Nov 18, 2022

दुआओं का असर

दुआओं का असर 


आज तोताराम को आने में कुछ विलम्ब हो गया।  

तमाम सुबह क़यामत का इंतज़ार किया लेकिन जब नहीं आया तो उसके चाय वाले गिलास को जैसे ही ठिकाने लगाने के लिए हाथ बढ़ाया पता नहीं, कहाँ से तोताराम प्रकट हुआ और बोला- अरे, दस-पांच मिनट की देर क्या हुई कि तेरा ईमान डोल गया।  अपनी वाली के बाद मेरे वाली चाय पर भी नीयत ख़राब कर ली।  तेरा हाल भी नेताओं जैसा हो रहा है।  खुद तो जितनी बार भी विधायक या सांसद बन जाते उतनी ही पेंशनें  पेलेंगे और चालीस-चालीस साल वालों को एक पेंशन देने में हजार नखरे।  डीए भी ऐसे रुला-रुलाकर देंगे जैसे कोई भीख दे रहे हों।  चाय ढककर रख दे।  पहले ये पकौड़े खा।  मैं तो चाय और पकौड़े दोनों सूँत कर आया हूँ। चाय बनेगी तो एक और पी लूँगा नहीं तो कोई बात नहीं। 

हमने कहा- आज तो बड़ा मेहरबान हो रहा है जैसे कि आजकल नेता हिमाचल और गुजरात में तरह-तरह की रेवड़ियां बाँट रहे हैं।  

बोला- आज पहली बार दोनों भाइयों की दुआएं एक साथ फली हैं ना ।  

हमने कहा- हमने तो तेरे साथ कोई दुआ नहीं मांगी।  

बोला- तू मेरे साथ कब से आने लगा।  तेरा तो मुझसे नेहरू और मोदी जी वाला रिश्ता है।  मैं तो भारत और पाकिस्तान की दुआओं के फलने की बात कर रहा हूँ। 

हमने कहा- पाकिस्तान तो मुस्लिम देश है, हमारा भाई कैसे हो सकता है ? 

बोला- क्या कौरव और पांडव भाई भाई नहीं थे।  इस २०-२० क्रिकेट में उसने हमारे हारने की और बाद में हमने उसके हारने की दुआ मांगी और मज़े की बात देख मालिक ने दोनों की सुन ली।  दोनों ही हार गए।  

हमने तोताराम के लाये अधिक से अधिक पकौड़े मुट्ठी में भरते हुए कहा- इसी पर तो बन्दर और दो बिल्लियों की कहानी बनी है।  इसी भ्रातृप्रेम के चक्कर में तो अंग्रेज दो सौ साल हम दोनों को रगड़ते रहे।जैसे कि आज भी भारत की हिन्दीतर भाषाओं और हिंदी की लड़ाई में अंग्रेजी ने कब्ज़ा जमा रखा है।   

यह वैसा ही आशीर्वाद है जैसा एक विधवा अपने पैर छूने वाली सुहागिन को देती है- हो जा बहना, मुझ जैसी।   

बोला- फिर भी अब हमें ब्रिटेन के जीतने में भी संतोष है। क्या तू इतनी उदारता नहीं दिखा सकता। अब तो ब्रिटेन पर भी अपने ब्राह्मण भाई,सुनक का राज है।  कल हम जिसके उपनिवेश थे वह आज अपने अंडर में आ गया है।  यह सुनक उसी  शौनक ऋषि का बाप है जो सप्तऋषियों में शामिल है और जो कभी भारत में १० हजार शिष्यों का गुरुकुल चलाता था। इस प्रकार ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सच सिद्ध हो गई और एक प्रकार से भारत २०-२० वर्ल्ड कप जीतेगा।  

हमने कहा- इस हिसाब से तो पाकिस्तान भी खुश हो सकता है कि सुनक के पूर्वजों की जड़ें कभी गुजरांवाला में थी।  

बोला- इसी तरह सोचेगा तो कभी न कभी विश्वबन्धुत्त्व तक भी पहुँच जाएगा।  पाकिस्तान बाबरी मस्जिद का ध्वंस करवाने वाले आडवाणी जी और महान अर्थशास्त्री मनमोहन जी पर भी गर्व कर सकता है।ये दोनों भी वर्तमान पाकिस्तान से ही भारत आये थे। और तो और चाणक्य पाकिस्तान स्थित तक्षशिला विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे और संस्कृत का आदि वैयाकरण पाणिनी भी वर्तमान पाकिस्तान का ही था।  

हमने कहा- और इसमें यह भी जोड़ ले कि सिक्ख धर्म का पवित्रतम स्थान ननकाना साहिब पाकिस्तान में है और मोदी जी के चुनाव क्षेत्र काशी के विश्वनाथ का ओरजिनल स्थान 'कैलाश' चीन में है।  

बोला- तभी तो एक शंकरचार्य जी मक्का तक में 'मक्केश्वर महादेव' बता रहे हैं।  

हमने कहा- इस प्रकार तो धर्मद्रोही कुछ भी कहें ज्ञानवापी वाला फव्वारा पक्कम पक्का शिवलिंग है ।  




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