2025-12-07
तुम लोग मोदी जी को चैन से जीने दोगे या नहीं ?
आज तोताराम आया, बैठा, चाय आई, लेकिन आश्चर्य उसने चाय की तरफ देखा भी नहीं जैसे मोदी जी संसद में आते हैं लेकिन राहुल गाँधी जैसे नगण्य लोगों की तरफ उड़ती नजर से भी नहीं देखते ।
हमने कहा- महाशय, चाय आ चुकी है । ग्रहण करके हमें धन्य करें ।
बोला- मास्टर, जब तू ऐसी तत्सम प्रधान, राष्ट्रीयतायुक्त और संस्कृतनिष्ठ हिन्दी का प्रयोग करता है तो मुझे डर लगने लगता है कि जरूर कुछ न कुछ असामान्य होने वाला है । यह आम आदमी की दुख-सुख वाली बोली-भाषा नहीं है ।
हमने कहा- हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है और न ही हममें ऐसा कुछ करने की क्षमता है । जब किसी रात को आठ बजे कोई ‘भाइयो, बहनो’ बोलता है तो हमारा तो खुद का दिल जगह छोड़ देता है । फिर भी यह तो बता कि तू किस बात को लेकर इतना चिंतन या चिंताग्रस्त नजर आ रहा है ?
बोला- मेरी कोई व्यक्तिगत चिंता नहीं है लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुम लोग चाहते क्या हो ? मोदी जी को जीने दोगे या नहीं ?
हमने कहा- मोदी जी से हमारी क्या दुश्मनी है । जियें, हजार साल जियें । वैसे भी वे जिस काम के लिए इस भारत भूमि पर अवतरित हुए हैं वह तो करेंगे ही जैसे 1947 तक भारत को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाना, भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना, सभी पदों पर हिंदुओं के होते हुए भी असुरक्षित हिंदुओं को सुरक्षित करना आदि-आदि । जहाँ तक उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का प्रश्न है तो उनके पास जेड +++ सुरक्षा है, मशरूम, मखाना और मोरिंगा का पौष्टिक भोजन है, देश की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं हैं । फिर भी अगर कोई उनके जीवन और राष्ट्र सेवा में बाधा डाल रहा हो तो बता । निकालते हैं अपना वह पाँच फीट का दंड जिसको घूमता देखकर भगत सिंह, सुभाष और गाँधी की लाख कोशिशों के बावजूद टिके हुए अंग्रेज भाग खड़े हुए थे । और अगर रक्त की आवश्यकता हो तो बता । जगह-जगह भक्त लोग रक्त दान शिविर लगा रहे हैं । चलते हैं, अगर कुछ बचा हुआ होगा तो वह भी दे आएंगे ।
बोला- मास्टर, वास्तव में तेरे जैसा धुरंधर और निरंतर बोलने वाला व्यक्ति बिना किसी हथियार के बड़े से बड़े 56 इंची सीने वाले पहलवान को भी पस्त कर सकता है । मेरी बात इतना खींचे जाने लायक नहीं थी ।
हमने पूछा- तो फिर ?
बोला- फिर क्या ? मेरा तो यही कहना था कि मोदी जी का क्या है ? देश के लिए जी रहे हैं । सब तरह से देश के लिए समर्पित हैं । हर समय देश के लिए सोचते, सोते कम और जागते ज्यादा है फिर भी तेरे जैसे लोग हैं कि पीछे ही पड़े रहते हैं ।
तुझे पता है जब गाँधी जी ब्रिटेन गए थे तो उनकी वेश-भूषा को देखकर लोगों ने कितना मज़ाक उड़ाया था । नंगा फकीर तक कहा था ।अब देश की इज्जत के लिए जब मोदी जी ढंग के कपड़े लगे तो तुम लोगों ने ‘परिधान मंत्री’ कहकर मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया । और अब जब पुतिन के स्वागत समारोह में मितव्ययिता और देश की छवि के लिए कुछ किया तो भी तुम लोगों को चैन नहीं ।
हमने कहा- फिर भी तोताराम, ऐसी भी क्या मितव्ययिता कि जिस भोज में सैंकड़ों लोग आ रहे थे तो कम से राहुल और खड़गे को तो बुला लेते ।
बोला- मास्टर, लड़की की शादी और किसी बड़े विदेशी मेहमान के कार्यक्रम में कई बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है । तुझे पता है लड़की की शादी में कई ऐसे बाराती आ जाते हैं जो एक खास मिठाई के पीछे पड़ जाते हैं और बेटी वाले का जुलूस निकाल देते हैं । अब राहुल गाँधी जिम जाता है, जूड़ो कराटे करता है, जवान है पता नहीं किस मिठाई के पीछे पड़कर और क्या पूछकर मज़ा किरकिरा कर देता । वैसे मोदी जी ने पत्रकारों को कहा भी था कि मौसम का आनंद लीजिए । इस मौसम में राहुल टी शर्ट पहनकर आ जाता तो शो वैसे ही बिगड़ जाता जैसे फ्रांस के राष्ट्रपति के कार्यक्रम में केजरीवाल सस्ते सेंडिल पहनकर मोदी सरकार की छवि खराब करने पहुँच गया था ।
अब तुझे राहुल और खड़गे जी के खाने की ज्यादा ही फिक्र है तो शादियों की तरह उनका परोसा घर भिजवा देते हैं ।
हमने कहा-चल, खाने की बात छोड़ भी दें तो जब चाहे लाखों दीये जलाने का रिकार्ड बनाने वाली धर्मपरायण सरकारों वाले देश में पुतिन के लिए जो रेड कार्पेट बिछाया गया वह तो जगह जगह जोड़ लगा हुआ था । लगता है किसी सस्ते टेंट हाउस वाले को ठेका दिया गया था या हो सकता है इसमें भी किसी संस्कारी सेवक ने कुछ ज्यादा की कमीशन खा लिया हो ।
भले ही मोदी जी की तरह हम रुपए के पतन को मनमोहन सरकार के पतन से न जोड़ें फिर भी सोच अगर कोई उस कार्पेट पर चलते हुए उलझकर गिर पड़ता तो क्या होता ।दुनिया में हमारी कितनी भद्द पिटती ?
बोला- ऐसे दुनिया में भद्द पिटने से डरने लगे तो चला ली सरकार । लोगों का काम है कहना । बेशर्मी से ढीठ बनकर इग्नोर करना पड़ता है । अब दुनिया प्रति व्यक्ति आय, भ्रष्टाचार, शिक्षा चिकित्सा, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि के कुछ भी आँकड़े प्रचारित-प्रसारित करती रहे । हम विश्वगुरु हैं तो हैं ।
-रमेश जोशी
पोस्ट पसंद आई तो मित्र बनिए (क्लिक करें)
(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
No comments:
Post a Comment