May 27, 2022

व्हाइट हाउस के नीचे राम मंदिर


व्हाइट हाउस के नीचे राम मंदिर   


तोताराम ने चाय का गिलास उठाते हुए कहा- बाद में झिकझिक मत करना.

हमने कहा- तू कौनसे चाय के पैसे देता है जिसे लेकर झिकझिक करेंगे. घंटे आध घंटे परनिंदा करनी है, चाय पर चर्चा करनी है और अपने-पराये 'मन की बात' की बात करनी है और हाथ झाड़कर कर चले जाना है. झिकझिक करेंगे तो भी दो चार मिनट. फिर रात गई, बात गई. कल फिर कोई ऐसी-वैसी नई झिकझिक. हम नेताओं की तरह मन में दुश्मनी पालकर कभी नहीं कहेंगे कि...कभी भूलता नहीं. 

वैसे आज यह 'झिकझिक' की बात तेरे दिमाग में आई कैसे ?

बोला- आजकल जगह-जगह खुदाई, कमरे-खुलाई, फोटो उतराई का दौर-दौरा पड़ा हुआ है. कोई ताजमहल के कमरे खुलवा रहा है तो कोई ज्ञानवापी की विडियोग्राफी करवा रहा है.  

हमने कहा- ये लोग उस संस्कृति के उपासक है जो न खुद जीते हैं और न किसी को जीने देते हैं. घृणा और दुश्मनी  के बिना इनका हीनभावनाग्रस्त पौरुष संतुष्ट ही नहीं होता.

बोला- लेकिन कोर्ट ने ताजमहल वाले मामले में तो फरियादियों को डांट पिला दी लेकिन ज्ञानवापी की वीडियोग्राफी चालू है.

हमने कहा- यह तो ताजमहल के कमरे खुलवाने वालों को भी पता था. सरकार को भी ताजमहल की यथास्थिति बरकरार रखनी है. सो कोर्ट ने एक में डांटकर संतुलन बना दिया वास्तव में जो कुछ ज्ञानवापी में करवाना था वह तो चालू है ही.  'ज्ञानवापी' का मतलब है 'ज्ञान की वापी' (बावड़ी) यदि उसमें से 'ज्ञान का जल पीना' है तो पी लो. 

बोला- फिर भी झिकझिक तो चल ही रही है. जयपुर राजघराने की दिया कुमारी ने ताजमहल को अपना बता दिया है. वैसे झिकझिक तो मैं भी कर सकता था कि जब मेरे पूर्वज कुम्भनदास के साथ अकबर के पास गए थे तो उन्हें, जहां आजकल ताजमहल बना हुआ है, वहाँ की ज़मीन दिखाकर अकबर ने कहा था कि आप चाहें तो यहाँ मज़े से खेती कर सकते हैं. फिर हमारे पूर्वज राजस्थान आ गए लेकिन अधिकार तो बनता ही है.  

हमने कहा- यदि ऐसा है तो तोताराम, हमारा भी एक मामला बनता है. अमरीका के 'व्हाइट हाउस' की खुदाई करवाई जानी चाहिए. उसमें हमारे पूर्वजों के अधिकार वाला एक राम मंदिर निकलेगा.

तोताराम बोला- मास्टर, तो बोलता कम है लेकिन जब बोलता है तो कफ़न फाड़. वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के नीचे राम मंदिर ? वायरल होते ही दुनिया भर के चेनल वालों की लाइन लग जायेगी. वैसे तेरे इस दावे का आधार क्या है ?

हमने कहा- ऐसे दावों के आधार भी ऐसे ही होते हैं. जब अहिरावण राम और लक्ष्मण को देवी की बलि देने के लिए  पाताल में गया था तो उनकी खोज में हनुमान जी वहाँ गए थे. उन्होंने अहिरावण को मारकर वहाँ का राज अपने 'विचित्र पुत्र' को दे दिया था.

बोला- दत्तक पुत्र, औरस पुत्र, क्षेत्रज पुत्र, मानस पुत्र आदि तो सुने थे. वैसे पुत्र तो पुत्र होता है लेकिन यह  'विचित्र-पुत्र' क्या हुआ ? 

हमने कहा- लंका दहन के बाद जब हनुमान जी ने समुद्र में अपनी पूंछ बुझाई तो उनके टपके पसीने की एक बूँद एक मछली पी गई और गर्भवती हो गई. उससे जो बच्चा हुआ वही मकरध्वज कहलाया और उसे हनुमान जी का पुत्र माना जाता है. 

तोताराम उत्सुकता से बोला- लेकिन लंका जलाने के एक महीने बाद तो रावण मारा गया था. तो क्या एक महीने में ही हनुमान जी का पुत्र पैदा होकर अहिरावण के यहाँ चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर भी बन गया. बहुत फ़ास्ट मामला है.

हमने कहा- पुराणों पर शंका करके क्यों धर्मप्राण देशभक्तों के द्वारा अपनी हत्या को निमंत्रण देता है. सुना नहीं, पट्टाभि सीतारामैया की एक कहानी सुनाने पर तो लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर की जान पर बन आई है. और तू हनुमान-पुत्र पर शंका कर रहा है. पुराणों पर प्रश्न करना ही पाप और प्राणदंड का अपराध बनता है. 

बोला- फालतू बातें छोड़ और शीघ्र 'वाशिंगटन के राम मंदिर' की बात बता.

हमने कहा- रामजी के अयोध्या लौट जाने के बाद कुछ दिन उनके साथ रहकर हनुमान जी भी लौट गए. वे कभी- कभी अपने विचित्र पुत्र के यहाँ पाताल में भी चले जाते थे. वहाँ उनके पुत्र मकरध्वज ने उनके पूजा करने के लिए राम-मंदिर बनवा दिया. कालान्तर में हमारे पूर्वजों को उसका पुजारी नियुक्त किया गया. हमारे पूर्वजों को अमरीका की ठण्ड बर्दाश्त नहीं हुई तो वे भारत लौट आये. हजारों साल बाद योरप के कुछ गोरे लोग वहाँ गए और कब्ज़ा कर लिया. कालान्तर में आज के अमरीका ने उस स्थान पर बने मंदिर को गिराकर अपने राष्ट्रपति का निवास स्थान 'व्हाइट हाउस' बना लिया. 

पहले उस राममंदिर का नाम हनुमान जी के एक पर्यायवाची 'शंकरसुवन' के नाम पर 'शंकरसुवन राम मंदिर' रखा गया था जिसे बदलकर गोरों ने 'वाशिंगटन' रख दिया.

बोला- तो बता, अब मुझे क्या करना है ? 

हमने कहा-अगर हो सके तो एक अर्जी किसी 'हिन्दू गौरव रक्षा सेना' के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम से लगवा दे. क्या पता, कल को चुनाव में विधायक का टिकट ही मिल जाए. हम मोदी जी की तरह दो-दो बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी संतुष्ट न होने वाले नहीं हैं. हम तो एक बार विधायक हो जाएँ उसके बाद भले ही शपथ-ग्रहण करते ही ख़ुशी से हार्ट फेल हो जाए. कम से कम भूतपूर्व विधायक तो कहलायेंगे. घर वालों को मुफ्त इलाज तो मिलेगा.

बोला- वैसे यह तो सच है ही कि अहिरावण रावण का रिश्तेदार था और अपनी किसी देवी को राम-लक्ष्मण की बलि देने के लिए ले गया था. इससे यह तय होता है कि वहाँ देवी का मंदिर था. दूसरे जब वह रावण का रिश्तेदार था तो शिव का भक्त भी होगा. शिव और देवी में एक चीज कॉमन है- त्रिशूल. इसलिए वहाँ त्रिशूल या शिवलिंग में से एक तो निकलेगा ही. और उस स्थिति में अमरीका में बसे बीस लाख हिन्दू पूजा पाठ शुरू कर देंगे. 

हमने कहा- लेकिन क्या कैपिटल हिल ( व्हाइट हाउस ) में घुसना इतना आसान है ?

बोला- क्यों नहीं, जनवरी २०२० में व्हाइट हाउस पर कब्ज़ा करने के लिए, 'मेक अमरीका गेट अगेन' वाले ट्रंप के समर्थक गुंडे नहीं घुस गए थे ? अमरीका में रहने वाले हमारे धर्म-प्राण भाई हिंदुत्व की रक्षा के लिए यदि कैपिटोल हिल में नहीं घुस सकते तो कम से कम उसके सामने सड़क पर बैठकर वहाँ हनुमान चालीसा या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ तो कर ही सकते हैं.  'अबकी बार : ट्रंप सरकार' के नारे से मुग्ध हम सच्चे हिन्दू तो अब भी २०२४ में ट्रंप की वापसी का स्वप्न देख रहे हैं. 

हमने कहा- लेकिन खुदाई के लिए  जे.सी.बी. का प्रबंध तो वहीं से करना पड़ेगा क्योंकि हम तो स्पेयर कर नहीं  सकेंगे.  हमारी तो सारी जे.सी.बी. भारत को 'मेक अमरीका ग्रेट अगेन' की तरह 'हिन्दू राष्ट्र' बनाने के लिए मस्जिदों की खुदाई में व्यस्त हैं.    




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