Dec 30, 2016

श्री श्री जगदगुरु परमहंस स्वामी कैशलेसानंद महाराज

 श्री श्री जगदगुरु परमहंस स्वामी कैशलेसानंद महाराज

हमें तो अपने चारों ओर वे ही और वैसे ही लोग दिखाई देते हैं जो आज से सत्तर वर्ष पहले दिखाई दिया करते थे |आज भी मशीनों से अधिक मानव पर विश्वास करनेवाले लोग | सुना है जापान में एक रोबोट ने एक श्रमिक को दबोच लिया |लोगों ने स्विच बंद करके उसे छुड़ाया लेकिन तब तक वह मर चुका था |आदमी हो तो दया की संभावना भी रहती है लेकिन मशीन का क्या | न कोई संवेदना और न ही किसी दंड का भय |

पहले जहाँ आदमी हाट-बाज़ार में जाता था तो घूमने के साथ-साथ चार लोगों से संपर्क भी होता था |दुनिया जहान की चार बातें भी सुनने समझने को  मिलती थीं लेकिन आजकल तो ऐसी-ऐसी दुकाने खुल गई हैं जिनमें सामान उठाओ, मशीन से बिल बन जाएगा और आपके कार्ड से भुगतान हो जाएगा |सामान लो और जाओ |यदि आपने पैसे नहीं चुकाए तो ऐसी व्यवस्था भी है कि आप बाहर नहीं निकल सकेंगे और यदि ज्यादा चालाकी लगाई तो अलार्म बज जाएगा |आपकी हर गतिविधि सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो ही रही हैं |मतलब कि आदमी या आदमी के बच्चे का आदमी से कोई संपर्क नहीं |ऐसे में क्या ख़ाक शोपिंग हुई ?

लेकिन आज यही फैशन चल पड़ा और हमारा देश तो हर फैशन में सबसे आगे रहता है |भले ही खाने को दाने नहीं लेकिन विकास के नाम भाड़ के आसपास ज़रूर चक्कर लगाएँगे और मौका लगा तो भुनवाने का बिल भी पास करवा लेंगे |इसके लिए कहा गया है कि घोड़े को देखकर मेंढ़की ने कहा मुझे भी नाल लगवानी है |हमारा राम-राम करके महिना निकलता है |कहीं से कोई उधार मिलने की उम्मीद नहीं |ब्लेक या बेनामी कुछ होने का तो सवाल ही नहीं |रिश्वत का तो जब नौकरी में थे तभी कोई स्कोप नहीं था |किसे शब्द की वर्तनी अशुद्ध होने से फर्क पड़ने वाला था या दोहे-चौपाई की मात्राएँ कम ज्यादा होने से किसे नुकसान होना था |सो रिश्वत की बात तो दूर, लोग फ्री में भी जानना-सुनना नहीं चाहते थे |लेकिन अब सुना है स्मार्ट फोन लेना पड़ेगा, बिना नकदी का डिजिटल कैशलेस लेन-देन करना पड़ेगा | और हमारी हालत यह है कि महामहिम प्रणव दा की तरह एस.एम.एस. करना, किसी का नंबर सेव करना, किसी के आए हुए फोन का नंबर फिर से निकालना और रस भरी  बातों का निमंत्रण देने वाले अनचाहे मेसेज या कॉल आने तक को रोक सकना नहीं जानते | सो अब कैशलेस और डिजिटल होने में डर लगता है |गलत बटन दब  गया तो कहीं महिने की पेंशन से हाथ न धो बैठें |

यदि यह सब नहीं किया तो मोदी जी पता नहीं आतंकवादियों, भ्रष्टाचारियों, रिश्वतखोरों, कालाबाजारियों, नशीली दवाओं का व्यापार करने वाला और मानव तस्करी करने वाला बताकर जेल में न डाल दें |बंदा कड़क है |कहता है किसी को छोडूँगा नहीं |अब इस  'पोल्यूशन अंडर कंट्रोल' की तरह बात-बात में  'देशद्रोह अंडर कंट्रोल'  की जाँच में पता नहीं कहाँ फँसा दिए जाएँगे | मन में बड़ी घबराहट है |हम कोई गलत धंधा तो कर नहीं रहे कि नैतिक-अनैतिक पुलिस से हमारी जान-पहचान हो और वे कुछ ले-देकर निबट लें |एक्स्ट्रा कमाई नहीं तो एक्स्ट्रा खर्चा कहाँ से करें |

चिंतित थे कि तोताराम प्रकट हुआ |गले में एक लाकेट, माथे पर तिलक, कलाई में मोटा सा कलावा, भगवा कुर्ता और हल्की-हल्की दाढ़ी |बिलकुल शुद्ध भारतीय और देशभक्त |जैसे ही हमने समस्या उसके सामने रखी तो बोला- कोई बात नहीं |आज मेरे साथ चलना |श्री श्री जगदगुरु परमहंस स्वामी कैशलेसानंद महाराज आए हुए हैं |आजकल सब जगह कैशलेस हो रहा है और लोगों को इसे लेकर कई तरह की शंकाएँ और समयाएँ हैं | इसलिए उनके भक्तों ने समस्या-समाधान शिविर लगाया है |अभी तो फ्री एंट्री है |बाद में चल गया तो हो सकता है प्रवेश शुल्क लगना भी शुरू हो जाए |

वे उस शिविर में कैशलेस से घबराने वाले लोगों को विशेष प्रकार के प्राणायाम और आसन करवाएँगे, साइबर हैकिंगरोधी कवच, लाकेटआदि  'ऑफर प्राइस' में बाँटेंगे | एक साइबर यंत्र भी है जिसे अपने आधार कार्ड के साथ चिपकाने से बैंक खाते का पासवर्ड हैक नहीं होगा |जन्म राशि के अनुसार विभिन्न प्रकार से अभिमंत्रित राशि-रत्नों जड़ी अँगूठियाँ भी शिविर में रियायती मूल्यों पर उपलब्ध हैं | कैशलेसेश्वर महादेव और कैशलेसेश्वर हनुमान चालीसा भी हैं जिनका रोज रात को पाठ करने से भी कैशलेसी के कष्टों का निवारण होता है |यह सामग्री खरीदने पर एक पुस्तक भी मुफ्त उपलब्ध है- 'वैदिक काल में कैशलेस व्यवस्था' और 'कैशलेस और सोने की चिड़िया'  |  और भी बहुत कुछ है |

अगले दिन हम तोताराम के साथ शिविर में गए | शिविर में दो द्वार थे एक प्रवेश द्वार और दूसरा  निकास द्वार  | शिविर में आसन, प्राणायाम के बाद हमें लॉकेट आदि सभी सामग्री खरीदने के कारण  'साइबर यंत्र'  मुफ्त में मिला जिसे उन्होंने खुद ही हमारे आधार कार्ड पर चिपका दिया |शिविर समाप्ति के बाद जैसे ही निकास-द्वार से बाहर निकलने लगे तो गेट पर खड़े स्वयंसेवकों के कहा- कैशलेसेश्वर महादेव और केशलेसेश्वर हनुमान मंदिर के निर्माण के लिए सौ-सौ रूपए की रसीद भी कटवा लें और अपने नाम का 'देश भक्ति का प्रमाण पत्र' भी ले जाएँ जो किसी भी आर्थिक आपराधिक गतिविधि में फँसने पर काम आएगा |

मरता क्या न करता |डरता हर-हर करता |

हो सकता है यह हमें कैशलेसी के आर्थिक कष्टों से बचाए या नहीं लेकिन शायद कई प्रकार के सांस्कृतिक पुलिसियों से बचा ले |

अगले दिन जब बैंक में 'जीवन-प्रमाण-पत्र' देने और पासबुक पूरी करवाने के लिए गए तो पता चला कि हमारे खाते में से बीस हजार रुपए गायब हैं | देश को काले धन, आतंकवाद, नशीली दवाओं के व्यापार, भ्रष्टाचार, मानव तस्करी, घूसखोरी आदि जैसी बुराइयों से बचाने के लिए इतनी कीमत कोई बड़ी तो नहीं है |इसके बाद तो आगे अच्छे ही अच्छे दिन हैं |








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