Feb 24, 2020

2020-02-24 मेलानिया स्कूल में क्या करेंगी



मेलानिया स्कूल में क्या करेंगी 


हमने पूछा- तोताराम, ये मेलानिया ट्रंप स्कूल में क्या करेंगी ?

बोला-  वही करेंगी जो स्कूलों में मुख्य अतिथि बनकर आने वाले अधिकारी की पत्नी करती है- पुरस्कर वितरण | इनसे पहले ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा भी तो दिल्ली के एक स्कूल में गई थीं |मोदी जी और ट्रंप की गूढ़ गहन बातों से मेलानिया को क्या मतलब ? मोदी जी की पत्नी होती तो शायद उसके साथ कोई गुजराती रेसिपी शेयर कर लेतीं लेकिन वह तो संभव नहीं |इसलिए समय बिताने के लिए कुछ कार्यक्रम तो होना चाहिए कि नहीं ?भारत में स्कूल तुलनात्मक रूप से सुरक्षित जगह होती है, अमरीका की बात और है |

हमने पूछा- वे स्कूल में क्या करेंगी-देखेंगी ?

बोला- वे दिल्ली के सरकारी स्कूलों की 'हैप्पीनेस क्लास' देखना चाहती हैं ?

हमने कहा-वास्तव में हैप्पीनेस इस दुनिया में दुर्लभ हो चुकी है जिसे देखने के लिए ट्रंप की पत्नी चलकर दिल्ली आ रही है |इससे यह तो सिद्ध हुआ कि केजरीवाल के शासन में अभी बच्चों और वह भी सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए हैप्पीनेस की कुछ गुंजाइश बची हुई है |यदि हैप्पी नहीं हैं तो भी बच्चों को उनके सामने हैप्पी होकर दिखाना पड़ेगा जैसे कि दीवार बनाकर अहमदाबाद को झुग्गी विहीन दिखाया जा रहा है |

बोला- इसमें क्या बुराई है ? सभी ऐसा ही करते हैं |कौन अपनी फटी बनियान और गँधाते मौजे मेहमान के सामने बरामदे में सुखाएगा ? ट्रंप को क्या पता नहीं, जब लोसएंजिलस में ओलम्पिक हुए थे तो फ्लाई ओवरों के नीचे सोने वाले और भिखारियों को ट्रकों में भरकर दूर छोड़ दिया गया था जिससे कि अमरीका की गरीबी छुपी रहे | अमरीका में भी करोड़ों घरहीन और बेकार हैं |

हमने फिर पूछा- लेकिन मेलानिया जब दिल्ली के स्कूल में  जा रही हैं तो दिल्ली के  मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को वहाँ क्यों नहीं बुलाया गया ?

बोला- इसमें क्या है ? गुजरात के एक कार्यक्रम में वहाँ के मुख्यमंत्री को भी तो नहीं बुलाया |

हमने कहा- लेकिन योगी जी तो ताज-दर्शन के समय ट्रंप के साथ उपस्थित होंगे |

बोला- लेकिन केजरीवाल के साथ एक समस्या है |वह आतंकवादी है और तुझे पता होना चाहिए कि अमरीका को आतंकवाद से सख्त नफ़रत है |क्या पता, बच्चे  केजरीवाल और सिसोदिया को देखकर घबरा जाएं |ऐसे में पता नहीं, किसी और का कुछ बिगड़ेगा या नहीं लेकिन मोदी जी की चमत्कारी छवि को तो धक्का लग सकता है ना |

हमने कहा- लेकिन केजरीवाल न तो मुसलमान है और न ही उसके दाढ़ी है फिर वह आतंकवादी कैसे हुआ ? क्या हनुमान का भक्त आतंकवादी होता है ? वह बेचारा तो खुद ही राजनीति के आतंकवादियों से अपनी रक्षा के लिए हनुमान चालीसा जपता रहा है |

बोला- है केजरीवाल आतंकवादी क्योंकि प्रवेश वर्मा और प्रकाश जावडेकर ने क्या बिना किसी प्रमाण के ही कह दिया ? जिससे दिल्ली की केंद्र में सत्ता पर काबिज़ पार्टी आतंकित हो उसके आतंकवादी होने में क्या शक है |

हमने कहा- फिर भी केजरीवाल को बुलाना तो चाहिए क्योंकि मेलानिया ने तो अब तक ओसामा जैसे दढ़ियल आतंकवादी का फोटो ही देखा होगा |अब उन्हें एक ऐसा आतंकवादी भी देखना चाहिए जो पढ़ा-लिखा, विनम्र, हनुमान भक्त, जनता का दुलारा है फिर भले ही उससे राजनीति के चाणक्य ही क्यों न आतंकित हों |

बोला- वैसे यदि कोई सच्चा देशभक्त और अनुशासित स्कूल ही दिखाना हो तो क्यों न किसी 'आदर्श विद्यालय' में ले जाएं लेकिन वहाँ दो समस्याएँ हैं |एक- सरकारी स्कूलों के मास्टरों के वेतन के आधे से भी कम पर काम करने वाले अध्यापकों के चेहरों पर कहाँ से हैप्पीनेस मिलेगी |दूसरे कहीं बच्चे भारत के पुरातन विज्ञान के अनुसार कुछ बताने लगे तो बड़ी भद्द पिट जाएगी | 

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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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