान देनी होती थी |खैर, इसे भारत में तो आना ही था |और जब बॉलीवुड में आगया तो चर्चा में भी आना ही था |अमिताभ,सलमान, शाहरुख, प्रियंका, सोनम आदि ने इसे नहीं स्वीकारा |चेलेंज का पैसा संबंधित संस्था को भेजा या नहीं, पता नहीं |इससे मिडिया को कोई मतलब नहीं |
हमारे देश में पहले भी चेलेंज दिया जाता था |इसे बीड़ा चबाना या बीड़ा उठाना कहते थे |जैसे सीता की खोज के लिए बीड़ा हनुमान जी ने उठाया-
दे बीरा रघुनाथ पठाए |
लंका जारि सिया सुधि लाए ||
अपराध जगत में इसे सुपारी देना कहते हैं |
तोताराम को किसी ने चेलेंज नहीं दिया लेकिन उसने दान देने से बचने के लिए आइस बकेट चेलेंज स्वीकार कर लिया और फलस्वरूप ठण्ड खाकर कई दिन बुखार में पड़ा रहा |
उस समय मोदी जी प्रधान मंत्री नहीं थे |
अब मोदी जी प्रधान मंत्री हैं तो उनकी चाय और सूट की तरह उनका चेलेंज भी चर्चा में आना ही था |
आज तोताराम ने आते ही घोषणा की- मास्टर, मैंने मोदी जी का चेलेंज स्वीकार कर लिया है |
हमें पूछा- तो आजकल तेरी मोदी जी से सीधी बात होने लग गई है |शायद तेरे कहने से ही १३ जून २०१८ को अपने जनवरी २०१६ वाले पे कमीशन पर फटाफट ऑर्डर हो गए |
बोला- तू पे कमीशन के लिए तरसाने को लेकर मोदी जी पर जो तंज कर रहा है उसे मैं समझता हूँ |यह चेलेंज मीडिया में चर्चित होने के लिए नहीं है |यह तो देश को स्वस्थ बनाने के लिए है |यह सबसे पहले राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कोहली को दिया |कोहली ने मोदी जी को दिया |फिर उसके ज़वाब में राहुल, कुमार स्वामी आदि ने तोड़-मरोड़ कर मोदी जी को दिया |लेकिन मैं तो मोदी जी के देश-हित-चिंतन, गतिशीलता और मल्टी टास्किंग से प्रभावित हूँ |कोहली के चेलेंज के उत्तर में मोदी ने अपना 'पंच तत्त्व योग' का वीडियो जारी किया |
हमने पूछा- तो क्या तू मोदी जी की तरह योग करेगा ?
बोला- मेरे पास वैसा हरा-भरा घास का मैदान कहाँ है ? वैसा 'क्षिति जल पावस गगन समीरा' जैसा वाकिंग ट्रेक थोड़े ही है , कमर मोड़ने के लिए विशेषरूप से निर्मित गोल पत्थर भी नहीं है और हाथ में झूलता वह राज-दंड जैसा डंडा भी नहीं है |और फिर इस फटे पायजामे में ...|
हमने पूछा- तो फिर कैसे ज़वाब देना है इस चेलेंज का ?
बोला- यहाँ से जयपुर रोड की तरफ चलेंगे |रास्ते में नाली बंद होने के कारण कीचड़ हो रहा है, एक मकान का काम भी चल रहा है, मोड़ पर सफाई कर्मचारी और चाय वाले कूड़ा भी जलाते हैं |कहीं कीचड़ से बचते, कहीं कीचड़ में गिरते, कहीं कूदकर जलते कूड़े को पार करते हुए, कहीं पत्थरों गिट्टियों पर चलते हुए ये सब कार्यक्रम हो जाएंगे |मैं पोते बंटी से यह स्मार्ट फोन भी लाया हूँ |तू वीडियो बना लेना |फिर किसी से, जहाँ कहीं डलवाना होगा, डलवा देंगे |और सातवें पे कमीशन के लिए मोदी जी को धन्यवाद-पत्र के साथ पोस्ट कर देंगे |
हमने कहा- कहीं तेरी फिटनेस को देखकर तेरा मेडिकल अलाउंस तो बंद नहीं कर देंगे ?
बोला- चेलेंज स्वीकार कर लिया तो कुछ तो करना पड़ेगा |
हमने कहा- यहाँ बरामदे में लेट जाना |हम तेरा वीडियो बना लेंगे और केप्शन दे देंगे -'तोताराम का पिछले १५ वर्षों से शवासन का विश्व रिकार्ड' | गिनीज बुक वालों से संपर्क किया जा रहा है |
बोला- तो फिर पहले चाय पी लेते हैं फिर शुरू करेंगे |
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