2025-05-23 शिक्षा का स्वर्णकाल
आज तोताराम कुछ उदास था ।
हमने छेड़ा- क्या बात है ? जब सारा देश भारत की इस अभूतपूर्व विजय पर खुशी से पागल है । पाकिस्तान और आतंकवाद की कमर टूट चुकी है, चीन भी डरा-सहमा है कि कहीं मोदी जी और जयशंकर उसकी ओर भी वक्र दृष्टि डालकर कमर न तोड़ दें । जगह जगह तिरंगा-यात्राएं निकाली जा रही हैं । देश का अब तक का नेहरू, शास्त्री और इंदिरा के काल का धूल में मिल चुका स्वाभिमान फिर जाग्रत हो चुका है । देश को जोश और वीरता से लबालब करने के लिए मोदी जी ने जगह जगह अपने सैनिक वेश में होर्डिंग लगवा दिए हैं, यहाँ तक कि लोगों में वीर रस उँड़ेलने के लिए रेल टिकट तक पर भी अपना फ़ोटो छपवा दिया है तो ऐसे में तू क्यों रोनी सूरत बनाए हुए है । कहीं किसी देश भक्त ने आरोप दर्ज करवा दिया कि तोताराम मोदी जी की इस अभूतपूर्व विजय से खुश नहीं है तो भले ही विजय शाह का कुछ न बिगड़े लेकिन तुझे जरूर महामूदाबाद की तरह पुलिस पकड़ ले जाएगी ।
बोला- तो फिर मेरी उदासी का कारण मुझसे पूछे बिना ही क्यों ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी जी के राष्ट्र के नाम संदेश में मुख्य मुद्दे के अतिरिक्त सब कुछ बोले जा रहा है । मेरी उदासी का कोई और कारण भी तो हो सकता है ?
हमने कहा- भले ही अपने कुटिल और नीच बयान के लिए मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री विजय शाह को कोर्ट के आदेश के बावजूद पार्टी से नहीं निकाला गया हो और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बेवड़ा जैसे बयान के लिए कुछ नहीं कहा गया हो लेकिन हम तुझसे माफी माँगते हैं । अब तो अपनी उदासी का कारण बता ।
बोला- भाई साहब हमने 1960 में बारहवीं की परीक्षा देकर मूर्खता की । ज़िंदगी भर थर्ड डिवीजन का कलंक ढोते रहे । अगर आज करते तो कम से कम फर्स्ट डिवीजन तो जरूर ही आ जाती । आज ही शेखावटी भास्कर में छपा है कि राजस्थान बोर्ड की 2025 की बारहवीं की परीक्षा में 94.38% विद्यार्थियों को फर्स्ट डिवीजन मिली है ।
हमने कहा- काश, हमारे जमाने में ऐसी शिक्षा-प्रेमी डबल इंजन की सरकार होती और ऐसे अच्छे शिक्षक होते ! क्या करें वह तो नेहरू जी का पिछड़ा युग था । हमारे प्रिंसिपल सक्सेना जी आगरा यूनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट थे लेकिन सेकंड डिवीजन । अंग्रेजी वाले गुप्ता जी तो थर्ड डिवीजन एम ए थे । जब हमने बी ए किया था तब राजस्थान में केवल एक यूनिवर्सिटी हुआ करती थी और केवल दो को फर्स्ट डिवीजन मिली थी । 1952 में एक लड़का हाईस्कूल में फर्स्ट डिवीजन आया था तो उसका कॉलेज मैगजीन में फ़ोटो छपा था । बाद में वही इंटर में स्टेट टापर और बी कॉम में भी स्टेट टापर बना । और बिड़ला कंसर्न में लेखा विभाग में बहुत बड़े पद से रिटायर हुआ । लेकिन अब क्या करें ?
बोला- करें क्या, राजस्थान बोर्ड से साइंस में 12 वीं कर लेते हैं, फर्स्ट डिवीजन पक्की ।
हमने कहा- लेकिन अब हमारे वाला वह ज़माना नहीं रहा जब आठवीं पास को भी नौकरी मिल जाती थी । अब तो दस दस हजार में इंजीनीयर, एम बी ए, प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरार काम कर रहे हैं । बार बार पेपर लीक हो जाते हैं । युवक इसी चक्कर में ओवरेज हुए जा रहे हैं । सुना है आईआईटी मुंबई के सभी पासआउट तक को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है ।
बोला- तो फिर 1978 वाली एनटायर पॉलिटिकल साइंस वाली डिग्री कर लेेते हैं तो न सही प्रधान मंत्री कहीं छोटे मोटे एमएलए तो बन ही जाएंगे ।
हमने कहा- एमएलए के लिए भी अब बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं ।
बोला- तो फिर अपना वही आजमाया हुआ तरीका ही ठीक है मस्जिद के आगे डीजे बजाना, सुंदरकांड का पाठ करना, काँवड़ यात्रा निकालना और अब ऑपरेशन सिंदूर तिरंगा-यात्रा ।
हमने कहा- और कुछ नहीं तो कम से कम किसी मस्जिद पर भगवा झण्डा ही फहरा दे । सच्चा हिन्दू होने का कुछ तो फर्ज अदा कर ।
बोला- तो ठीक है । रमेश विधूड़ी वाले सारे विशेषण किसी पाकिस्तान की बहिन पर चिपका देता हूँ । न कोई एफआईआर, न मंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव और देशभक्ति का प्रमाण-पत्र ऊपर से । मौका लग गया तो किसी चुनाव में छोटा-मोटा टिकट भी ।
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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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