छलाँग : ऊँची या लम्बी
आज तोताराम ने आते ही एक बहुत उत्साहवर्द्धक प्रश्न किया | प्रश्न के प्रकार से व्यक्ति के एनर्जी लेवल का पता चलता है | इस उम्र में प्रायः आदमी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हो जाता है |इसीलिए बुज़ुर्ग सेलेब्रेटीज़ को भी अधिक उम्र होने पर जावेद अख्तर की तरह डाक्टर ओर्थो के विज्ञापन ही मिलते हैं |अमिताभ बच्चन की बात और है कि वे अब भी अनारदाना की गोली खाकर आँख मार लेते है लेकिन उसके बाद टेंशन दूर करने वाले तेल की ज़रूरत पड़ जाती है |कुछ युवाओं को भी बीमारियाँ हो जाती हैं जैसे राजू श्रीवास्तव को कब्ज़ |
तोताराम का प्रश्न था- छलाँग कौन सी मुश्किल होती है ?
हमने कहा- अब तुझे छलाँग से क्या करना है ? हमारा कहा माने तो अब सीढ़ियाँ भी ध्यान से उतराकर |इस उम्र में तो यदि सावधानी न रखी जाय तो खाट से गिर कर भी आदमी कूल्हे ही हड्डी तुड़वा बैठता है |
बोला- तेरे जैसे लोगों ने ही इस देश का मनोबल तोड़कर रख दिया |अरे, कभी तो मर्दों वाली बात किया कर |कभी तो सकारात्मक सोचा कर |मैं अपनी नहीं भारत की 'ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस' की रेंकिंग के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मूल्याङ्कन की बात कर रहा हूँ | जब से मोदी जी आए हैं भारत 'ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस' में १४२ से ७७ वें पायदान पर पहुँच गया है |मैं तो तुझे वैसे ही पूछ रहा था कि इस छलाँग को ऊँची छलाँग कहेंगे या लम्बी छलाँग |
हमने कहा- यह तो अपनी-अपनी सहनशक्ति की बात है कि आप ऊँची छलाँग बर्दाश्त कर सकते हैं या लम्बी |
बोला- क्या मतलब ?
हमने कहा- छलाँग ज्यादा ऊँची हो और फर्श पक्का हो तो चोट ज्यादा लगती है |नीचे गिरने पर लगने वाली चोट लम्बी छलाँग में कम लगती है |एड़ी या घुटने छिलने में ही पीछ छूट जाता है |
बोला- गिरेंगे क्यों ? हम विकासवादी हैं |और विकास के मामले में स्काई इज द लिमिट |अगले पाँच साल में तो नंबर वन से भी ऊपर पहुँच जाएँगे |
हमने कहा- बिजनेस करने के मामले में तुमने ही कोई विशेष उन्नति की है क्या ? इससे पहले भी लोग आते रहे हैं और पचास पैसे का कार्बोनेटेड पानी दस रुपए में बेचकर आसानी से बिजनेस करते रहे हैं |आज भी ६०० करोड़ का विमान लोग मजे से १५०० करोड़ में बेच जाते हैं |इससे ज्यादा ईज क्या होगी ?
बोला- ऐसी बात नहीं है |मैं तो मोदी जी की नई क्रन्तिकारी योजना के बारे में बता रहा था कि जिसमें ५९ मिनट में एक करोड़ का ऋण मिल जाएगा |
हमने कहा- अच्छा लगता है | मिनटों में कम हो जाएगा |एक घंटा कहते तो ज्यादा लगता |यह वैसे ही है जैसे किसी चीज की कीमत एक सौ रुपए न बताकर ९९ रुपए ५० पैसे बताई जाए | हमने तो एक बार बेटी की पढ़ाई के लिए बैंक के कई चक्कर लगाए लेकिन बात नहीं बनी |चलो अच्छा है, किसी का तो भला होगा |हमें तो बेचारे नीरव मोदी पर तरस आता है कि यदि यह योजना पहले आ गई होती तो उसे ११ हजार करोड़ का लोन लेने में सात वर्ष नहीं लगाने पड़ते |प्रति ५९ मिनट में एक करोड़ के हिसाब से डेढ़ साल में ही ११ हजार करोड़ का ऋण ले लेता |
बोला- कोई बात नहीं, नीरव मोदी न सही, कोई कोलाहल मोदी फायदा उठाएगा |
(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach
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