Jun 23, 2018

मोदी जी से मुलाकात



 मोदी जी से मुलाकात 


 हमने दो साल पहले स्टेंट लगवाए थे |अब यह तो डाक्टर का राम जाने कि उसने क्या लगाया और क्या नहीं लेकिन हमारे खून-पसीने की पेंशन के डेढ़ लाख झटक लिए |हम तो सहमत नहीं थे लेकिन पत्नी को डाक्टरों ने डरा दिया और पोती पीछे पड़ गई | हम तो हानि,लाभ, जीवन, मरण सब ऊपर वाले के हाथ मानते हैं |लोग अमरीका में भी इलाज करवाते हुए मर जाते हैं |हार्ट की हालत का तो पता नहीं लेकिन चार हजार रुपए महीने का दवाओं का खर्चा ज़रूर बंध गया |

दो महीने बाद हम डाक्टर के पास गए और कहा- यदि कोई सस्ती दवा हो तो बताओ |हमें मोदी सरकार ५०० रुपया महिना मेडिकल अलाउंस देती है |हम इससे ज्यादा खर्च नहीं करेंगे |उसने कोई डेढ़ हजार रुपए महीने की दवाएं लिख दीं |इसके बाद हमने जेनरिक दवाओं के बारे में पता किया |पास के ही कस्बे फतेहपुर में कोई एक डाक्टर हैं जिन्होंने 'प्रधान मंत्री जन औषधि योजना' वाली दुकान खोली है |भले आदमी हैं, कूरियर से समय से भेज देते हैं | पाँच सौ रुपए महीने में काम चल जाता है |दवा कैसी होती हैं क्या पता | चाहे महँगी हो या सस्ती किसी को कुछ पता नहीं चलता |सब विश्वास और भगवान भरोसे चलता है |विश्वासः फल दायकं |

कल ६ जून को उनका फोन आया कि वे सीकर आ रहे हैं |प्रधान मंत्री जन औषधि योजना के लाभार्थियों से बात करेंगे |उन्होंने हमारा नाम भी लिखवा दिया था |समय दिया था सवेरे साढ़े आठ बजे का |आज तोताराम आया नहीं |हमने उसका इंतज़ार नहीं किया |ऑटो के चौदह  रुपए बचाने  के लिए मोर्निंग वाक के बहाने पैदल ही निकल लिए | कोई दस बजे मोदी जी स्क्रीन पर प्रकट हुए |कई राज्यों के कई लोगों से बात की |हालाँकि योजना पिछली सरकार की है लेकिन प्रचार अब हुआ है |लोगों ने आभार जताया और मोदी ने उन्हें अपना व्यक्तिगत आभारी बना लिया |और उनकी होने वाली बचत को भी मज़बूती से रेखांकित किया |

मोदी जी जन संपर्क के मामले में बहुत फ़ास्ट हैं |वीडियो और मोदी ऐप से होते हुए लोगों के दिमागों में घुस जाते हैं |ऊपर से 'मन की बात' अलग | दुनिया के नेताओं से शायद कुछ अन्तरंग बातें भी करनी होती होंगी इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग का तरीका ठीक नहीं रहता होगा | खैर, हमारे जिले के लाभार्थियों का नंबर नहीं आया |हम ऑटो पकड़कर कोई ग्यारह बजे घर पहुँचे तो देखा तोताराम बरामदे में जमा है |

बोला- आ गया मोदी जी से बातें करके ? हमें भी बता देता तो क्या हम तेरा कोई मंत्री पद का चांस छीन लेते ? 

हमने कहा- यह एक नितांत सामान्य बात है और मोदी जी का चुनावी लाभ के लिए किया गया आयोजन |हम तो डाक्टर के कहने से गए थे |

बोला- क्या-क्या बातें हुईं ?

हमने कहा- अपने जिले का तो नंबर ही नहीं आया |

बोला- अच्छा रहा वरना तू उत्साह में आकर जाने इस योजना से कितने का लाभ बता देता |और बात रिकार्ड पर आ जाती |

हमने पूछा-उससे क्या फर्क पड़ जाता ?

बोला- हो सकता है वे तेरी इस बचत पर इनकम टेक्स लगा देते या जी.एस.टी. वसूल लेते |अगर २०१९ में फिर जीत गए तो यह भी देख लेना |और हाँ, कुछ टी.ए. वगैरह दिया कि नहीं ?

हमने कहा- नहीं |

तो बोला- हो सकता है यह भी वैसे ही हो गया जैसे 'झुंझुनू में प्रधान मंत्री के 'बेटी बचाओ ' कार्यक्रम में कुछ अधिकारी गए नहीं लेकिन उनके लिए बुक किए गए वाहनों का ११ लाख का पेमेंट तो उठ ही गया |






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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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