Jan 20, 2025

2025-01-20 ट्रम्प का शपथ ग्रहण समारोह और कुम्भ-स्नान


2025-01-20  

ट्रम्प का शपथ ग्रहण समारोह और कुम्भ-स्नान  

 

 

 

 

अमेरिका में धुंध छँट गईउसे ग्रेट बनाने वाला लोकतंत्र का 79 वर्षीय ट्रम्प रूपी सूरज दमक रहा हैलेकिन हमारे यहाँ आज फिर धुंध शुरू हो गईबरामदे में बैठने का प्रश्न ही नहींमन तो रजाई में से निकलने का भी नहीं हो रहाहालाँकि महिला अघोरी चंचलनाथ तरह तरह की आधुनिक वेशभूषाओं में सजकर गंगा तट पर घूम रही हैभागा दिए गए हर्षा रिछारिया और तथाकथित आई आई टी बाबा अब भी मीडिया में छाए हुए हैंसारी आस्था के बावजूद स्टीव जॉब्स की विधवा हाथ की एलर्जी से परेशान होकर, कल्पवास छोड़कर भूटान चली गई हैंसुना है राजनाथ सिंह ने भी डुबकी लगा ली हैठीक है, क्षत्रिय हैं, रक्षामंत्री हैं, युवा हैं; नहाने का साहस जुटा सकते हैं 

इन्नोवेटिव गोदी मीडिया ने कृत्रिम मेधा के बल पर शी जिन पिंग, पुतिन और शपथ ग्रहण के व्यस्त कार्यक्रम में से निकलवा कर ट्रम्प को भी कुम्भ में स्नान करवा दिया हैगंगा-स्नान तो मोदी जी ने भी किया ही होगा लेकिन प्रचार और प्रदर्शन से दूर रहने वाले संकोची प्राणी है इसलिए कहीं स्नान करते हुए फ़ोटो दिखाई नहीं दियावैसेकरें तो भी कोई बात नहीं; ंगा-पुत्र ैं  

जिस अनंत अंबानी को योगी जी खुद निमंत्रण-पत्र देकर आए थे वह कहीं कुम्भ स्नान करता दिखाई नहीं दियाहम भी नहीं गएसर्दी से जान बचेगी तो कुम्भ भी नहा आएंगेगंगा कौनसी भागी जा रही हैहमारी गंगा तो रैदास की तरह हमारे कठौते में ही हैअंधविश्वासियों के लिए ईश्वर किसी खास स्थान, दिन और समय पर सक्रिय होता हैहमारे लिए तो ईश्वर सर्वव्यापी और कण-कण में व्याप्त हैसुना है गीता प्रेस के पंडाल में आग लग गईहो सकता है सुंदरकांड की प्रतियां अधिक संख्या में रखी हुई होंआग सुंदरकांड में ही लगती है फिर चाहे वह पंडाल में हो या मस्जिद के सामनेआग में भस्म तो आचार्य प्रशांत की किताबों का स्टाल भी हो गया लेकिन उसके पीछे कोई सुंदर-असुंदर कांड नहीं बल्कि सबसे बड़े आध्यात्मिक देश के धर्म-प्राण बाबा बताए जाते हैं जिनके आडंबर को उपनिषदों का अध्यात्म बर्दाश्त नहीं होता ।   

हम रजाई में घुसे-घुसे कुम्भ की काल्पनिक यात्रा कर ही रहे थे कि सड़क से तोताराम का दीर्घ स्वर सुनाई दिया- भाभी, मास्टर का कोई समाचार आया कि नहीं ? हमें आश्चर्य हुआहम सीकर में सदेह उपस्थित हैं और यह पत्नी से हमारे हालचाल पूछ रहा हैहमीं ने ऊँची आवाज में उत्तर दियाहम यहीं हैं, अंदर आजाहमें अभी भी 18 महिने के डीए के एरियर का इंतजार है इसलिए ऐसी ठंड में गंगा-स्नान करके दिवंगत नहीं होना चाहतेलेकिन आज हमारे समाचार अपनी भाभी से क्यों पूछ रहा है और वह भी सड़क पर से ही 

बोला- मैंने सोचा, अपने समधी, ईशा अंबानी पीरामल के पापा मुकेश भाई अपने व्यक्तिगत प्लेन से ट्रम्प के शपथ-ग्रहण समारोह में गए है तो शायद तू भी चला गया होइतना बड़ा प्लेन होता है, दे दी होगी लिफ्टलोग तो लटककर चले जाते हैंतेरे पास वीजा तो है ही 

हमने कहा- अगर हम कहते तो मुकेश भाई मना तो हीं रते ेकिन ुना नके ाथ ाने दमी ेट 85 रोड़ ुपए हाँ ाते ? 

बोला- खाने का क्या हैचाहता तो ब्राह्मण है पाँच-सात दिन का उपवास भी कर सकता हैमोदी जी तो नवरात्र में नौ दिन उपवास करते हैंऔर नहीं तो अपने साथ गुड़ और बाजरे की 15-20 रोटियाँ ले जाता 

हमने कहा- ट्रम्प राष्ट्रपति है  लेकिन मूलतः तो धंधा करने वाला ही हैभले ही दो रोटियाँ ही खाओ याखाओ लेकिन पैसे पूरी एक डाइट के लेता 

बोला- अगर तेरे खाने के पैसे मुकेश भाई दे देते तो ? 

हमने कहा- तो भी हम नहीं जातेव्यापारियों का तो क्या हैउन्हें सबके साथ धंधा करना होता हैवे सबको खुश रखते हैंजैसे अंग्रेजों के समय में जो सेठ गाँधी जी की मदद करते थे तो अंग्रेजों को भी वार फंड में चन्दा देते थेक्या यहाँ के सेठों ने इलेक्ट्रॉल बॉण्ड भाजपा के साथ साथ कांग्रेस, आप आदि को नहीं भी दिए ? विष्णु हरि डालमिया विश्व हिन्दू परिषद में थे तो क्या उनके ुत्र लायम सि साथ नहीं थे ?  

हम धंधा नहीं करतेहम सच्चे भक्त हैंजब ट्रम्प ने विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हमारे मोदी जी को नहीं बुलाया तो हम थूकते हैं ऐसे निमंत्रण परअबकी बार अमेरिका जाना हुआ और ट्रम्प ने मिलने की इच्छा ज़ाहिर की तो भी हम साफ मना कर देंगे ।  आखिर राष्ट्र और राष्ट्र-पुरुष के मानापमान का प्रश्न जो है 

 

-रमेश जोशी  

 


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