2025-12-06 सेलेब्रेट सौभाग्या
आज तोताराम ने सुबह सुबह अधिकारपूर्वक हाँक लगाई- मास्टर, आ जा बरामदे में । फिर मत कहना ठंडी जलेबी में मज़ा नहीं आया । गरम गरम है चिरंजी हलवाई की देसी घी की ।
हमने कंबल ओढ़कर दरवाजा खोला और कहा- इतने जोर से चिल्लाकर सारे मोहल्ले को सुनाना चाहता है कि तू हमारे लिए जलेबी लाया है ।जबकि हमने तो कभी तुझे चाय पिलाते वीडियो बनाकर वायरल नहीं किया । तू तो ऐसे प्रदर्शन कर रहा है जैसे मोदी जी वादे के अनुसार 12 साल में 2 करोड़ के हिसाब से 24 करोड़ नौकरियों की जगह 50 लोगों को ऑनलाइन नियुक्ति-पत्र बाँटते हैं ।मीडिया ऐसे हल्ला मचाता है जैसे कि स्वतंत्र भारत में पहली बार मोदी जी की कृपा से इन 50 लोगों को सरकारी नौकरी मिल रही है । दूसरी बात, देसी घी की बात बकवास है । रामदेव का घी नकली सिद्ध हो गया है ।मगर पिछला अनुभव बताता है कि कार्यवाही नहीं होगी । तिरुपति का प्रसाद चर्बी मिले घी से बनता है तो तेरी जलेबी कहाँ से देसी घी की होगी ।
वैसे यह कौनसा ‘सौभाग्या सेलेब्रेट’ कर रहा है ?
बोला- यह भी कोई पूछने की बात है । पहले तो विदेशों में ही डंका ही बज रहा था अब तो यह विजय दुंदुभी तल-अतल-वितल-पाताल-रसातल से लेकर सातवें आसमान तक सब जगह गूँज रही है ।
हमने पूछा- आखिर हुआ क्या है ? क्या अपने कृष्णावातार मोदी जी को उडुपी में सिर पर रत्न जटित मुकुट और मोरपंख के बाद अब दो हाथ और निकाल आये हैं । उन चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म शोभित होने लगे हैं । साक्षात चतुर्भुज विष्णु हो गए हैं ?
बोला- वह भी हो जाएगा । जिस तरह से अलौकिकता बढ़ रही है, वह भी हो जाएगा । अभी तो ट्रम्प के महान नेता बताए जाने के बाद पुतिन ने कहा है कि मोदी भारत के लिए सौभाग्य हैं । सो बस, अपने इसी सौभाग्य को सेलेब्रेट कर रहा हूँ और उसी उपलक्ष्य में चिरंजी हलवाई की देसी घी की गरमागरम जलेबी लाया हूँ ।
हमने कहा- तेरी सूचना के लिए बता दें कि सौभाग्या तो हम भी सेलेब्रेट कर रहे हैं ।
बोला- यह हुई ना बात ! आज पहली बार कोई सकारात्मक बात की है तूने । मौका तो मोदी जी के प्रधानमंत्रित्व और भारत से सौभाग्य से अलग और क्या हो सकता है ?
हमने कहा- मुद्दा तो वैसे मोदी जी से ही जुड़ा है लेकिन कुछ दूसरी तरह से । आज हमने अनुभव किया है कि मोदी जी के कारण भारत लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है । कोई थोड़ी बहुत कसर बाकी रह गई है तो वह 2029 का चुनाव जीतने के बाद पूरी हो जाएगी । और 2047 तक तो रामराज्य और हिन्दू राष्ट्र के सपने के साथ साथ यह देश स्वर्ग और देवताओं के लिए भी ईर्ष्या का विषय बनने वाला है ही ।
बोला- और क्या ? ऐसे ही तो मोदी जी नहीं कहते कि ईश्वर ने उन्हें किसी विशेष काम से भेजा है । फिर भी मोदी जी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बना देने के विश्वास का क्या आधार है ? रोज तो और कुछ नहीं तो 18 महीने के डी ए के एरियर का रोना रोने के लिए बैठ जाया करता था ।
हमने कहा- 27 नवंबर को हमारी गली में बिना किसी शिकायत के जलदाय विभाग की ओर से कोई विकास कर गया । उसके परिणाम स्वरूप हमारा पानी बंद हो गया । राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल से लेकर पानी की सप्लाई खोलने वाले ठेकेदार के कर्मचारी तक सको फ़रियाद कर ली लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला । कल तक टंकी का पानी फिटकरी घुमा घुमाकर पीते रहे । अंत में किसी को खुद अपने स्तर पर ही बुलाकर ठीक करवाया और बिना मोदी जी कृपया आत्मनिर्भर का वास्तविक अर्थ समझ में आ गया ।
इसके लिए बता, मोदी जी के अतिरिक्त किसके आभारी हों, किसका धन्यवाद करें । बसों, ट्रेनों में लिखी सूचना का अर्थ भी आज मोदी जी के कारण समझ में आ गया है ।
इसी सत्य को हमारे मनीषियों ने इस प्रकार कहा है- आप मरे बिना स्वर्ग नहीं मिलता ।
बोला- तेरी इस चकल्लस में मेरी जलेबियाँ भी ठंडी हो गईं । चलता हूँ । जाते जाते तेरी ही ग़ज़ल का एक शे’र सुना देता हूँ, विचार करते रहना-
मर कर भी ना मिले स्वर्ग तो
फिर बोलो क्या करें, भगत जी ।
-रमेश जोशी
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