नॉन स्टॉप सेवा
रात को नींद कुछ कम आई |अभी पत्नी चाय लाने वाली थी, तोताराम आया नहीं था |प्रायः ऐसा नहीं होता लेकिन पता नहीं, बरामदे की दीवार से टेक लगाए-लगाए कैसे एक झपकी लग गई |
तोताराम ने हमें झिंझोड़ा, बोला- हद है |यदि तेरी तरह देश के चौकीदार और सेवक सो जाएँ तो क्या हो ?
हमने कहा- हम सभी प्रधान मंत्रियों के बारे में तो नहीं जानते लेकिन जहाँ तक नेहरू जी और मोदी जी की बात है तो दोनों ही अधिक से अधिक चार घंटे सोने वाले हैं |नेहरू जी खुद को 'प्रथम सेवक' मानते थे तो उन्हीं की तर्ज़ पर मोदी जी खुद को 'प्रधान सेवक' कहते हैं |ये तो खुद को चौकीदार भी कहते हैं | देवेगौड़ा जी पता नहीं, रात को सोते थे या नहीं लेकिन मंच पर ही झपकी लेने का साहस कर सकते थे |लोग कुछ भी कहें, व्यक्तिगत रूप से हम इसे चिंतन का एक प्रकार मानते हैं |इसके बावज़ूद उनके प्रधानमंत्रित्त्व में न सीमा पार से घुसपैठ हुई और न ही कोई नीरव मोदी या माल्या भागे |
बोला- मोदी जी के एक और अद् भुत रिकार्ड का तो तब पता चला जब उन्होंने सिंगापुर दौरे के दौरान वहाँ के विद्यार्थियों को बताया कि मैनें पिछले १७ वर्ष में १५ मिनट की भी छुट्टी नहीं ली |
हमने कहा- बेचारे सिंगापुर के विद्यार्थियों ने राहत की साँस ली होगी कि चलो उन्हें ऐसे समर्पित शिक्षक नहीं मिले | सेवा, सेवा है लेकिन भाई साहब, सामने वाले को भी तो साँस लेने का अधिकार है या नहीं |
बोला- हद हो गई बन्धु, एक तो आदमी सेवा करे और ऊपर से तुम्हारे जैसे आलसियों से ऐसे कमेन्ट भी सुने | जिनको आराम करना हो वे सेवक जी के सोने के चार घंटों के दौरान आराम कर लें |
हमने कहा- तुझे पता नहीं, सेवा का जुनून बहुत बुरा होता है |हो सकता है वे सोने के चार घंटों के दौरान सपने में लोगों की सेवा करते हों |ऐसे में जिनकी सेवा की जाती है उन्हें भी सेवकों के सपने आने लगते हैं और वे चैन की नहीं सो पाते |तुझे उस जिन्न का तो पता ही है जिसने अलादीन के सामने शर्त रखी थी कि मैं तुम्हारा कहा हर काम करूँगा | यदि तुम काम बताने में असमर्थ रहे तो मैं तुम्हें मार डालूँगा |पता है, उससे परेशान होकर अलादीन ने बोतल में घुसकर ढक्कन लगा लिया तब कहीं जाकर पीछा छूटा था |हर चीज की एक सीमा होती है |अति सर्वत्र वर्जयेत |
बोला- देखो बन्धु, जिसने सेवा के लिए घर-बार छोड़ दिया |वह अब सेवा के अलावा और करे भी तो क्या ?घरबार हो तो आदमी बहुत से कामों में व्यस्त हो जाता है और सेवा करवाने वालों को थोड़ा साँस आ जाता है |
हमारे पूर्वज बहुत समझदार थे |उन्होंने सेवकों क्या, देवताओं तक के साल में चार महीने सोने का विधान कुछ सोच-समझकर ही किया था |
हमने कहा- लगता है तेरह साल की नॉन स्टॉप सेवा से थककर गुजरात के लोगों ने भगवान से प्रार्थना की होगी और उसी के फलस्वरूप भगवान ने उन्हें भारत का प्रधान मंत्री बना दिया |अब चार साल से सेवा करवाने का उत्तरदायित्त्व समस्त भारत पर आ पड़ा है |करवाएँ सेवा |
यदि किसी को ज्यादा परेशानी हो वे भगवान से प्रार्थना करें कि अब वे मोदी जी को चीन या अमरीका का राष्ट्रपति बना दें |
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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