Nov 9, 2016

लोक के कल्याण क मार्ग

 
लोक के कल्याण का मार्ग

आज तोताराम ने आते ही हमारे सामने एक लम्बा-सा कागज़ रख दिया और कहा- कर से साइन |

हमने कहा-पहले पढेंगे |जमाना ख़राब, क्या पता कौन किस कागज पर साइन करा ले |अपने सीकर के पास के एक गाँव में तो भाई लोगों ने एक मृत व्यक्ति का अँगूठा लगवाकर उसकी ज़मीन ही हड़प ली |

बोला- तेरी मर्ज़ी, मत कर साइन |पड़ा रह घोड़ों की लीद की बदबू में |

हमने कहा-हमारे साइन का बदबू से क्या संबंध ?

बोला- मैं तो अपने सीकर के तबेला-बाज़ार का नाम बदलवाने के लिए एक मूवमेंट चलाना चाहता हूँ | अच्छा-भला साड़ी-बाज़ार है और नाम है तबेला-बाज़ार |अरे, जब था तब था राजा साहब के घोड़ों का तबेला |ऐसा भी क्या परंपरा-प्रेम |मोदी जी को देखो | आते ही बदल दिया ना, रेसकोर्स का नाम |

हमने कहा- लेकिन इससे क्या फर्क पड़ेगा ? अब भी आप गूगल पर देखेंगे तो पता चलेगा लोक कल्याण मार्ग वही सड़क है जिसे पहले रेस कोर्स रोड़ कहते थे |हमारे गाँव में वैश्यों का एक परिवार है जिनके किसी पूर्वज ने कभी जलेबी चुरा ली थी तो गाँव के लोगों ने उन्हें 'जलेबी चोर' कहना शुरू कर दिया |बहुत वर्षों तक किसी ने कुछ बुरा नहीं माना लेकिन बाद में उनके आधुनिक वंशजों ने कानूनी रूप से अपना सरनेम बदल लिया और 'गुप्ता' बन गए |मज़े की बात यह कि बहुत वर्षों तक जब शुरू-शुरू में लोग बता नहीं पाते तो पूछने वाले को कहना पड़ता- अरे, भई मेरा मतलब 'जलेबी चोरों' से है |श्रद्धानन्द मार्ग को अब भी लोग बदनाम जी.बी रोड़ के नाम से ही जानते हैं |

बोला- इससे एक अपशकुन तो बदल जाएगा कि जब से ७ रेस कोर्स रोड़ को सरकारी अधिसूचना के द्वारा प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास बनाया गया है तब से मनमोहन सिंह जी को छोड़कर प्रधान मंत्रियों की आवाजाही ही लगी रही घुड़दौड़ की तरह  |इस अपशकुन को मिटाने के लिए भी ज़रूरी था नाम बदलना |वैसे मोदी जी भागदौड़ तो बहुत कर रहे हैं लेकिन घोड़े की तरह नहीं कि कोई उस पर जीन कसकर, चाबुक मारकर  दौड़ाए |

हमने कहा- वैसे धीरू भाई अम्बानी ने तो एक बार मोदी जी को लम्बी रेस का घोड़ा कहा था |

बोला- अब तेरी अंग्रेजी का मैं क्या करूँ |अरे, लम्बी रेस के घोड़े का मतलब होता है लम्बे समय तक विकास की दौड़ में डटा रहने वाला |

हमने कहा- देख लेना, भले ही अडवाणी जी को सत्तर साल के नाम पर निदेशक बनाकर चबूतरे पर बैठा दिया हो लेकिन खुद सौ साल की उम्र तक देश का कल्याण करते रहेंगे | कल्याण इस तरह का निर्गुण और अपरिभाषेय शब्द है जिसका दूसरा सिरा किसी को पता नहीं |यह  कभी ख़त्म न होने वाले काम है तभी तो मोदी जी ने अपने निवास-स्थान का नाम लोक कल्याण मार्ग रखवाया है |और जब तक कल्याण का काम नहीं हो जाता उन्हें जनता की बेहद माँग पर यहाँ बने रहना ही पड़ेगा |

  

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