Mar 14, 2016

अब आगे की सोचिए

 अब आगे की सोचिए

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डबल श्री जी
नमस्कार |हालाँकि जब आप स्कूल में जाने लगे थे तब हम अध्यापक बन गए थे लेकिन शक्ति के मामले में यह फार्मूला नहीं चलता |धनुष यज्ञ के समय जब सीता की माता सुनयना राम की लघु वयस को देखकर उनके धनुष तोड़ सकने पर शंका करती हैं तो उनकी एक सखी कहती- हे रानी, तेजवंत को कभी छोटा न समझें |छोटा- सा अंकुश बड़े हाथी को वश में कर लेता है, छोटा-सा मन्त्र बड़े-बड़े कार्य सिद्ध कर देता है, उदय से समय छोटा लगने वाला सूर्य-मंडल सारे जग का अँधियारा दूर कर देता है, दिखाई न देने वाला कामदेव सारे संसार को अपने वश में कर लेता है और देखिए कहाँ विशाल समुद्र और कहाँ कुम्भज ऋषि लेकिन पी गए कि नहीं ?

सो जब आपके आयोजन की तैयारियाँ लगभग पूर्ण होने वाली थी तभी ये यमुना बचाने वाले पता कहाँ से प्रकट हो गए ? कहीं ऐसा तो नहीं कि आपने इन्हें फ्री पास नहीं भिजवाए हों ? क्या इन्हें इतने दिन दिखाई नहीं दे रहा था कि घमासान मचा हुआ है |अंत समय में कोई ऐसे बड़े कार्यक्रम बंद होते हैं | विभिन्न प्राधिकरणों ने आप पर विकास-शुल्क या जुर्माना पता नहीं क्या लगाया लेकिन आपने साफ कह दिया कि जुर्माना नहीं देंगे |यह भी कोई बात हुई कि एक तो इतना बड़ा कार्यक्रम करवाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज करवाओ, देश का मान बढ़ाओ और ऊपर से जुर्माना और दो |

एक गाने वाला आया था यान्नी |उसने आगरा में यमुना के किनारे गाने का कार्यक्रम किया , पैसा कमाया और हो गया छू मंतर |आप तो फिर भी स्वदेशी हैं |आपका विरोध देश का विरोध है, संस्कृति का विरोध है, भारत की छवि का विरोध है |जुर्माना बिलकुल नहीं दीजिएगा |वैसे आपने कह भी दिया है कि भले ही जेल जाना पड़े लेकिन जुर्माना नहीं दूँगा | वैसे जेल में जाने पर भी आपको कोई कष्ट तो होने वाला नहीं है |बड़े-बड़े अपराधी जेलों में मुज़रा करवाते हैं, वहीं से अपना धन्धा चलते हैं |हम जानते हैं कि आपको कोई जेल में नहीं डालेगा |आपने कौनसा माल्या की तरह बैंकों का पैसा खाया है ? आपने तो एक प्रकार से इस कार्यक्रम से देश की अर्थव्यवस्था को गति ही प्रदान की है |लाखों लोग बाहर से आए तो यहाँ क्या अरबों खर्च नहीं किए होंगे ? जितना जुर्माना आप पर लगाया गया है उतना तो सुलभ शौचालय के रेट के हिसाब से इतने लोगों के मल-मूत्र त्याग से देश को मिल गया होगा | और फिर विदेशी मल-मूत्र से कितनी बढ़िया जैविक खाद बनेगी जिससे देश का कृषि उत्पादन बढ़ेगा |

यमुना का क्या है ? यमुना रह ही कहाँ गई है ? जैसे अपने बंगलुरु में सारी झीलों को बिल्डर खा गए वैसे ही यमुना ही क्या, सभी नदियों का देर सवेर यही हाल होने वाला है |और फिर इतिहास उठाकर देखिए भूतकाल में यमुना के किनारे कौन से दुष्कर्म नहीं हुए ? कंस ने यमुना के किनारे ही अपने भांजों को मारा, शांतनु के सात पुत्रों को यमुना में डुबाया गया, द्रौपदी का चीर हरण भी यमुना के किनारे ही हुआ, महात्मा गाँधी और इंदिरा को भी गोली यमुना के किनारे ही मारी गई |दिल्ली का कचरा, अपशिष्ट क्या न्यूयार्क में ले जाकर डाला जाता है ? अब आपने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम करवा लिया तो क्या अन्याय हो गया ? आप चिंता न करें |ये हुड़दंगिए अब और कहीं चले जाएँगे | इस देश में बड़ी से बड़ी बात दो दिन में ठंडी पड़ जाती है |

अब देखिए ना, इस कार्यक्रम के बाद आपको आस्ट्रेलिया, मेक्सिको आदि देशों से ऐसे ही कार्यक्रम अपने वहाँ आयोजित करने के निमंत्रण मिले हैं | मिली कि नहीं आपके कार्यक्रम से भारत की अर्थव्यवस्था को गति ? अब विदेशों में जगह कार्यक्रम होंगे और देश के लाखों गायकों, वादकों, नर्तकों को आजीविका मिलेगी | हमारा तो मानना है कि आप टेंट लगाने वाले भी यहीं से ले जाइएगा |

आपकी विनम्रता से हम बहुत प्रभावित हैं |लल्लू पंजू संत भी अपने नाम के आगे श्री-श्री एक सौ आठ और एक हजार एक सौ आठ लगते हैं लेकिन आपने मात्र दो श्री से ही संतोष कर लिया |वैसे हमारा नाम रमेश है और हमारी पत्नी का नाम रमा |इस प्रकार देखें तो हमारे कब्ज़े में भी दो श्री तो हैं ही |लेकिन मज़े की बात देखिए कि वोटर लिस्ट में हमारा नाम मात्र रमेश पुत्र बजरंग लिखा और बड़ी बेशर्मी से पुकारा जाता है |क्या आपका या मोदी जी नाम भी वोटर लिस्ट में इसी तरह लिखा और पुकारा जाता है ? नहीं |जब कि उम्र में हम आप दोनों से बड़े हैं लेकिन उम्र से क्या होता है ?कहावत भी है-
 माया तेरे तीन नाम
परसा,परसी, परशुराम |

हाँ, तो हम विदेशों में आपके कार्यक्रम की बात कर रहे थे |क्या आप हमें अपने साथ नहीं ले जा सकते ? आपके नाम तो खैर, बहुत से गिनीज़ बुक के रिकार्ड होंगे लेकिन हमारे नाम भी एक रिकार्ड है- हम पिछले चोहत्तर वर्षों से एक टाँग पर नाच रहे हैं और किसी भी देश सेवक ने आकर हाल तक नहीं पूछा |

अब इस उम्र में इतनी ताकत नहीं रही और फिर बुढ़ापा भी तो अपने आप में एक बीमारी है |लगता नहीं और अधिक नाच सकेंगे |सुना है, आप एक रोग प्रतिरोधी दवा भी बनाते हैं जिसकी पाँच मिलीलीटर की एक शीशी की कीमत दो सौ रुपए है |वैसे इसमें पड़ने वाली जड़ी बूटियाँ तो इतनी महँगी नहीं लेकिन चूँकि बनाने की विधि नहीं बताई इसलिए अब आप पर ही निर्भर रहना पड़ेगा जो भी कीमत हो |

सो यदि आप हमें अपने किसी कार्यक्रम में विदेश ले जाते हैं तो हम आधा विदेशी मुद्रा में और आधे के बदले लागत कीमत पर वह रोगप्रतिरोधक दवा लेंगे  |

उत्तर की प्रतीक्षा में |








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