Jul 19, 2023

2023-07-19 ये तो नड्डा हैं


ये तो नड्डा हैं 

हम जैसे ही आज सवेरे पाँच बजे दूध लेने के लिए घर से निकले कि तोताराम हाजिर । 

हमने कहा- यह तो वही हुआ- गाँव बसा नहीं कि भिखमंगे हाजिर । 

बोला- भिखमंगे तो सेवक और शासक बने हुए है जो आजकल 24 के चुनाव से पहले ही गैंग बनाकर निकल पड़े हैं । मैं तो अपनी पेंशन से संतुष्ट हूँ । मुझे भीख मांगने की क्या जरूरत है ?  

हमने पूछा- तो फिर बैठ हम दूध लाते हैं । उससे पहले चाय तो बननी नहीं । 

बोला- आज चाय का नहीं, दिल्ली का प्रोग्राम है । 

हमने कहा- अगर हम जैसों को ही दिल्ली नसीब होनी होती तो बरामदे में बैठे-बैठे अस्सी पार नहीं हो जाते । जैसे आडवाणी जी को प्रधानमंत्री का पद मिलना होता तो निर्देशक मण्डल की आजीवन अध्यक्षता गले नहीं पड़ती । फिर भी तेरा दिल्ली का कार्यक्रम किसलिए बन रहा है ? कहीं मोदी जी ने तो नहीं बुलाया लिया ?

बोला- ऐसे समय में मैं मोदी जी के बुलावे का इंतजार नहीं कर सकता है । उन्हें तो मणिपुर वालों को संभालने और पहलवान लड़कियों से बात करने तक का समय नहीं मिल रहा है । इस समय तो देश का सत्यानाश करने वाले लोगों से देश को बचाने के लिए एन डी ए का विस्तार करने में लगे हुए हैं । हारे और बिना एक भी सांसद वाले दलों को भी कबाड़ रहे हैं । काँग्रेस ने 28 दल जुटा लिए तो इन्हें भी कम से कम 56 तो चाहियें ही । 

हमने कहा- ये तो पहले से ही 56 इंची हैं । एक अकेला सब पर भारी । अब क्यों चिराग लेकर, किनारे लगा दी गई  जीरो सांसद वाली 25 पार्टियों  के लिए स्वागतम का बोर्ड लगाकर एयर इंडिया के महाराजा की तरह खड़े हुए हैं ? 

बोला- तभी तो । आज मोदी जी को जब गिनती बढ़ाकर विपक्षियों से बड़ा अलाइन्स दिखाना है तो अपनी पार्टी को भी इस नड्डा गठबंधन में शामिल कर देते हैं । 

हमने कहा- तेरी कौन सी राजनीतिक पार्टी है । कब रजिस्ट्रेशन करवाया ? 

बोला- जब देश हजार तौबा करके डिग्री नहीं देख पाया, केयर फंड का हिसाब पता नहीं कर पाया, 20 हजार करोड़ रुपए के असली मालिक का नाम पता नहीं कर पाया तो हमारे दल के रजिस्ट्रेशन और नाम से किसी को क्या फ़र्क पड़ जाएगा ?  समझ ले हमारी पार्टी का नाम है- एन डी ए । 

हमने कहा- लेकिन एन डी ए तो मोदी जी के गठबंधन का नाम है ।  

 बोला- क्या नाम और एब्रिविएशन (संक्षिप्तीकरण) पर किसी का ठेका थोड़े ही है । अटल जी ने भी तो नेशनल डिफेंस अकेडमी (एन डी ए ) के होते हुए एन डी ए बना लिया तो हम एन डी ए क्यों नहीं बना सकते ? 

हमने पूछा- तो फिर तेरे इस 'एन डी ए' का फुल फॉर्म क्या है ? 

बोला- नोट डूइंग एनीथिंग । 

हमने पूछा- तो क्या तू यह इशारा करना चाहता है कि नेशनल डेमोक्रेटिक अलाइन्स ने कुछ नहीं किया ?

बोला- ऐसी बात नहीं है । लेकिन पिछले नौ साल में क्या कभी एन डी ए का नाम सुना ? अरे, एन डी ए तो छोड़ लोगों को तो विदेशमंत्री, रेलमंत्री, रक्षामंत्री तक के नाम नहीं मालूम । मोदी जी के अलावा सभी तो 'नोट डूइंग एनीथिंग'  ही तो हैं । ऑनली डूइंग मोदी मोदी । 

हमने कहा- लेकिन अब जैसे विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA  ( I से इंडिया, N से नेशनल, D से डेवलपमेंटल , I से इनक्लूसिव और A से अलायंस )  हो गया वैसे क्या एन डी ए ने भी कोई रूप-परिवर्तन किया है ?

बोला- किया क्यों नहीं ? अब  NDA में N का मतलब न्यू इंडिया है, D का मतलब डेवलप्ड नेशन यानी विकसित राष्ट्र ओर A का अर्थ है एस्पिरेशन यानी लोगों की आकांक्षा है। D से डेमोक्रेटिक कहीं नहीं है । 

हमने कहा- यदि इसे  नेशनल अलाइन्स ऑफ डबल डेवलपमेंट एसपिरेशन NADDA कर दिया जाए तो कैसा रहेगा ? एक पंथ दो काज । इससे यह भी पता चल जाएगा कि 2014 से पहले घुटनों के बल रेंग-रेंगकर खिसकने वाला भारत नौ साल में मोदी जी के नेतृत्व में कैसे फर्राटा दौड़ लगाने लग गया है । 

बोला- हो तो सकता है लेकिन मोदी जी के होते हुए फ्रेम में उनके अलावा भगवान भी नहीं आ सकते ये तो नड्डा  हैं ।

  


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(c) सर्वाधिकार सुरक्षित - रमेश जोशी । प्रकाशित या प्रकाशनाधीन । Ramesh Joshi. All rights reserved. All material is either published or under publication. Jhootha Sach

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